कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसानों को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अथक संघर्ष करने के लिए बधाई दी और कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने जिस ‘क्रूरता’ से व्यवहार किया, उससे वे विचलित नहीं हुए.
बनर्जी की ये टिप्पणियां तब आयी है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ऐलान किया कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है. इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान पिछले साल से प्रदर्शन कर रहे हैं.
बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘हर उस किसान को मेरी ओर से हार्दिक बधाई जिसने अथक संघर्ष किया और भाजपा ने जिस क्रूरता से आपके साथ व्यवहार किया, उससे आप विचलित नहीं हुए. यह आपकी जीत है! उन सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं है जिन्होंने इस लड़ाई में अपने प्रियजनों को खो दिया.’
My heartfelt congratulations to every single farmer who fought relentlessly and were not fazed by the cruelty with which @BJP4India treated you. This is YOUR VICTORY!
My deepest condolences to everyone who lost their loved ones in this fight.#FarmLaws
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) November 19, 2021
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘किसानों के लंबे और कठिन संघर्ष, सभी प्रतिकूल स्थितियों के खिलाफ उनके धैर्य और दृढ़ संकल्प ने भाजपा को उसकी असली जगह दिखा दी. सभी किसानों को और ताकत मिले. यह लोकतंत्र में असंतोष की असली ताकत है और मैं प्रत्येक किसान को, उनके साहस के लिए नमन करता हूं.’
More power to all our FARMERS!
Their long and arduous struggle, their grit and determination against all adversities has shown @BJP4India their true place.
This is the real POWER OF DISSENT in a Democracy and I salute each and every farmer for their courage. #MyIndia
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) November 19, 2021
टीएमसी के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने कहा कि मोदी सरकार को किसानों के अथक प्रदर्शनों के कारण कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए विवश होना पड़ा और उनके सामने झुकना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘केंद्र ने कृषि कानूनों को लेकर अहंकार दिखाया और अड़ियल रुख अपनाया. ऐसा लगता है कि सरकार को इन कदमों पर जनता के असंतोष से डर लग रहा है. हो सकता है कि अगले साल कुछ राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए इन कानूनों को निरस्त करने का फैसला लिया गया हो.’
माकपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने भी किसानों को उनकी लड़ाई के लिए बधाई दी और कहा कि यह संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में हुए एकजुट आंदोलन की जीत है. पार्टी ने ट्वीट किया, ‘माकपा एसकेएम और लड़ रहे लाखों किसानों को बधाई देती है. एसकेएम के नेतृत्व में एकजुट किसान आंदोलन की बड़ी जीत. एकजुट लोग हमेशा विजयी होते हैं.’
CPIM congratulates and extends its warm greetings to SKM and lakhs of fighting Kisans. Huge victory for united Kisan movement led by SKM.
The People United Shall Always Be Victorious ✊?#FarmersProtest #farmlaws #farmlawsrepealed
— CPI(M) WEST BENGAL (@CPIM_WESTBENGAL) November 19, 2021
माकपा के प्रदेश सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने शुक्रवार को मांग की कि पश्चिम बंगाल सरकार को कुछ साल पहले विधानसभा में पारित किए गए एक कानून में संशोधन करना चाहिए.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘हम एसकेएम, एआईकेएससीसी और ऐतिहासिक किसान आंदोलन के सभी भागीदारों और समर्थकों को उनकी शानदार जीत पर बधाई देते हैं. हम मांग करते हैं कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री घोषणा करें कि संशोधित पश्चिम बंगाल प्रदेश कानून में ऐसे ही किसान विरोधी प्रावधानों को हटाया जाएगा.’
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