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Thursday, 19 December, 2024
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बसपा पर इल्जाम लगाने से पहले राहुल गांधी को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए: मायावती

राहुल ने यह दावा भी किया था कि सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और ‘पेगासस' के जरिये बनाये जा रहे दबाव के चलते मायावती दलितों के लिए नहीं लड़ पा रहीं और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को खुला रास्ता दे दिया है.

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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने उनपर गंभीर आरोप लगाने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार किया और रविवार को कहा कि बसपा पर इल्जाम लगाने से पहले उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.

मायावती ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में गांधी द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों और किए गए दावों को गलत बताते हुए कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया.

उन्होंने कहा, ‘कल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हमारी पार्टी और खासकर पार्टी की मुखिया को लेकर जो कुछ टीका टिप्पणी की हैं उससे पार्टी के विशेषकर दलितों और अन्य उपेक्षित वर्गों के साथ-साथ बसपा के प्रति हीन और जातिवादी मानसिकता तथा द्वेष की भावना साफ झलकती है.’

मायावती ने कहा, ‘राहुल गांधी का यह बयान कि कांग्रेस द्वारा उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन करने और मुझे मुख्यमंत्री बनाने के ऑफर पर ना तो मैंने कोई जवाब दिया तथा इस बारे में बात तक नहीं की, यह पूरी तरह गलत है, तथ्य हीन है और इसमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है.’

गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी और कांग्रेस नेता के. राजू की पुस्तक ‘द दलित ट्रूथ: द बैटल्स फॉर रियलाइजिंग अंबेडकर्स विजन’ के विमोचन के मौके पर कहा था कि उनकी पार्टी ने मायावती को उत्तर प्रदेश के हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में गठबंधन करने और मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने बात तक नहीं की.

राहुल ने यह दावा भी किया था कि सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और ‘पेगासस’ के जरिये बनाये जा रहे दबाव के चलते मायावती दलितों के लिए नहीं लड़ पा रहीं और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को खुला रास्ता दे दिया है.

मायावती ने कांग्रेस पर उसके शासनकाल के दौरान दलितों तथा अन्य उपेक्षित वर्गों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाने और उन्हें आरक्षण तथा अन्य सुविधाओं का भी पूरा लाभ नहीं देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बसपा पर आरोप लगाने से पहले राहुल को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के इसी रवैये की वजह से बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार में कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था उसके बाद आंबेडकर के बताए रास्ते पर चलकर कांशीराम ने बसपा की स्थापना की थी जिसको कमजोर और खत्म करने के लिए शुरू से ही कांग्रेस हर हथकंडे का इस्तेमाल करती रही है.

मायावती ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, ‘कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अपने बिखरे हुए घर को तो संभाल नहीं पा रहे हैं बल्कि बसपा की कार्यशैली पर उंगली उठा रहे हैं जिससे बसपा के प्रति उनकी जबरदस्त बौखलाहट और नफरत साफ नजर आती है. राहुल गांधी को दूसरों की चिंता करने के बजाय अपनी पार्टी की चिंता करनी चाहिए. यह मेरी सलाह है.’

बसपा अध्यक्ष ने कहा, ‘कांग्रेस उत्तर प्रदेश का पिछला विधानसभा चुनाव (2012) सपा के साथ मिलकर लड़ी थी. उसके बावजूद वह भाजपा को सत्ता में आने से नहीं रोक सकी थी. इसका जवाब कांग्रेस को देना चाहिए.’

भाषा सलीम शोभना

शोभना

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


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