नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा होने के चौथे ही दिन मंगलवार को राज्य सरकार के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. सूत्रों के अनुसार, मौर्य ने अपना त्यागपत्र राज्यपाल को भेजा है. राजभवन के सूत्रों ने हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की.
स्वामी प्रसाद मौर्य के त्यागपत्र की प्रति सोशल मीडिया पर मंगलवार दोपहर बाद तेजी से वायरल होने लगी. मौर्य ने राज्यपाल को संबोधित अपने त्यागपत्र में लिखा है, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है, किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों के प्रति घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं.’
दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं। pic.twitter.com/ubw4oKMK7t
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 11, 2022
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!’
सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!
सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा#बाइसमेंबाइसिकल pic.twitter.com/BPvSK3GEDQ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 11, 2022
इस सिलसिले में मौर्य से बातचीत का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. इस बीच, राजभवन से संपर्क करने पर एक प्रमुख अधिकारी ने बताया कि अभी मौर्य का त्यागपत्र राज्यपाल के यहां नहीं मिला है.
स्वामी प्रसाद मौर्य पांच बार से विधायक हैं और वर्तमान में उत्तर प्रदेश के पडरौना से निर्वाचित हैं. भाजपा से पहले वो मायावती की बहुजन समाज पार्टी में भी रह चुके हैं.
2019 में योगी आदित्यनाथ सरकार में उन्हें मंत्री बनाकर शामिल किया गया था. उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य भारतीय जनता पार्टी से लोकसभा सांसद हैं.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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