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Saturday, 18 May, 2024
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करोड़पति विधायक, कांग्रेस और BJP से समान दूरी — बलराज कुंडू ने बनाई ‘हरियाणा जनसेवक पार्टी’

बलराज कुंडू, जिन्होंने 2019 के अपने चुनावी हलफनामे में 141 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया था, का कहना है कि उनकी नई पार्टी सत्तारूढ़ भाजपा-जेजेपी गठबंधन और विपक्षी कांग्रेस को विकल्प प्रदान करना चाहती है.

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गुरुग्राम: बलराज कुंडू 1 नवंबर (हरियाणा दिवस) को जींद में एक रैली में अगले साल होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए अपनी नवगठित पार्टी की रणनीति का खुलासा करेंगे, महम के निर्दलीय विधायक ने एक नया संगठन ‘हरियाणा जनसेवक पार्टी’ बनाने के कुछ घंटों बाद बुधवार को चंडीगढ़ के होटल माउंटव्यू में एक समारोह में दिप्रिंट को इसकी जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि उनकी नई पार्टी सत्तारूढ़ भाजपा-जेजेपी गठबंधन और विपक्षी कांग्रेस की राजनीति का विकल्प प्रदान करना चाहती है – जो उनके अनुसार, नीति निर्माण की एक ऐसी प्रणाली को जन्म देती है जो औसत नागरिकों की चिंताओं को ध्यान में नहीं रखती है.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “यह राज्य में अब तक शासन करने वाली सरकारों की गलत नीतियों के कारण है कि हमारे युवा ड्रग्स का शिकार हो रहे हैं और अपराध दर में वृद्धि हुई है.”

कुंडू ने कहा कि राज्य सरकार की ‘गुमराह’ नीतियों ने किसानों को सबसे अधिक प्रभावित किया है, “लेकिन उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं है”.

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उन्होंने कहा, “उन्हें (किसानों को) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है, लेकिन जब उनके दावों का निपटान करने की बात आती है, तो बीमा कंपनियां अपने पैर पीछे खींच लेती हैं.”

हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार पर कटाक्ष करते हुए, कुंडू ने कहा कि समाज के सभी वर्ग मौजूदा सरकार से तंग आ चुके हैं, उन्होंने आरोप लगाया कि “पिछले नौ साल में कुछ भी उल्लेखनीय नहीं किया गया है” उन्होंने दावा किया कि इन सभी वर्षों में राज्य में अपराध कई गुना बढ़ गए हैं, उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में हरियाणा में राज्य सरकार का कर्ज़ “पांच गुना, मुद्रास्फीति चार गुना और बेरोज़गारी तीन गुना” बढ़ गई है.


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कौन हैं बलराज कुंडू

राजनीतिक पारी में उतरने से पहले एक व्यवसायी, बलराज कुंडू ने 2014 और 2019 के बीच हरियाणा भाजपा में पैर जमाए. इस दौरान, उनके ‘परोपकार’ कार्यों ने उन्हें रोहतक जिले के महम विधानसभा क्षेत्र में प्रमुखता से ऊपर उठाया. उन्हें उम्मीद थी कि 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा उन्हें महम से मैदान में उतारेगी, लेकिन जब उन्हें टिकट से वंचित कर दिया गया, तो कुंडू निर्दलीय के रूप में मैदान में कूद पड़े — उनका चुनाव चिन्ह हेलीकॉप्टर था.

उन्होंने कांग्रेस के आनंद सिंह दांगी और भाजपा के शमशेर खरकड़ा को हराकर सीट जीती.

2019 विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग के समक्ष दायर अपने हलफनामे में कुंडू ने 141 करोड़ रुपये की संपत्ति के अलावा 2018-19 में 7.71 करोड़ रुपये की वार्षिक आय का खुलासा किया था.

2019 में सीट जीतने के बाद से कुंडू कांग्रेस और भाजपा दोनों से समान दूरी पर बने हुए हैं.

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “जब से मैं महम से राज्य विधानसभा के लिए चुना गया हूं, मैं अपने स्वयं के धन का उपयोग करके लोगों की सेवा कर रहा हूं. मैं महम और रोहतक में लड़कियों को कॉलेजों और विश्वविद्यालयों तक ले जाने के लिए अपनी जेब से 18 बसें चला रहा हूं ताकि वो बिना किसी परेशानी के शिक्षा प्राप्त कर सकें. महम में एक मुफ्त एम्बुलेंस सेवा चलाई जा रही है और मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के सभी गांवों में जिम के लिए धन दान किया है ताकि गांव के युवा बुरी आदतों की ओर न बढ़ें.”

कुंडू के परिवार की केसीसी बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड में हिस्सेदारी है, जो एक राजमार्ग निर्माण कंपनी है, जिसका कार्यालय गुरुग्राम में है. इसकी वेबसाइट के अनुसार, फर्म ने केंद्र के भारतमाला परियोजना नेटवर्क के तहत कई परियोजनाएं शुरू की हैं. इनमें दिल्ली-वडोदरा ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट (एनएच-148एन) के एक खंड का विकास, कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे, महाराष्ट्र में एनएच-44 पर एक मल्टी लेन कैरिजवे और गुजरात में एनएच-8 को छह लेन का बनाना शामिल है.

अपने परिवार के व्यावसायिक हितों के बारे में पूछे जाने पर, कुंडू ने दिप्रिंट को बताया, “मैं इस कंपनी से सीधे तौर पर जुड़ा नहीं हूं. मेरे भाई शिवराज कुंडू इसके प्रबंध निदेशक हैं जबकि मेरे परिवार के अन्य सदस्य भी इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं.”

(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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