scorecardresearch
Wednesday, 20 November, 2024
होमराजनीति17 दिसंबर को MVA करेगी शिंदे सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, शिवाजी का अपमान करने का लगाया आरोप

17 दिसंबर को MVA करेगी शिंदे सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, शिवाजी का अपमान करने का लगाया आरोप

सरकार पर अपना हमला तेज करते हुए ठाकरे ने कहा, 'कर्नाटक हमारे क्षेत्रों, गांवों और यहां तक कि जठ, सोलापुर की भी मांग कर रहा है.

Text Size:

नई दिल्लीः महाराष्ट्र में विपक्षी पार्टी महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) ने छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने और महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर एकनाथ शिंदे सरकार के खिलाफ 17 दिसंबर को मुंबई में एक विशाल विरोध मार्च की घोषणा की. इसके अलावा शिवाजी पर विवादास्पद टिप्पणी करने के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भी हटाने की मांग की.

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘इस 17 दिसंबर को, हम वर्तमान राज्य सरकार के खिलाफ मुंबई में जीजामाता उद्यान से आजाद मैदान तक एक ‘मोर्चा’ आयोजित करेंगे, और महाराष्ट्र के राज्यपाल को हटाने की मांग करते हैं. मैं महाराष्ट्र से प्रेम करने वाले सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे राज्य का अपमान करने वालों के खिलाफ एक साथ आएं.’

साथ ही उद्धव ने महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे पर भी राज्य सरकार की आलोचना की.

सरकार पर अपना हमला तेज करते हुए ठाकरे ने कहा, ‘कर्नाटक हमारे क्षेत्रों, गांवों और यहां तक कि जठ, सोलापुर की भी मांग कर रहा है. क्या वे हमारे पंढरपुर विठोबा की भी मांग करेंगे? इससे एक सवाल उठता है कि क्या महाराष्ट्र में कोई सरकार है? गुजरात चुनाव से पहले की जैसे कुछ व्यवसायों को वहां स्थानांतरित कर दिया गया था, तो क्या ऐसे ही कर्नाटक चुनाव से पहले हमारे गांव कर्नाटक को दे दिए जाएंगे?..

विपक्षी दल के नेता अजित पवार ने कहा, ‘कर्नाटक के मुख्यमंत्री का बयान देखिए. राज्य में भाजपा की सरकार है और मुख्यमंत्री शिंदे भाजपा की वजह से यहां के मुख्यमंत्री बन गए हैं. वे मुद्दों पर कुछ नहीं कह रहे हैं और महाराष्ट्र के हमारे नेताओं और प्रतीकों का अपमान करने का प्रयास किया जा रहा है, इसलिए हम यह आंदोलन कर रहे हैं.’

कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने कहा, ‘उन्होंने शिवाजी महाराज, ज्योतिबा फुले का अपमान किया है और यहां तक कि महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा मुद्दे व कर्नाटक के मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयान का भी अपमान करते रहते हैं. और इस सरकार की ओर से कोई भी कड़े शब्दों में जवाब नहीं दे रहा है. इन सभी मुद्दों का इस सरकार द्वारा हल निकाला जाना चाहिए, इसलिए हमने बड़ा मोर्चा आयोजित करने का फैसला किया है.

राज्य में यह विवाद तब पैदा हुआ जब महाराष्ट्र के राज्यपाल ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज एक ‘पुराने आइकन’ थे.

19 नवंबर को औरंगाबाद में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में एक समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल कोश्यारी ने कहा, ‘अगर कोई पूछता है कि आपका आदर्श कौन है, तो किसी को तलाशने के लिए बाहर जाने की ज़रूरत नहीं है. आप उन्हें यहीं महाराष्ट्र में खोज सकते हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज अब एक ओल्ड आइकन बन गए हैं, आप बाबा साहेब आंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी (केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री) तक नए लोगों को पा सकते हैं.

इस बयान ने बड़े पैमाने पर हंगामा मचा दिया और मराठा संगठनों व विपक्षी नेताओं ने इसकी समान रूप से निंदा की.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से अपील की है कि वह सीमा विवाद के मुद्दे को कानूनी रूप से लड़ें क्योंकि यह अभी अदालत में है.

महाराष्ट्र के मंत्रियों के विजिट पर उन्होंने कहा, ‘हमने पहले ही उन्हें बता दिया है कि इससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा होगी, इसलिए यह आने का सही समय नहीं है. मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि मामला अदालत में है और इसे कानूनी रूप से लड़ें.’


यह भी पढ़ेंः कोश्यारी की विदाई क्यों चाहते हैं उद्धव,इस तरह हुई थी इस पूरे झगड़े की शुरुआत


 

share & View comments