वृन्दावन: अभिनेत्री से सांसद बनीं और लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी की मथुरा से प्रत्याशी हेमा मालिनी को उम्मीद है कि अगले पांच साल में कृष्ण जन्मभूमि विवाद खत्म हो जाएगा. उन्होंने सोमवार को दिप्रिंट को दिए एक विशेष इंटरव्यू में कहा, “हम निश्चित रूप से जल्द ही कुछ भव्य देखेंगे.” उन्होंने कहा कि यह उनके लिए सौभाग्य की बात होगी.
हेमा मालिनी लगातार तीसरी बार संसद के निचले सदन में मथुरा का प्रतिनिधित्व कर सकती हैं.
जनवरी में अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद से कृष्ण जन्मस्थान को लेकर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जल्द ही मथुरा की बारी आएगी. हेमा मालिनी ने कहा, “यह अगले कुछ साल में किया जाएगा. अगर ऐसा नहीं होता है, तो हम इंतज़ार करेंगे और देखेंगे.”
22 अप्रैल को छतरपुर में एक बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अयोध्या के राम मंदिर और उज्जैन के महाकाल लोक के बाद मथुरा के लिए बीजेपी की योजनाओं का भी ज़िक्र किया और कहा कि ऐसा करने के लिए लोगों को बीजेपी को वोट देना ही होगा.
14 दिसंबर 2023 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जन्मभूमि मंदिर के बगल में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी, लेकिन 16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी. शीर्ष अदालत ने पिछले हफ्ते ही रोक की अवधि को और बढ़ा दिया.
हालांकि, हेमा मालिनी की सर्वोच्च प्राथमिकता बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले साल परियोजना के निर्माण की मंजूरी दे दी थी. उन्होंने कहा, “यह जल्द ही किया जाना चाहिए. मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन जगह की कमी के कारण समस्याएं होती हैं.”
दो बार की सांसद अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं. उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “मेरे प्रशंसकों और समर्थकों ने मुझसे तीसरी बार चुनाव लड़ने के लिए कहा. पिछले 10 साल में मैंने जो परियोजनाएं शुरू कीं, वे अगले कार्यकाल में पूरी हो सकती हैं, यही वजह है कि मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया.” उन्होंने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र में उनके काम के कारण भाजपा ने उन्हें एक और मौका दिया.
मथुरा में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना है. हेमा मालिनी को इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार मुकेश धनगर चुनौती दे रहे हैं.
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इस बार RLD से आमना-सामना नहीं
मथुरा सालों से बीजेपी का गढ़ रहा है. इस सीट के लिए बीजेपी और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के बीच कई बार मुकाबला हो चुका है, लेकिन इस बार आरएलडी खुद एनडीए की सदस्य बन गई है, जिससे बीजेपी उम्मीदवार के लिए चीज़ें आसान हो गई हैं. उन्होंने कहा, “आरएलडी के साथ, वोट शेयर अधिक होगा. हम हमेशा जयंत चौधरी की पार्टी के साथ आमने-सामने थे, लेकिन अब हमें बेहतर नतीजों की उम्मीद है.”
2014 में हेमा मालिनी ने मथुरा में आरएलडी के जयंत चौधरी को 4 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. 2019 में उनका वोट शेयर 60 फीसदी से ज्यादा था.
इससे पहले 2009 में चौधरी वहां से सांसद चुने गए थे. उस समय, वास्तव में, हेमा ने उनके लिए प्रचार भी किया था. चौधरी ने 21 अप्रैल को मथुरा में एक बैठक में कहा, “मैं वादा करता हूं कि मैं भविष्य में उनके खिलाफ कभी चुनाव नहीं लड़ूंगा.”
लेकिन लोकसभा चुनाव के पहले चरण में कम मतदान से बीजेपी और हेमा मालिनी चिंतित हैं. सोमवार को मथुरा के मांट विधानसभा क्षेत्र में अपनी कई सभाओं में दिग्गज अभिनेत्री ने लोगों, खासकर महिलाओं से वोट करने की अपील की. 19 अप्रैल के मतदान प्रतिशत में 2019 की तुलना में गिरावट दर्ज की गई, खासकर उन सीटों पर, जहां एनडीए ने पांच साल पहले जीत हासिल की थी.
हेमा मालिनी ने दिप्रिंट से कहा, “हम इस बात पर जोर देते हैं कि मतदाता अपना वोट डालें. हर कोई जानता है कि हम (भाजपा) जीतेंगे, लेकिन अंतर जनता पर निर्भर करेगा. उनके लिए जाना और मतदान करना महत्वपूर्ण है. समस्या यह है कि यह कहने के बाद कि भाजपा जीतेगी, वे अपने घरों में बैठे रहते हैं, लेकिन चुनाव के समय हर व्यक्ति का वोट ज़रूरी और महत्वपूर्ण है. मेरा वोट शेयर तभी बढ़ेगा जब लोग वोट देने जाएंगे.”
‘मैं योजनाएं लागू करने को काम करती हूं, रोज़ लोगों से नहीं मिल सकती’
कई मथुरावासियों की अक्सर यह शिकायत रही है कि उनके सांसद का जनता से कोई जुड़ाव नहीं है. इसके उलट उनका मानना है कि एक सांसद का काम घर-घर जाना नहीं है.
उन्होंने कहा, “सांसद को लोगों के घरों में जाकर नहीं बैठना चाहिए. वो मेरा काम नहीं है. क्या प्रधानमंत्री हर व्यक्ति के घर जा सकते हैं? सांसद सार्वजनिक बैठकों में जाते हैं. इसके अलावा हमारे विधायक हमेशा उनके साथ हैं. जब लोगों को ज़रूरत होती है, तो यह मेरी ज़िम्मेदारी है कि मैं उनके बीच रहूं, लेकिन जब उन्हें ज़रूरत नहीं है, तो मैं क्यों रहूं?” उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “मेरा काम ऑफिस में है. मैं जनकल्याण की योजनाओं को लागू करने के लिए काम करती हूं. वो ज्यादा ज़रूरी है. अगर मैं लोगों के बीच बैठूंगी तो वो मेरे साथ बस फोटो लेंगे.”
हेमा मालिनी ने कहा कि वे फिलहाल 84 कोस परिक्रमा प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं. सांसद ने कहा, “मैंने बड़े-बड़े काम हाथ में लिए हैं. नाली-खड़ंजा और साफ-सफाई विधायकों और अन्य स्थानीय प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है. हमारे पास हर जगह विधायक हैं.”
(इस इंटरव्यू को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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