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Friday, 22 November, 2024
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गोडसे और सावरकर के कथित ‘शारीरिक संबंध’ के मामले ने तूल पकड़ा, परिवार और शिवसेना तिलमिलाई

किताब में यह भी जिक्र किया गया है कि सावरकर अपने अनुयायियों को अल्पसंख्यक महिलाओं के साथ बलात्कार करने के लिए प्रोत्साहित करते थे और 12 साल की उम्र में मस्जिदों में पत्थर फेंका करते थे.

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नई दिल्ली: सावरकर और गोडसे के शारीरिक संबंध को लेकर कांग्रेस सेवा दल की पुस्तिका में किए गया गया दावा राजनीतिक हलकों में मामला तूल पकड़ रहा है. एक तरफ जहां सावरकर के पोते रंजीत ने किताब पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है वहीं उन्होंने कांग्रेस सेवा दल के नेताओं पर आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की बात भी की है. दूसरी तरफ शिवसेना ने एकबार फिर कांग्रेस को हद में रहने की हिदायत दे दी है. संजय राउत ने कहा, ‘वीर सावरकर एक महान व्यक्ति थे और एक महान व्यक्ति बने रहेंगे. एक वर्ग उसके खिलाफ बात करता रहता है, यह उनके दिमाग में गंदगी को दिखाता है.’

मध्यप्रदेश में कांग्रेस सेवादल की 10-दिवसीय शिविर के दौरान एक पुस्तिका का वितरण की गई है. इस किताब में दावा किया गया है कि सावरकर का गोडसे के साथ ‘शारीरिक संबंध’ था.

पुस्तिका में यह भी दावा किया गया कि सावरकर ने अपने अनुयायियों को अल्पसंख्यक महिलाओं का बलात्कार करने के लिए प्रोत्साहित किया और वह जब 12 वर्ष के थे तो उन्होंने मस्जिदों पर पथराव किया.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है. सिंह ने कहा कि कांग्रेस दावा करती है कि हिंदू महासभा के सह-संस्थापक विनायक दामोदर सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के एक दूसरे से शारीरिक संबंध थे. उन्होंने कहा कि पार्टी ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि वे ‘जिन्ना का आदर्श’ मानती है. सिंह ने बताया, ‘वह दिन दूर नहीं जब वे (कांग्रेस) एक किताब पढ़ेंगे और कहेंगे कि जिन्ना कितने अच्छे नेता थे. वे जिन्ना को आदर्श मानते हैं और यही कारण है कि वे सावरकर को गाली देते हैं.’

कांग्रेस पार्टी के खिलाफ अपने तेवर जारी रखते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस का सिर्फ एक एजेंडा है जो देश को कमजोर करने और पाकिस्तान की भाषा बोलने के लिए है. कांग्रेस उसी तरह का व्यवहार करती है जैसे 1947 से पहले जिन्ना करते थे.’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370, सर्जिकल स्ट्राइक, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और ट्रिपल तालक पर कांग्रेस और पाकिस्तान का रुख हमेशा एक जैसा रहा है.

पोते रंजीत सावरकर बोले कांग्रेस सेवा दल के खिलाफ केस हो

वहीं दूसरी तरफ विनायक दामोदर सावरकर के पोते रंजीत सारवरकर ने मध्यप्रदेश सरकार और पार्टी से मांग की कि कांग्रेस सेवा दल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि उनके शिविर के दौरान ही पुस्तिका वितरित की गई थी.

रंजीत ने कहा , ‘कांग्रेस सावरकर को बदनाम करने की साजिश रच रही है. पार्टी स्वतंत्रता सेनानी सावरकर पर अनर्गल आरोप लगाकर देश में अराजकता फैलाने की साजिश कर रही है.’

रंजीत ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, सरकार को कांग्रेस सेवा दल के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए. रंजीत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी इस मामले में कड़े कदम उठाने की मांग की है. उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में आईपीसी की धारा 120, 500,503,504,505,506 के तहत केस दर्ज किया जाना चाहिए और मध्यप्रदेश सरकार को इस किताब पर प्रतिबंध भी लगाना चाहिए.

कांग्रेस सेवा दल के 10 दिनों तक चले कैंप के दौरान वितरित की गई इस किताब का टाइटल है वीर सावरकर कितने वीर?

कांग्रेस सेवा दल के प्रमुख लालजी देसाई ने अपनी सफाई में कहा कि लेखक ने यह किताब साक्ष्यों के आधार पर लिखी है. लेकिन हमारे लिए यह महत्वपूर्ण नहीं है कि वह ‘गे’ थे या नहीं थे. आज हमारे देश में हर किसी को अपने लिए साथी चुनने का कानूनी अधिकार प्राप्त है.

इस पुस्तक में लैरी कॉलिन्स और डोमिनिक लैपिएरे द्वारा लिखित किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ के पेज नंबर 423 का उल्लेख भी किया गया है जिसमें कहा गया है कि गोडसे का ब्रह्मचर्य से पहले अपने राजनीतिक गुरु सावरकर के साथ समलैंगिक संबंध थे. यही नहीं किताब में यह भी जिक्र किया गया है कि सावरकर ने अपने अनुयायियों को अल्पसंख्यक महिलाओं के साथ बलात्कार करने के लिए प्रोत्साहित करते थे और 12 साल की उम्र में मस्जिदों में पत्थर फेंका करते थे.

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