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Thursday, 14 November, 2024
होमराजनीतिममता ने PM पद की महत्वाकांक्षाओं को नकारा, लेकिन TMC ‘सच्चे दिन’ और ‘बंगाल मॉडल’ के नारों पर जोर दे रही

ममता ने PM पद की महत्वाकांक्षाओं को नकारा, लेकिन TMC ‘सच्चे दिन’ और ‘बंगाल मॉडल’ के नारों पर जोर दे रही

तृणमूल कांग्रेस के नारे 2014 और 2019 में प्रधानमंत्री पद के अभियानों के लिए टीम मोदी की तरफ से तैयार किए गए चुनावी स्लोगन की तर्ज पर हैं-जिनका मकसद ‘लोगों को उन वादों की याद दिलाना है जिन्हें पूरा करने में मोदी विफल रहे हैं.’

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा 26 जुलाई से पांच दिन का दिल्ली दौरा किए जाने के बाद से सोशल मीडिया पर तृणमूल कांग्रेस की गतिविधि में एक बड़ा बदलाव आया है.

यद्यपि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने किसी भी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा से इनकार किया है, लेकिन पार्टी के हैंडल ऐसे पोस्टरों से भरे पड़े हैं जो ममता को 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रत्यक्ष प्रतिद्वंद्वी के रूप में चित्रित करने की कोशिश करते हैं.

पार्टी की तरफ से ऐसे स्लोगन तैयार किए गए हैं जो 2014 और 2019 में प्रधानमंत्री पद के लिए अभियान चलाने के दौरान टीम मोदी की तरफ से इस्तेमाल नारों का जवाब है. इसके बारे में पार्टी नेताओं का कहना है कि इन्हें सोच-समझकर ऐसा बनाया गया है ताकि लोगों को वे वादे ‘याद दिलाए’ जा सकें जिन्हें मोदी ‘पूरा करने में नाकाम’ रहे हैं.

भाजपा के ‘अब की बार मोदी सरकार’ की तर्ज पर जहां ‘अब की बार दीदी सरकार’ का स्लोगन बनाया गया है और ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ के जवाब में ‘सच्चे दिन आने वाले हैं’ का नारा दिया जा रहा है. वहीं, पश्चिमी राज्य में बतौर मुख्यमंत्री मोदी की प्रशासनिक क्षमताओं को उजागर करने के लिए भाजपा की तरफ से ‘गुजरात मॉडल’ का हवाला दिए जाने के जवाब में ‘बंगाल मॉडल’ को सामने रखा जा रहा है.

इन पोस्टरों को तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ राज्य के मंत्रियों की तरफ से भी सोशल मीडिया पर साझा किया गया है.

 

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की तरफ से प्रचार के दौरान हर तरह का हथकंडा अपनाए जाने के बावजूद पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी जीत से उत्साहित तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि ममता ही ऐसी नेता हैं जो ‘मोदी को मात’ दे सकती है.

उन्होंने दिल्ली में ममता की ओर तरफ से की टिप्पणी ही दोहराई कि उन्हें प्रधानमंत्री पद की कोई आकांक्षा नहीं है, लेकिन उनके जैसे ‘विनम्र स्वभाव’ वाले किसी सही उम्मीदवार को चुनने में लोगों की मदद करना चाहती हैं. इन नेताओं का कहना है कि मोदी के खिलाफ ‘विपक्षी मोर्चे के गठन और उसका नेतृत्व करने’ के लिए ममता ही एकमात्र मजबूत चेहरा हैं.

ममता के करीबी सहयोगी और बंगाल में मंत्री मलॉय घटक ने दिप्रिंट को बताया, ‘दीदी के लिए नई जिम्मेदारी संभालने का मंच तैयार है. ऐसा कोई दूसरा नेता नहीं है जो नरेंद्र मोदी-अमित शाह की जोड़ी के सामने टिक सके.’

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने बंगाल में ऐसा कर दिखाया है और उन्हें भारी जनादेश मिला है. वह राष्ट्रीय चुनावों में भी ऐसा करने में सक्षम हैं. जब वह दिल्ली में थीं तो हमने आम जनता के बीच खासा उत्साह देखा.’


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बंगाल में कानून मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे घटक ममता के साथ दिल्ली यात्रा पर आए थे जहां उन्होंने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) सहित विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की और 2024 में मोदी के खिलाफ विपक्षी एकता का आह्वान किया.

