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Sunday, 22 December, 2024
होमराजनीतिमोदी ने कहा था- चुनाव नहीं लड़ो, हिमाचल के फतेहपुर में BJP के बागी कृपाल परमार कांग्रेस से हारे

मोदी ने कहा था- चुनाव नहीं लड़ो, हिमाचल के फतेहपुर में BJP के बागी कृपाल परमार कांग्रेस से हारे

कांग्रेस के भवानी सिंह पठानिया ने जहां 33,238 वोटों से जीत हासिल की, वहीं बीजेपी के राकेश पठानिया दूसरे नंबर पर रहे और इनकी तुलना में परमार को महज 2,811 वोट मिले हैं.

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नई दिल्ली: हिमाचल की फतेहपुर सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बागी, निर्दलीय उम्मीदवार कृपाल परमार गुरुवार को कांग्रेस के भवानी सिंह पठानिया से हार गए. उन्हें विधानसभा चुनाव न लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया था.

भवानी सिंह को जहां 33,238 वोट मिले, वहीं दूसरे नंबर पर आए बीजेपी के राकेश पठानिया को 25,884 वोट मिले हैं. भवानी सिंह सुजान सिंह पठानिया के बेटे हैं, जिनकी मौत के बाद पिछले साल अक्टूबर में उपचुनाव हुआ था. भवानी ने उपचुनाव भी जीता था.

पिछले साल नवंबर में बीजेपी की हिमाचल प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने वाले पूर्व राज्यसभा सांसद परमार ने फतेहपुर निर्वाचन क्षेत्र से टिकट न मिलने पर पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी थी- पहले पिछले साल एक उपचुनाव में और फिर इस विधानसभा चुनाव में. वह उन 17 से ज्यादा बागी उम्मीदवारों में से एक थे, जिन्होंने भाजपा की ओर से टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी. गुरुवार को हुई वोटों की गिनती में उन्हें महज 2,811 वोट मिले हैं.

पिछले महीने पीएम मोदी के साथ उनकी बातचीत का एक ऑडियो-वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद परमार सुर्खियों में आए थे.पीएम उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने से रोकने की कोशिश कर रहे थे.

‘मेरा तुम पर पूरा हक है. मैं कुछ नहीं सुनूंगा…मेरा कृपाल ऐसा नहीं कर सकता.’ इस क्लिप में मोदी परमार से भावनात्मक अपील कर रहे थे.

दूसरी ओर परमार को यह आरोप लगाते हुए सुना गया कि नड्डा ने उन्हें 15 साल तक ‘अपमानित’ किया है.

उन्होंने पीएम से यह भी कहा कि उनका फोन दो दिन पहले आ जाना चाहिए था, क्योंकि नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन खत्म हो गया है. फोन काटने के बाद नाराज मोदी ने कहा, ‘अच्छा भैया, अच्छा जी.’

बीजेपी प्रवक्ता महेंद्र धर्माणी ने कहा कि कॉल से पता चलता है कि बीजेपी के हर व्यक्ति को चुनाव की परवाह है. वह कांग्रेस की तरह नहीं हैं.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया था, ‘यह दर्शाता है कि पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता चुनावों के प्रति कितना गंभीर है, चाहे वह राज्य हो या पंचायत चुनाव. कांग्रेस के विपरीत जहां राहुल गांधी के पास पार्टी के लिए प्रचार करने का समय नहीं है, वहां प्रधानमंत्री ने स्वयं बागियों से अपील की है. एक विभाजित कांग्रेस एक नेता और एक कप्तान के बिना लड़ रही है.’

पिछले महीने एक इंटरव्यू में परमार ने कहा था, ‘हम एक-दूसरे को 25 साल से जानते हैं. जब वे (मोदी) हिमाचल प्रदेश के प्रभारी थे और मैं उपाध्यक्ष था. हमने बहुत यात्राएं कीं और एक साथ रहे. मेरे उनके साथ पारिवारिक संबंध हैं. मैं उन्हें अपना भगवान मानता हूं.’


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भाजपा के खिलाफ शिकायत

जब परमार ने हिमाचल बीजेपी उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था, तो उन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी को ‘तानाशाह की तरह चलाया जा रहा है.’

कथित तौर पर वह फतेहपुर उपचुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से नाराज़ थे.

2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बलदेव ठाकुर को टिकट दिया था, जो कांग्रेस के दिग्गज नेता सुजान सिंह पठानिया से हार गए थे. परमार 2017 में बीजेपी के उम्मीदवार थे, लेकिन 1,200 वोटों के मामूली अंतर से निर्दलीय उम्मीदवार ठाकुर से हार गए थे. उन्होंने 2017 में बागी उम्मीदवार बलदेव ठाकुर को टिकट देने के लिए पार्टी को जिम्मेदार ठहराया था.

(अनुवादः संघप्रिया मौर्य | संपादनः फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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