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Sunday, 5 May, 2024
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मोदी के आलोचक आशीष खेतान आप छोड़ने के एक महीने बाद मोदी ‘फैन’ हो गए है

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पूर्व पत्रकार आशीष खेतान के सहयोगी उनके द्वारा की जा रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा से प्रसन्न नहीं हैं.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप ) छोड़ने के बाद पत्रकार से राजनेता बने आशीष खेतान ने अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है.

एक समय मोदी और एनडीए सरकार के आलोचक ने मोदी सरकार के आयुषमान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की प्रशंसा करके इस सप्ताह के अंत में कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है.

उन्होंने रविवार को ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री मोदी की आयुषमान भारत योजना, अगर अच्छी तरह से लागू होती हैं, तो भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को बदल देगी” लाखों लोगों को बचाया जाएगा और गरीबों को आर्थिक रूप से बर्बाद होने से बचाया जा सकेगा.

 

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खेतान का यह ट्वीट तब आया जब वह एक साल की फ़ेलोशिप के लिए देश से बाहर जा रहे है. इसने उनके कई पूर्व पार्टी और पत्रकार सहयोगियों को निराश कर दिया है.

खेतान ने दिप्रिंट के इस ट्वीट पर टिप्पणी करने के अनुरोध का कोई जवाब नहीं दिया पर बाद में ट्विटर पर एक नोट साझा किया जिसमें उन्होंने कहा कि वो मोदी ‘भक्त’ नही है और न ही मोदी विरोधी.

छवि में बदलाव

जब उन्होंने चार साल पहले ‘आप’ में शामिल होने के लिए पत्रकारिता छोड़ी थी, तो खेतान मोदी पर कड़ा प्रहार करते थे. गुजरात में कॉर्पोरेट घरानों को किसानों की ज़मीन देने का आरोप लगाते और तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को “साजिश” के तहत एक मसीहा के रूप में पेश करने के लिए कोसते थे.

मई 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बन जाने के बाद भी उन्होंने हमला जारी रखा.

29 फरवरी 2016 को एक ट्वीट में, उन्होंने एनडीए द्वारा शिक्षा में बजट आवंटन को कम करने की निंदा की और पूछा, “क्या मोदी सरकार गरीबों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजने की उम्मीद करती है?”

इस पृष्ठभूमि को देखते हुए, इस रविवार को खेतान का आयुषमान भारत के बारे में ट्वीट अपनी छवि को बदलने का प्रयास है – एक कठोर आलोचक आम आदमी पार्टी राजनेता से एक गैर-पक्षपातपूर्ण राजनेता जो अब मोदी विरोधी नहीं दिखना चाहता है.

अन्य संकेत भी रहे हैं. हाल ही में टीवी बहस के दौरान, उन्होंने कहा कि विपक्ष ‘महागठबंधन’ से सबसे बड़ी समस्या है वो एक “अवसरवादी गठबंधन” है.

उन्होंने कहा, “यह कहा जा रहा है कि 2019 में, मोदी के पास बढ़त है. “लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में, वह एक कमज़ोर नेता के रूप में उभरे है ना कि जैसा उनको  प्रोजेक्ट किया गया था.”

हालांकि उन्होंने एनडीए सरकार की कुछ उपलब्धियों की आलोचना भी की और रफाल फाइटर जेट मूल्य निर्धारण के मुद्दे को उठाया. पर मोदी सरकार की योजना के लिए उनकी इस प्रशंसा ने कई लोगों को भ्रमित कर दिया है.

व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए खेतान ने इस साल 15 अगस्त को आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा कि वह अपनी कानूनी प्रैक्टिस पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहते है.

 


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हालांकि एक आप नेता ने ,दिप्रिंट को बताया कि खेतान ने भी कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की तरह पार्टी छोड़ दी. वह आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राजनीति से निराश थे.

खेतान 2014 में आप में शामिल हुए और नई दिल्ली सीट से 2014 के लोकसभा चुनावों में चुनाव लड़ा. हालांकि, वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मीनाक्षी लेखी से हार गए थे.

2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप की भारी जीत हासिल करने के बाद खेतान को दिल्ली डायलॉग और डेवलपमेंट कमीशन का उपाध्यक्ष नियुक्त किया था. उन्होंने इस साल अप्रैल में इस पद से इस्तीफा दे दिया था.

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