कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को ‘पुलवामा आतंकवादी हमले का राजनीतीकरण करने’ को लेकर मोदी सरकार की निंदा की और हमले को लेकर खुफिया अलर्ट होने के बाद भी ‘एहतियाती कदम उठाने में विफल’ रहने पर मोदी सरकार को हटाने की मांग की. ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ व भारतीय जनता पार्टी पर बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
उन्होंने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘बहुत से जवान मारे गए हैं. हम अपराधियों के लिए सजा की मांग करते हैं, लेकिन लापरवाही के लिए भी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए. इस घटना की जांच होनी चाहिए’. यह कहते हुए कि बीते महीने एक अमेरिकी खुफिया परामर्श में देश में चुनावों के नाम पर सांप्रदायिक हिंसा की चेतावनी दी गई थी, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘खुफिया रिपोर्ट के बाद कार्रवाई क्यों नहीं की गई.’ ममता बनर्जी ने कहा, ’78 वाहनों के काफिले को एक साथ जाने की इजाजत क्यों दी गई, जिसमें 2000 से ज्यादा जवान थे, जबकि सरकार को इस संभावित हमले की सूचना मिली थी? एहतियाती कदम क्यों नहीं लिए गए?’
ममता ने कहा कि गुरुवार के हमले के बाद विपक्ष बिना कोई सवाल पूछे सरकार के साथ खड़ा हो गया. ममता ने कहा, ‘हम चुप रहे, लेकिन मोदी जी व अमित शाह रोजाना भाषण दे रहे हैं. और, जिस तरीके से वे बोल रहे हैं उससे ऐसा लगता है कि सिर्फ वे ही देश में राष्ट्रभक्त नेता है. यह सही नहीं है.’ ममता ने कहा कि मोदी बताएं कि पठानकोट व पुलवामा हमले के बाद उन्होंने क्या किया. बीते पांच में उन्होंने क्या कार्रवाई की. उन्होंने कहा कि अगर मोदी देश में राजनीतिक हालात पर नियंत्रण नहीं रख सकते तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए.