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Friday, 1 November, 2024
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मनमोहन सरकार में हर महीने 9000 काल्स, 500 ई-मेल्स की जासूसी हुई: भाजपा

खुफिया और जांच एजेंसियों को निगरानी के आदेश का बचाव करते हुए पार्टी ने कहा, संप्रग सरकार ने अवैध तरीके से लोगों की जासूसी की थी.

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नई दिल्ली: देश की खुफिया और जांच एजेंसियों को सभी कंप्यूटरों की जासूसी के आदेश देने के सरकार के कदम के बाद विपक्ष के हमले का सामना कर रही सत्ताधारी भाजपा ने रविवार को कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के दौरान हर महीने 9,000 फोन काल्स और 500 ई-मेल्स की जासूसी की जाती थी.

केंद्रीय गृहमंत्रालय के 20 दिसंबर के आदेश का बचाव करते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के वैध आदेश के विपरीत संप्रग सरकार ने अवैध तरीके से लोगों की जासूसी की थी.

उल्लेखनीय है कि गृहमंत्रालय ने देश की 10 एजेंसियों को आदेश दिया है कि वे किसी भी कंप्यूटर में तैयार की गई, भेजी गई, प्राप्त हुई या रखी गई किसी भी जानकारी को रोकें, उसकी निगरानी करें और डिक्रिप्ट करें.


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पात्रा ने आरटीआई से प्राप्त जवाबों को का जिक्र करते हुए कहा, ‘जो लोग हर महीने 9,000 टेलीफोन काल्स और 500 ई-मेल्स की हर महीने जासूसी करते थे, वे आज दूसरों पर जासूसी के आरोप लगा रहे हैं.’

पात्रा ने कहा, ‘संप्रग सरकार के दौरान टेलीफोन टैप करने के लिए हर महीने 7,500 से 9,000 तक आदेश जारी किए गए थे.’

पात्रा ने कहा, ‘जिस राजनीतिक दल ने आपातकाल लगाया, वह आज हमें उपदेश दे रही है. कांग्रेस अपनी जमीन खोने के बावजूद हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ लगातार राजनीति कर रही है.’

उल्लेखनीय है कि गृहमंत्रालय के इस आदेश को लेकर विपक्षी पार्टियां संसद के अंदर और बाहर सरकार की तीखी आलोचना कर रही हैं. विपक्षी दल इसे असंवैधानिक बता रहे हैं और देश को ‘सर्विलांस स्टेट’ में तब्दील करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगा रहे हैं.

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