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Saturday, 21 December, 2024
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मोदी का करिश्मा धुंधला पड़ रहा, वापसी मुश्किल: सांसद पीडी राय

सिक्किम के सांसद पीडी राय की पार्टी सिक्किम डेमाक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल है.

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नई दिल्ली: सिक्किम के एकमात्र सांसद पीडी राय का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करिश्मा अब धुंधला पड़ता जा रहा है और विपक्षी दलों का महागठबंधन अगर आकार ले लेता है तो भाजपा के लिए 2019 में सत्ता वापसी करना काफी मुश्किल होगा.

पीडी राय की पार्टी सिक्किम डेमाक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की घटक है.

राय ने संसद भवन में एक साक्षात्कार में कहा, ‘हम बतौर एक क्षेत्रीय पार्टी अगला चुनाव जरूर जीतेंगे, लेकिन राष्ट्रीय परिदृश्य को देखते हुए मुझे लगता है कि मोदीजी का करिश्मा धुंधला गया है. भाजपा ने जिस तरह भेदभाव की नीति के साथ काम किया है, उसके परिणाम अब सामने आ रहे हैं.’

दो बार के सांसद राय ने यह भी कहा, ‘संसद की कार्यवाही न चलना हमारे जैसे छोटे दलों को प्रभावित कर रहे हैं और हमारे अधिकार बड़े दलों द्वारा रौंदे जा रहे हैं.’

हालिया चुनावों में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए राय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को छोड़कर कांग्रेस मध्य प्रदेश व राजस्थान में बहुत ही मामूली अंतर से जीती है, लेकिन विपक्षी दल बेहतर तरीके से अपने कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार करने में सक्षम होगा और इससे उनकी सीटों की संख्या बढ़ सकती है.

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि लोकसभा चुनाव में दोनों पक्षों के बीच मुकाबला कड़ा रहेगा और अगर महागठबंधन आकार ले लेता है तो भाजपा के लिए यह बड़ी समस्या बन सकता है.’

राय ने दावा किया कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस सहित सभी दलों के भीतर जोर-शोर से मंथन चल रहा है.

आईआईटी-खड़गपुर और आईआईएम-अहमदाबाद के पूर्व छात्र रहे एसडीएफ सांसद ने जोर देकर कहा कि जनता और बुद्धिजीवी वर्ग सीबीआई और आरबीआई जैसे संस्थानों पर कथित रूप में मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे हमलों के तरीकों से बिल्कुल खुश नहीं है. यह भाजपा के खिलाफ जा सकता है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि एक पार्टी के एकमात्र लोकसभा सांसद होने के नाते वह हमेशा राज्य के सीमा हितों की रक्षा के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के साथ ही जाएंगे.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बारे में पूछने पर राय ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कमान संभालने के बाद उन्हें पार्टी के भीतर युवाओं को जगह देने के लिए कई तरीकों से मुश्किल भरे दौर से गुजरना पड़ा. लेकिन वह ऐसा करने में सफल रहे. उन्हें यह भी समझ आ गया कि उन्हें न केवल युवाओं को समर्थन देना है, बल्कि वरिष्ठ लोगों को भी साथ लेकर चलना है, जो पार्टी के लिए बहुत मूल्यवान हैं.

राय ने कहा, ‘कमलनाथ और अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए से कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में एक अच्छा संदेश गया है. मुझे लगता है कि कांग्रेस के लिए यह बहुत सकरात्मक चीज है.’

वित्त संबंधी संसद की स्थायी समिति के सदस्य राय ने कहा कि देश में किसानों की दुर्दशा एक बड़ी समस्या है. उन्होंने जोर देकर कहा कि कर्जमाफी इसका हल नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘अगर आप कर्ज माफ करते हैं तो राजकोषीय घाटा जैसी एक बड़ी समस्या सामने आती है. यह कहना लोकवादी होना है कि मैं कर्ज माफ कर दूंगा. दूसरी तरफ लोग कहते हैं कि अगर कॉरपोरेट ऋण माफ किए जा सकते हैं, तो किसानों के ऋण क्यों नहीं. लेकिन कृषि क्षेत्र में समग्र और संरचित सुधारों पर लंबे समय से ध्यान नहीं दिया गया है.’

राय ने कहा, ‘यह एक ऐसी चीज है जिस पर हमें गौर करना होगा. किसानों की कई समस्याएं हैं और हमें पूरे संकट को समग्र रूप से देखना होगा.’

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