‘दीदी को सकारात्मक प्रतिक्रिया’

ममता ने दिल्ली में ‘सच्चे दिन’ के नारे का इस्तेमाल करते हुए कहा कि देश जल्द ही उन्हें देखेगा.

तृणमूल के नए नारे के संदर्भ में पार्टी के एक नेता ने कहा कि उन्हें ‘लोगों को यह याद दिलाने के लिए कि मोदी ने क्या वादा पूरा नहीं किया है नारे को उसी (भाजपा के) तर्ज पर तैयार किया गया है.

नाम न छापने की शर्त पर तृणमूल के शीर्ष नेता ने कहा, ‘उन्होंने अच्छे दिनों का वादा किया था लेकिन दीदी सच्चे दिनों का वादा कर रही हैं. लोगों को एक पारदर्शी सरकार की जरूरत है, जिसे दीदी ही ला सकती हैं.’

दिल्ली में मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पहल पर आयोजित विपक्ष की बैठक में पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, ‘यह तो बस एक शुरुआत है.’

नाश्ते पर हुई इस बैठक के बाद उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘चूंकि दीदी ने दिल्ली का दौरा किया और सोनिया जी, राहुल जी और अन्य सहित वरिष्ठ नेताओं से मिलीं, हमें काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. दीदी ने कहा है कि लड़ाई होगी और हम सब सैनिक तैयार हैं. यह तो बस एक शुरुआत है. आज की बातचीत बहुत फलदायी रही.’

पिछले हफ्ते कल्याण बनर्जी ने ममता को विपक्ष का चेहरा बताया था. उन्होंने मंगलवार का कहा, ‘देखिए, हम हमेशा चाहेंगे कि हमारी नेता देश की नेता बने. हमारी भावना तो यही है. लेकिन हम इसे राजनीतिक रूप से नहीं कह सकते. इसलिए, नेता को तो आने वाले दिनों में लोगों की तरफ से ही चुना जाएगा.’

‘मोदी का एकमात्र विकल्प’

तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि ममता ही मोदी की एकमात्र ‘विकल्प’ हैं.

उन्होंने कहा, ‘ऐसा कोई दूसरा नेता नहीं है जिसकी इतनी मजबूत जन अपील हो. वह मोदी की एकमात्र विकल्प हैं और देश का नेतृत्व करने में सक्षम हैं. उनका शानदार राजनीतिक करियर देखिए. वह सात बार सांसद और चार बार केंद्रीय मंत्री रही हैं, जिसमें रेल मंत्रालय संभालना शामिल है और तीन बार से मुख्यमंत्री हैं. मोदी सिर्फ चार बार के मुख्यमंत्री थे, जब उन्हें 2014 में पीएम उम्मीदवार के तौर पर पेश किया गया. ममता बनर्जी की साख बेहतर है.’

उनकी राष्ट्रीय आकांक्षाओं के संबंध में टिप्पणी करते हुए घोष ने कहा कि ‘उनके जैसे जननेता हमेशा स्वभाव से विनम्र और स्वभाव होते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘बंगाल और देश के लोग उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. उन्होंने यह साबित कर दिया कि निष्पक्ष खेल में अकेले वही हैं जो मोदी को हरा सकती हैं. उन्होंने अकेले ही मोदी-शाह, उनकी भगवा सेना, आरएसएस और राजनीतिक बदले के लिए इस्तेमाल की जाने वाली केंद्रीय एजेंसियों को मात दी है.’

उन्होंने बताया कि तृणमूल कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले हर राज्य के चुनाव में हिस्सा लेगी.

एक दूसरे वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ममता के नाम पर तृणमूल को ‘कई राजनीतिक दलों’ का समर्थन हासिल है.

नेता ने आगे कहा, ‘यह सच है कि कांग्रेस के बिना कोई भाजपा विरोधी मोर्चा नहीं गढ़ा जा सकता, लेकिन हम राहुल गांधी को अनावश्यक महत्व नहीं दे रहे हैं. राज्य और आम चुनावों में उनका रिकॉर्ड देखा जाए तो कांग्रेस का ग्राफ गिरता नजर आएगा. इसके विपरीत, दीदी को देखें. वह विपक्ष में सबसे अनुभवी और तेजतर्रार नेता हैं.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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