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Sunday, 7 September, 2025
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अशोक सिद्धार्थ की माफ़ी के बाद अहम BSP रैली से पहले मायावती ने पार्टी से उनकी निकासी रद्द की

उनके भतीजे आकाश आनंद, जो अब बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक हैं, के ससुर सिद्धार्थ को फरवरी में 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' के आरोप में पार्टी से निकाल दिया गया था. 'एक्स' पर उन्होंने अपनी गलती 'कभी न दोहराने' का वादा किया.

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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर और पूर्व सांसद अशोक सिद्धार्थ को पार्टी में वापस ले लिया. यह फैसला उन्होंने कुछ ही घंटों बाद किया जब सिद्धार्थ ने सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों के लिए माफी मांगी. यह कदम अगले महीने लखनऊ में होने वाली BSP की प्रस्तावित रैली से पहले उठाया गया है.

सिद्धार्थ को इस साल फरवरी में पार्टी विरोधी गतिविधियों और गुटबाज़ी को बढ़ावा देने के आरोप में BSP से निकाला गया था.

शनिवार को एक्स पर एक लंबे हिंदी पोस्ट में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने लिखा कि अशोक सिद्धार्थ ने सार्वजनिक रूप से अपनी “गलती” मानी और बहुजन समाज तथा BSP नेतृत्व के प्रति पूरी निष्ठा जताई. उन्होंने यह भी वादा किया कि वह डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा शुरू किए गए आत्म-सम्मान और गरिमा के आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए खुद को समर्पित करेंगे.

उनकी वापसी का ऐलान करते हुए मायावती ने लिखा: “BSP से उन्हें निकाले जाने का फैसला तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है. उम्मीद है कि वह सभी अन्य कार्यकर्ताओं की तरह पार्टी और आंदोलन को मज़बूत करने में पूरी लगन से योगदान देंगे.”

शनिवार को ही इससे पहले सिद्धार्थ ने एक्स पर लिखा था कि वह “बहनजी के चरणों में नतमस्तक हैं” और उन्होंने वादा किया कि पार्टी अनुशासन का उल्लंघन नहीं करेंगे और न ही अपने पारिवारिक रिश्तों का दुरुपयोग करेंगे. उन्होंने लिखा, “मैं भविष्य में अपनी गलती कभी नहीं दोहराऊंगा” और BSP प्रमुख से पार्टी में वापसी की अपील की.

सिद्धार्थ, जो राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं, एक समय BSP के बड़े नेताओं में गिने जाते थे लेकिन फरवरी में मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था. वरिष्ठ पार्टी नेताओं के मुताबिक, उनकी वापसी इस बात का संकेत है कि मायावती अब आकाश आनंद पर भरोसा करने लगी हैं. माना जाता है कि आकाश की इच्छा पर ही सिद्धार्थ को फिर से पार्टी में शामिल किया गया.

एक हफ्ते पहले ही मायावती ने आकाश को BSP का मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया था, जिसे पार्टी का दूसरा सबसे ताकतवर पद माना जाता है.

दिप्रिंट से बात करते हुए BSP के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा: “सितंबर में बहनजी ने लखनऊ में सभी शीर्ष नेताओं की बैठक बुलाई है. वहां अशोक सिद्धार्थ को नई जिम्मेदारियां देने और बड़े संगठनात्मक बदलावों की घोषणा करने की संभावना है. बहनजी पहले ही कार्यकर्ताओं को यह संदेश दे चुकी हैं कि आकाश पार्टी में नंबर दो हैं और उनकी ताकत और बढ़ने वाली है.”

अप्रैल में मायावती ने आकाश आनंद को भी वापस ले लिया था, जिन्हें सिद्धार्थ के खिलाफ कार्रवाई के बाद मार्च में BSP से निकाला गया था. आकाश की वापसी भी सोशल मीडिया पर माफी मांगने के कुछ ही घंटों में हो गई थी.

दिप्रिंट को पता चला है कि BSP के भीतर बड़े संगठनात्मक बदलाव मायावती की प्रस्तावित लखनऊ रैली को सफल बनाने के लिए किए जा रहे हैं. यह रैली 9 अक्टूबर को BSP संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर होने की संभावना है. अगर यह रैली होती है तो यह 2021 के बाद से उत्तर प्रदेश की राजधानी में मायावती की पहली सार्वजनिक सभा होगी.

सूत्रों के मुताबिक, BSP कार्यकर्ताओं को रैली के लिए पार्टी का प्रतीक नीला गमछा पहनने के निर्देश दिए गए हैं. इस कदम को 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को ऊर्जा देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, इस बार भतीजे आकाश आनंद की सक्रिय भूमिका के साथ.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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