लखनऊ: लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अब सपा-बसपा गठबंधन टूटने की कगार पर है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को यूपी की समीक्षा बैठक के दौरान उपचुनाव में अकेले लड़ने का ऐलान किया. लोकसभा चुनाव में कई विधायकों के सांसद बनने के बाद यूपी में लगभग दर्जन सीटें खाली हुई हैं. जिन पर नवंबर में उपचुनाव हो सकता है.
गठबंधन का लगभग टूटना तय!
सूत्रों के मुताबिक बैठक में मायावती ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में यादव वोट बीएसपी के पक्ष में ट्रांसफर नहीं हुए हैं. इसलिए बीएसपी अब उत्तर प्रदेश में विधानसभा उप चुनाव में अकेले लड़ेगी.
हालांकि मायावती ने गठबंधन तोड़ने जैसा कोई शब्द इस्तेमाल नहीं किया. लेकिन उन्होंने संगठन के पदाधिकारियों से गठबंधन पर निर्भर रहने के बजाए संगठन को मजबूत करने की हिदायत दी. मायावती का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब समाजवादी पार्टी में इस बात की समीक्षा हो रही है कि बीएसपी के साथ गठबंधन पर कितना फायदा या नुकसान हुआ है. माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में महागठबंधन में दरार पड़ गई है.
माया को वोट न ट्रांसफर की शिकायत
सूत्रों के अनुसार मायावती ने हार पर समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान कहा कि सपा का यादव वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं हुआ. उनके मुताबिक शिवपाल यादव ने यादव वोट काट लिया. चुनाव में अखिलेश कन्नौज सीट भी नहीं बचा पाए. इस दौरान मायावती ने बसपा सांसदों और जिलाध्यक्षों से कहा है कि पार्टी सभी विधानसभा उपचुनाव अकेले लड़ेगी और अब 50 फीसदी वोट का लक्ष्य लेकर राजनीति करनी है. मायावती ने ईवीएम में धांधली का भी आरोप लगाया.
ऐसे नतीजों की उम्मीद न थी
लोकसभा चुनाव 2019 में महागठबंधन को संयुक्त रूप से 15 सीटों पर जीत मिली है. जबकि बसपा को 10 सीटों पर सफलता मिली. उम्मीद की जा रही थी कि गठबंधन यूपी में भाजपा को तगड़ी चुनौती देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और भाजपा ने प्रदेश में 62, सहयोगी दल अपना दल(एस) ने 2 सीटों पर जीत हासिल की. एनडीए को कुल 64 सीटें यूपी में मिलीं. बसपा को 10,सपा को 5, कांग्रेस को एक सीट मिली. वहीं आरएलडी का खाता भी नहीं खुला.
अखिलेश ने साधी चुप्पी
चुनाव के नतीजे आने के बाद से अखिलेश ने मीडिया से दूरी बनाई हुई है. वह सोमवार को अपने लोकसभा
क्षेत्र आजमगढ़ पहुंचे.यहां उन्होंने जनता का धन्यवाद दिया लेकिन मीडिया के सवालों पर चुप्पी बनाई रखी. पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो वह अब अलग अलग जिलों में जाकर कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे और आगे की रणनीति तैयार बनाएंगे.
शिवपाल की वापसी के कयास शुरू
दूसरी ओर सपा में शिवपाल यादव की वापसी के कयास भी लगाए जा रहे हैं. दरअसल परिवार में कलह के बाद शिवपाल यादव ने अलग पार्टी बना ली थी. यूपी की राजनीति के जानकार मानते हैं कि शिवपाल के जाने से सपा का काफी नुकसान हुआ क्योंकि संगठन में उनकी पकड़ मजबूत थी. सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव भी शिवपाल की वापसी के पक्षधर हैं.