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Thursday, 19 December, 2024
होमराजनीतिममता बनर्जी ने केंद्र के विशेष आर्थिक पैकेज को महज ‘एक बड़ा शून्य’ बताया, कहा- इसमें राज्यों के लिए कुछ नहीं

ममता बनर्जी ने केंद्र के विशेष आर्थिक पैकेज को महज ‘एक बड़ा शून्य’ बताया, कहा- इसमें राज्यों के लिए कुछ नहीं

ममता बनर्जी ने कहा, प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की. तब हम आशान्वित थे कि राज्यों के हितों का भी ख्याल रखा जाएगा, लेकिन वित्त मंत्री की घोषणा के बाद पता चला कि कल जो कुछ कहा गया, वह एक झांसा था.

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर हमला करते हुए दावा किया कि केंद्र के विशेष आर्थिक पैकेज में राज्यों की मदद के लिए कुछ नहीं है और वह महज ‘एक बड़ा शून्य’ है.इस दौरान ममता लगातार भाजपा पर हमलावर रहीं.

बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कोविड-19 संकट के दौरान लोगों को गुमराह कर रही है.

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘ केंद्र सरकार द्वारा घोषित विशेष आर्थिक पैकेज कुछ नहीं बल्कि एक बड़ा शून्य है. यह लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश है. उसमें असंगठित क्षेत्र, सार्वजनिक व्यय और रोजगार सृजन के लिए कुछ नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘ कल जब प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की थी तब हम आशान्वित थे कि राज्यों के हितों का भी ख्याल रखा जाएगा, एफआरबीएम सीमा बढ़ायी जाएगी. लेकिन आज केंद्रीय वित्त मंत्री की घोषणा के बाद पाया गया कि कल जो कुछ कहा गया था वह एक झांसा था.’

धनाभाव से जूझ रहे राज्यों को कुछ नहीं देने पर केंद्र पर प्रहार करते हुए तृणमूल कांग्रेस नेता ने दावा किया कि वह सहकारी संघवाद को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहा है.

पश्चिम बंगाल कभी श्रम कानून नहीं बदलेगा

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस दौरान भाजपा पर हमलावर रहीं उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कोरोनावायरस के कारण लागू लॉकडाउन के मद्देनजर मौजूदा श्रम कानूनों को कभी नहीं बदलेगी.


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उन्होंने भाजपा शासित कुछ राज्यों पर इस तरह के नियमों में बदलाव करके कामगारों की रोजगार सुरक्षा समाप्त करने का आरोप लगाया.

बनर्जी ने कहा कि निकट भविष्य में कोविड-19 से कोई त्वरित राहत नहीं मिलने वाली और राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ग्रामीण बंगाल का बुनियादी ढांचा मजबूत करना जरूरी है.

उन्होंने कहा, ‘हमें ऐसी खबरें मिली हैं कि कुछ भाजपा शासित राज्यों ने या तो श्रम कानूनों को निलंबित कर दिया है या उनमें बदलाव किया है. उन राज्यों में कर्मचारियों और श्रमिकों को अधिक काम करना होगा लेकिन पगार कम मिलेगी, उनकी रोजगार सुरक्षा नहीं रहेगी.’

बनर्जी ने कोविड-19 के हालात पर वीडियो-कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम इसका समर्थन नहीं करते और इस तरह का कदम कभी नहीं उठाएंगे. हम मौजूदा श्रम कानूनों का पालन करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि राज्य में लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को यहां रोजगार मिल सके. सरकार उन्हें 100 दिन की रोजगार योजना (मनरेगा) के तहत रोजगार दे सकती है.’

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने कोरोना वायरस प्रकोप के कारण प्रभावित हुए कारोबारों में फिर से जान डालने के मकसद से कुछ श्रम कानूनों को निलंबित करने की घोषणा की है. इसी की पृष्ठभूमि में बनर्जी का यह बयान आया है.

मुख्यमंत्री ने राज्य के कुछ भाजपा नेताओं पर सांप्रदायिक संघर्ष भड़काने का आरोप लगाते हुए जिला प्रशासनों और पुलिस को दोषी पाये गये लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

उन्होंने पिछले सप्ताह हुगली जिले में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए कहा, ‘लॉकडाउन के बीच सांप्रदायिक संघर्ष में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’

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