नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य के मुख्य सचिव अल्पन बंधोपाध्याय को दिल्ली बुलाने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है.
ममता ने कहा कि मुख्य सचिव को 24 मई को सेवा विस्तार की अनुमति देने और चार दिन बाद के आपके एकपक्षीय आदेश के बीच आखिर क्या हुआ, यह बात समझ में नहीं आई.
बनर्जी ने मोदी से कहा, मुझे आशा है कि नवीनतम आदेश (मुख्य सचिव का तबादला दिल्ली करने का) और कलईकुंडा में आपके साथ हुई मेरी मुलाकात का कोई लेना-देना नहीं है.
मैं सिर्फ आपसे बात करना चाहती थी, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच आमतौर पर जिस तरह से बैठक होती है उसी तरह से. लेकिन आपने अपने दल के एक स्थानीय विधायक को भी इस दौरान बुला लिया जबकि प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री की बैठक में उपस्थित रहने का उनका कोई मतलब नहीं है.
"West Bengal Govt can't release & is not releasing its Chief Secretary at this critical hours," West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee wrote to PM requesting to withdraw, recall, reconsider the decision & rescind latest so-called order
— ANI (@ANI) May 31, 2021
ममता बनर्जी ने मोदी को भेजे पत्र में कहा है कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाने के एकतरफा आदेश से स्तब्ध और हैरान हूं.
बनर्जी कहा कि यह एकतरफा आदेश कानून की कसौटी पर खरा नहीं उतरने वाला, ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व तथा पूरी तरह से असंवैधानिक है.
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श के बाद मुख्य सचिव का कार्यकाल 1 जून से अगले 3 महीने के लिए बढ़ाने जो आदेश दिया था उसे ही प्रभावी माना जाए.
बनर्जी ने पत्र में कहा है कि संघीय सहयोग, अखिल भारतीय सेवा तथा इसके लिए बनाए गए कानूनों के वैधानिक ढांचे का आधार स्तंभ है.