नई दिल्ली : दिवाली के अवसर पर मनोहर लाल खट्टर ने लगातार दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. राजभवन में राज्यपाल नारायण आर्य की उपस्थिति में उनके साथ-साथ जेजेपी पार्टी के दुष्यंत चौटाला ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इस दौरान भाजपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे.
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल भी राजभवन में मौजूद रहे. इसके अलावा अनिल विज, सुभाष बराला, अनिल जैन व रतनलाल कटारिया भी समारोह में दिखे. बता दें कि सबसे पहले मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली और उसके बाद दुष्यंत चौटाला ने उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. दुष्यंत के शपथ लेने के दौरान इंकलाब और दुष्यंत चौटाला की जय के नारे लगाए गए.
पहले कयास लगाए जा रहे थे कि कैबिनेट मंत्री भी आज ही शपथ लेंगे लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आया. कहा जा रहा है कि अभी दोनों पार्टियां कैबिनेट मंत्रियों के समीकरणों पर फाइनल बात नहीं कर पाई हैं. सूत्रों के मुताबिक जेजेपी अपनी तरफ से एक महिला और एक दलित को मंत्रीमंडल में शामिल कराना चाहती है.
इसके अलावा मंच पर दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला भी मौजूद रहे. गौरतलब है कि शिक्षक घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद अजय चौटाला को दो हफ्ते की छुट्टी मिली है. जेल से बाहर आकर उन्होंने मीडिया को बताया कि दुष्यंत ने 11 महीने में ही मेहनत करके ये मुकाम हासिल किया है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले रहे थे. भाजपा को 40 सीटें मिली थी तो कांग्रेस को 31 और नई नवेली पार्टी जेजेपी को 10. इन रोचक राजनीतिक समीकरणों के बीच जेजेपी को किंगमेकर कहा जा रहा था लेकिन सिरसा से विधायक चुने गए गोपाल कांडा की प्राइवेट प्लेन की तस्वीरों ने हड़कंप मचा दिया था. भाजपा ने बाद में कांडा से दूरी बना ली और शुक्रवार देर रात प्रेस-कॉन्फ्रेंस कर गृहमंत्री अमित शाह ने जेजेपी और भाजपा के गठबंधन की घोषणा की.
अमित शाह ने साफ कर दिया था कि इस गठबंधन में मुख्यमंत्री भाजपा का होगा और उपमुख्यमंत्री जेजेपी का. इसके ठीक एक दिन बाद बैठक में मनोहर लाल खट्टर को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया. उसी शाम खट्टर और दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश किया था.
गौरतलब है कि सरकार में हिस्सेदारी के बाद से ही जेजेपी के झंडे जलाने के वीडियो सोशल मीडिया पर तैर रहे हैं. साथ ही दुष्यंत पर जाट वोटर्स के साथ धोखा करने के आरोप लगाए जा रहे हैं. हालांकि कुछ लोग इसे दुष्यंत की राजनीतिक समझ भी बता रहे हैं.