कोलकाता: राजनीतिक हलकों में अपनी पुरानी पार्टी में वापसी की कोशिशों को लेकर चल रही अटकलों के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय ने रविवार को दो टूक कहा कि वह फिर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल नहीं हो रहे हैं.
रॉय ने दिप्रिंट को दिए एक विशेष इंटरव्यू में कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस के कुछ लोगों ने मेरी छवि खराब करने के लिए पत्रकारों के एक समूह को रिश्वत दी है.’
उन्होंने आगे जोड़ा, ‘विभिन्न दलों के निहित स्वार्थी तत्व मेरे खिलाफ सक्रिय हैं और भाजपा में मेरी भूमिका को लेकर ‘संदेह’ और ‘भ्रम’ फैला रहे हैं.’
पिछले कुछ दिनों से इस तरह की अटकलों का दौर चल रहा है कि रॉय तृणमूल कांग्रेस के कुछ शीर्ष नेताओं, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुब्रत बख्शी सहित से गुपचुप तरीके से मिले थे और वह वरिष्ठ पार्टी नेताओं के एक समूह के साथ अपने समीकरणों के कारण भाजपा में असहज स्थिति में हैं.
‘मेरे खिलाफ निहित स्वार्थी तत्व सक्रिय’
रॉय ने दिप्रिंट से बातचीत में दो टूक कहा कि कोई भी आरोप और अटकलें सच नहीं हैं.
रॉय ने कहा, ‘मैं इस तरह की मानहानि और छवि खराब करने वाली रिपोर्टों की जांच की मांग करूंगा. मुझे पता है कि मीडिया के एक वर्ग को ऐसी खबरें प्रकाशित करने के लिए अच्छी-खासी रिश्वत दी गई थी. मैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रहा हूं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस के अंदर और बाहर के कुछ ऐसे तत्व हैं, जो जानबूझकर भाजपा में मेरे राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने में जुटे हैं. ऐसी अफवाहें फैलाकर वे भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच संदेह और भ्रम की स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे किसी भी बात के लिए मुझ पर भरोसा न करें. यह एक सोची-समझी चाल है और इसे बेहद सधे ढंग से तृणमूल के रणनीतिकार चला रहे हैं.’
रॉय के तृणमूल नेताओं से मिलने की खबर के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं पार्टी महासचिव था और अगर मैं किसी से मिलता हूं, तो यह एक बड़ी खबर होगी और लोगों को इसके बारे में पता चल जाएगा. मेरा किसी वरिष्ठ नेता से गोपनीय तौर पर मिलने का सवाल ही नहीं उठता है. मैंने कभी किसी तृणमूल नेता से मिलने की कोशिश नहीं की. मेरा राजनीतिक भविष्य भाजपा में सुरक्षित है.’
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‘भाजपा में कोई असहजता नहीं’
रॉय के भाजपा छोड़ने की संभावनाएं तलाशने की अटकलें हाल में, खासकर इस हफ्ते नई दिल्ली में पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में उनके अनुपस्थित रहने के बाद काफी तेज हुई हैं.
हालांकि, रॉय ने दिप्रिंट को बताया कि वह कुछ बैठकों में शामिल हुए थे और फिर आंखों के इलाज के लिए कोलकाता लौट आए थे.
उन्होंने बताया, ‘मैं इंजेक्शन लेता हूं और उसका समय निर्धारित है. मैं ऐसे मेडिकल अप्वाइंटमेंट छोड़ नहीं सकता. मैं पार्टी के केंद्रीय नेताओं से मंजूरी लेने के बाद ही कोलकाता लौटा था.’
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार ने उन्हें डराने और धमकाने के लिए उन पर कई आपराधिक मामले भी दर्ज कराए हैं.
उन्होंने सवाल उठाया, ‘सत्ता पक्ष ने पिछले दो सालों में मेरे खिलाफ 44 आपराधिक मामले दर्ज कराए हैं. ऐसे में अगर वे मेरी वापसी के लिए इतने ही ज्यादा इच्छुक हैं तो क्या वे मानते हैं कि सभी मामले झूठे और राजनीति से प्रेरित थे?’ ‘कुछ निहित स्वार्थी तत्व मेरे खिलाफ सक्रिय हैं. मैं निश्चित रूप से इसकी जांच की मांग करूंगा. यह अस्वीकार्य है, यहां तक कि राजनीति में भी.’
उन्होंने भाजपा में उनके ‘बेचैन और असहज’ होने के दावों को भी निराधार बताया. उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रीय कार्यकारी समिति का सदस्य हूं. मैं चुनाव समिति का प्रभारी भी रहा हूं. इसलिए पार्टी में मेरी भूमिकाएं तय हैं और मैंने कभी इसे लेकर असुरक्षित महसूस नहीं किया.’
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राज्य भाजपा में कानाफूसी पर रॉय को केंद्रीय नेतृत्व का समर्थन
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इन अटकलों को ‘और कुछ नहीं बल्कि एक साजिश’ करार दिया है.
उन्होंने कहा, ‘हम इस घटनाक्रम को बेहद नज़दीकी से देख रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे (अभिषेक बनर्जी) ने मुकुल दा के खिलाफ यह साजिश रची थी. वह अपने खिलाफ लगे ऐसे वाहियात आरोपों और अटकलों का जवाब देंगे. वे भाजपा के अंदर विभाजन दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन मैं उन्हें स्पष्ट बता दूं कि तृणमूल के उलट भाजपा एक संगठित पार्टी है. इसमें अनुशासन है.’
कुछ दिनों पहले बड़े पैमाने पर ऐसी खबरें सामने आई थीं कि रॉय ने दिल्ली स्थित अपने आवास से पीएम मोदी और अमित शाह के सभी बैनर और पोस्टर हटा दिए हैं.
भाजपा के राज्य सभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने रविवार सुबह ट्वीट कर इसे पूरी तरह ‘फर्जी’ खबर बताया.
It is astonishing how a fake news of @MukulR_Official taking down Modi-BJP hoardings from his Delhi residence has been repeated across multiple news portals. The dull reality is the hoardings were taken down in February 2020 as per ECI guidelines during Delhi Assembly polls.
— Swapan Dasgupta (@swapan55) July 26, 2020
हालांकि, राज्य भाजपा इकाई का एक वर्ग रॉय के इरादों को लेकर आश्वस्त नहीं है. नाम न बताने की शर्त पर भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘मुकुल दा ने पिछले 25 दिनों से पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया है. उनके कुछ निकट सहयोगी भी पार्टी कार्यालय से दूरी बनाए हुए हैं. वह अमूमन सीधे तौर पर केंद्रीय नेतृत्व के साथ काम करते हैं और भाजपा की राज्य समिति को उनके बारे में अधिक जानकारी नहीं रहती है.’
उक्त नेता ने कहा, ‘उन्होंने दिलीप दा (राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष) को भी सूचित किया कि कोविड के प्रकोप को देखते हुए वह कुछ समय के लिए पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. उन्होंने कुछ गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने की बात भी कही है.’
दिप्रिंट ने पूरी स्थिति पर टिप्पणी के लिए तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क किया. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुब्रत बख्शी ने कहा, ‘मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.’
वहीं, तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ’ ब्रायन को भेजे गए टेक्स्ट मैसेज का कोई जवाब नहीं आया है. उनकी प्रतिक्रिया मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.
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