श्रीनगरः जम्मू कश्मीर पुलिस ने बुधवार को साफ कर दिया कि पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती को नजरबंद या हाउस अरेस्ट नहीं किया गया है.
एक वरिष्ठ जम्मू कश्मीर पुलिस अधिकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री श्रीनगर के प्रेस कॉलोनी एक विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए जा रही थीं लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई. अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा कारणों से उन्हें वहां नहीं जाने दिया गया.
दरअसल, इससे पहले ऐसी खबरें आ रही थीं कि उन्हें नजरबंद कर लिया गया है. महबूबा मुफ्ती ने जम्मू में इससे पहले हैदरपोरा में हुए एनकाउंटर में कथित रूप से नागरिकों को मारे जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रही थीं.
यह प्रदर्शन पीडीपी की ऑफिस के बाहर किया गया था. उन्होंने कहा था कि ‘एनकाउंटर सोमवार को किया गया जिसमें तीन नागरिकों को मारा गया.’ उन्होंने हैदरपोरा एनकाउंटर मामले में ज्युडिशियल इन्क्वायरी की भी मांग की.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के भाई तस्सदुक हुसैन मुफ्ती को भी ईडी ने पूछताछ के लिए तलब किया है. अपनी बहन के मंत्रिमंडल में पर्यटन मंत्री रहे तस्सदुक हुसैन मुफ्ती को बृहस्पतिवार को यहां मामले के जांच अधिकारी के सामने पेश होने और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है.
उन्होंने कहा कि जांच कश्मीर के कुछ व्यवसायों से उनके खातों में कथित रूप से प्राप्त कुछ धन से संबंधित है.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा मुफ्ती ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि यह उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध है.
उन्होंने कहा, ‘जब भी मैं किसी भी गलत काम के खिलाफ आवाज उठाती हूं, कोई न कोई समन मेरे परिवार के किसी सदस्य का इंतजार कर रहा होता है. इस बार मेरे भाई की बारी है.’
उन्होंने कहा कि जांच कश्मीर के कुछ व्यवसायों से उनके खातों में कथित रूप से प्राप्त कुछ धन से संबंधित है.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध है.
उन्होंने कहा, ‘जब भी मैं किसी भी गलत काम के खिलाफ आवाज उठाती हूं, कोई न कोई समन मेरे परिवार के किसी सदस्य का इंतजार कर रहा होता है. इस बार मेरे भाई की बारी है.’
यह भी पढ़ेंः महबूबा मुफ्ती ने PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- कश्मीरी छात्रों पर कार्रवाई युवाओं में अविश्वास बढ़ाएगी