नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व-उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से देश के नाम एक चिट्ठी लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत की प्रगति के लिए शिक्षित प्रधानमंत्री होना जरूरी है.
सिसोदिया ने देश के नाम अपने पत्र में लिखा कि मैंने पीएम का एक वीडियो देखा जिसमें वो बड़े गर्व के साथ कह रहे हैं कि वे ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है, केवल गांव के स्कूल तक ही उनकी शिक्षा हुई है. क्या अनपढ़ या कम पढ़ा-लिखा होना गर्व की बात है?
उन्होंने आगे लिखा, “जिस देश के प्रधानमंत्री को कम पढ़े-लिखे होने पर गर्व हो उस देश में आम आदमी के बच्चे के लिए अच्छी शिक्षा का कभी इंतज़ाम नहीं किया जाएगा.”
सिसोदिया ने कहा कि आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं. दुनिया भर में विज्ञान और टेक्नॉलॉजी में हर रोज नई तरक्की हो रही है. ऐसे में जब मैं पीएम को यह कहते हुए सुनता हूं कि गंदे नाले में पाइप डालकर उसकी गंदी गैस से चाय या खाना बनाया जा सकता है, तो मेरा दिल बैठ जाता है. क्या नाली की गंदी गैस से चाय या खाना बनाया जा सकता है? नहीं.
Jailed former Delhi deputy CM Manish Sisodia writes to PM Modi, raises questions on his education.
"For the progress of India, it is necessary to have an educated PM," Sisodia writes in his letter to the PM. pic.twitter.com/yV7peRjns3
— ANI (@ANI) April 7, 2023
अपने पत्र में उन्होंने आगे लिखा, “उनके इस तरह के बयान देश के लिए बेहद खतरनाक हैं. इसके कई नुकसान हैं जैसे- पूरी दुनिया को पता चल जाता है कि भारत के प्रधानमंत्री कितने कम पढ़े-लिखे हैं और उन्हें विज्ञान की बुनयादी जानकारी तक नहीं है.”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिसोदिया का पत्र ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, “मनीष सिसोदिया ने जेल से देश के नाम चिट्ठी लिखी है-प्रधानमंत्री का कम पढ़ा-लिखा होना देश के लिए बेहद ख़तरनाक है. मोदी जी विज्ञान की बातें नहीं समझते. मोदी जी शिक्षा का महत्व नहीं समझते. पिछले कुछ वर्षों में (उन्होंने) 60,000 स्कूल बंद किए. भारत की तरक्की के लिए पढ़ा-लिखा प्रधानमंत्री होना ज़रूरी है.”
बता दें कि गुजरात हाई कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के 2016 के एक आदेश को शुक्रवार को रद्द कर दिया, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था.
हाई कोर्ट के फैसले के एक दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी शनिवार को पीएम की डिग्री पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री मामले में गुजरात हाई कोर्ट के फैसले ने उनकी शैक्षणिक योग्यता के दावों पर ‘संदेह’ और बढ़ा दिया है और अगर वह शिक्षित होते तो नोटबंदी जैसे कदम नहीं उठाते.
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