जयपुर: जयपुर के फेयरमाउंट होटल के अंदर डेरा डाले, राजस्थान कांग्रेस के 100 विधायकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि समय कैसे काटा जाए. ये सब नेता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार हैं, जिन्हें बीजेपी और बागी नेता सचिन पायलट की ओर से लुभाए जाने के डर से, लगभग बंद करके रखा गया है.
बाहरी दुनिया से कटकर, ये अपना समय तंबोला खेलने और फिल्में देखने में बिता रहे हैं- पिछले हफ्ते इन्होंने मुगल-ए-आज़म और लगान देखीं. कुछ लोग होटल के शेफ से कुकिंग क्लासेज़ ले रहे हैं जबकि कुछ को अंताक्षरी खेलते और ‘हम होंगे कामयाब’ गाते हुए सुना जा सकता है.
लेकिन इन सारी गतिविधियों से पहले, सुबह में योग की क्लास होती है.
एक और चीज़ जो वो ऐसे हालात में करना पसंद करते, वो था स्पा में जाना लेकिन कोरोनावायरस का खतरा उन्हें ये विकल्प नहीं दे रहा है.
एक कांग्रेस विधायक ने दिप्रिंट से कहा, ‘अब कई दिन हो गए हैं, इसलिए ज़ाहिर है कि लोगों को कुछ गतिविधियां करनी होंगी, ताकि वो बोर ना हों. ये एक छोटी सी पार्टी की तरह है. सुबह में कुछ विधायक योग करते हैं, जबकि कुछ दूसरे टहलने जाते हैं. फिर नाश्ता लग जाता है और विधायक एक साथ बैठकर बातें करते हैं. सीनियर लीडर कुछ अनौपचारिक बैठकें भी करते हैं. कोरोना की वजह से स्पा और दूसरी सुविधाएं नहीं मिल रहीं हैं, इसलिए खुद को व्यस्त रखने के लिए, हम तंबोला और कैरम खेलते हैं’.
एक अन्य सूत्र ने बताया कि रात में कुछ खास फिल्में दिखाई जाती हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक बॉलीवुड क्लासिक मुगल-ए-आज़म और आमिर खान की लगान दिखाई जा चुकी हैं.
एक दूसरे विधायक ने कहा, ‘शनिवार को बहुत से विधायकों ने लगान देखी. हमने इसका खयाल रखा कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखी जाए. पहले विधायकों ने मुगल-ए-आज़म की फरमाइश की थी. दोपहर में शेफ ने एक कुकिंग क्लास ली, जिसमें बहुत से लोग शरीक हुए’.
पूरे देश की निगाहें राजस्थान में चल रहे सियासी ड्रामे पर लगी हैं और यहां ये विधायक अपनी पार्टी की रक्षात्मक हिरासत में हैं, जिसका दावा है कि विधायकों को सचिन पायलट खेमे और बीजेपी से सुरक्षा की ज़रूरत थी.
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किसी को रिज़ॉर्ट में घुसने की इजाज़त नहीं
प्रदेश उस वक़्त एक राजनीतिक संकट में डूब गया, जब पिछले रविवार को पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने 30 विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए बग़ावत का ऐलान कर दिया. लेकिन अगले दिन, वो 18 से ज़्यादा विधायकों का समर्थन साबित नहीं कर पाए.
मंगलवार को, स्पीकर पीसी जोशी ने पायलट समेत 19 विधायकों को नोटिस जारी कर दिए और उनसे शुक्रवार शाम तक अपने जवाब देने को कह दिया. इससे पहले कांग्रेस के चीफ व्हिप ने एक याचिका दायर करके उन्हें विधान सभा से अयोग्य क़रार दिए जाने की मांग की थी. मंगलवार को ही पार्टी ने पायलट और राजस्थान के दो कैबिनेट मंत्रियों को, उनके पदों से बर्ख़ास्त कर दिया.
लेकिन, पायलट ख़ेमा स्पीकर के क़दम के खिलाफ अदालत चला गया और मामला सोमवार तक के लिए टल गया.
कड़े सुरक्षा बंदोबस्त की वजह से किसी को रिज़ॉर्ट में घुसने की अनुमति नहीं है. लेकिन कुछ विधायकों के परिवार के सदस्यों ने विशेष तौर से परमीशन लेकर उनसे मुलाक़ात की.
एक सूत्र ने कहा, ‘शुक्रवार को एक विधायक की पत्नी और बेटा फेयरमाउंट होटल के बाहर आ गए. उन्हें आधा घंटा इंतज़ार करना पड़ा और तमाम सुरक्षा जांचों के बाद ही, उन्हें विधायक से मिलने की इजाज़त दी गई और वो भी बहुत थोड़े समय के लिए.’
राजस्थान हाईकोर्ट में इस केस की सुनवाई सोमवार को की जाएगी. लेकिन कांग्रेस विधायक अभी और कुछ दिन फेयरमाउंट होटल में ही रहेंगे.
पायलट कैम्प के विधायक अभी तक मानेसर के एक रिज़ॉर्ट में रह रहे थे. लेकिन जब राजस्थान पुलिस का स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप जांच के लिए वहां पहुंचा, तो उन्हें वहां विधायक नहीं मिले.
ये पहली बार नहीं है जब सियासी पार्टियां रिज़ॉर्ट राजनीति में उतरी हैं. कर्नाटक और मध्यप्रदेश में भी ऐसी ही रिज़ॉर्ट राजनीति देखी गई. जब जुलाई 2019 और इस साल मार्च में दल बदलू विधायकों की मदद से प्रदेश सरकारों को गिराकर, बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई.
शनिवार को, राजस्थान की भारतीय ट्राइबल पार्टी के दोनों विधायकों ने औपचारिक रूप से गहलोत सरकार के समर्थन का ऐलान कर दिया. उनमें से एक विधायक ने पहले आरोप लगाया था कि सरकार उसे परेशान कर रही है और पुलिस उस पर नज़र बनाए हुए है.
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