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Thursday, 2 May, 2024
होमराजनीति'बंगाल के दिल में तृणमूल राज करता है', राज्य के पंचायत चुनाव में जोरदार जीत के बाद बोलीं ममता बनर्जी

‘बंगाल के दिल में तृणमूल राज करता है’, राज्य के पंचायत चुनाव में जोरदार जीत के बाद बोलीं ममता बनर्जी

सी.वी. आनंद बोस बोले "राजनीतिक दलों को यह महसूस करना चाहिए कि चुनाव किसी की शारीरिक ताकत की जांच करने का आधार नहीं हैं".

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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सत्तारूढ़ पार्टी ने हिंसा से प्रभावित ग्रामीण परिषद चुनावों में जोरदार जीत हासिल की है, जिसे तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने “अपने लोगों की जीत” कहा.

एक फेसबुक पोस्ट में, ममता बनर्जी ने मतदाताओं को उनके “जबरदस्त समर्थन और प्यार” के लिए धन्यवाद दिया, और कहा कि पंचायत चुनावों के नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनकी पार्टी “बंगाली लोगों के दिलों में राज करती है”.

त्रिस्तरीय ग्रामीण परिषदों – ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद – के चुनाव 8 जुलाई को हुए और 11 तारीख को उसके नतीजे आएं.

राज्य चुनाव आयोग द्वारा बुधवार सुबह 8 बजे तक घोषित नतीजों से पता चला कि तृणमूल ने कुल 63,229 ग्राम पंचायत सीटों में से 34,359 पर जीत हासिल की है. पार्टी 752 पर आगे चल रही थी.

वहीं भाजपा ने 9,545 सीटें जीतीं और 180 सीटों पर, सीपीआई (एम) ने 2,885 सीटें जीतीं और 96 सीटों पर, जबकि कांग्रेस ने 2,498 सीटें हासिल की और 72 सीटों पर आगे रही.

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9,728 पंचायत समिति सीटों में से, तृणमूल ने 6,134 सीटें जीतीं और 61 पर आगे रही। वहीं भाजपा ने 939 सीटें जीतीं और 149 सीटों पर आगे रही, जबकि सीपीआई (एम) ने 165 सीटें जीतीं और 14 अन्य पर आगे रही. कांग्रेस ने 244 सीटें जीतीं और सात पर आगे रही.

928 जिला परिषदों में से, तृणमूल ने 554 में जीत हासिल की और 201 में आगे रही. भाजपा ने केवल 19 में जीत हासिल की और सात में आगे रही. सीपीआई (एम) ने दो जीते और दो पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस ने चार जीते और 10 पर आगे चल रही है.

पिछले महीने चुनावों की घोषणा के बाद से कम से कम 33 मौतों के साथ जबरदस्त खून खराबा देखा गया. शनिवार को मतदान के दिन 15 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 11 सत्तारूढ़ दल के थे.

राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने बंगाल में चुनावों की निगरानी के लिए केंद्रीय बलों की मांग की और मंगलवार को कहा कि “हिंसा और भ्रष्टाचार” राज्य के दो सबसे बड़े दुश्मन हैं.

बोस ने सोमवार शाम केंद्रीय मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की, जिस दिन बूथ से छेड़छाड़ के आरोपों के बाद 696 सीटों पर दोबारा मतदान हुआ था.

राज्यपाल, जो अपनी सार्वजनिक फटकार के लिए तृणमूल के निशाने पर रहे हैं, उन्होंने मंगलवार को कहा कि “राजनीतिक दलों को यह महसूस करना चाहिए कि चुनाव किसी की शारीरिक ताकत की जांच करने का आधार नहीं हैं”.

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बंगाल में हिंसक ग्रामीण चुनावों का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसमें 2003 के पंचायत चुनावों में मतदान के एक ही दिन में 40 लोग मारे गए थे, लेकिन इस साल इसने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया क्योंकि मुख्य चुनौती भाजपा थी.

इस बीच, राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दक्षिण दिनाजपुर जिले में एक मतगणना केंद्र के बाहर मंगलवार देर रात धरना दिया.

उन्होंने तृणमूल पर मनगढ़ंत परिणाम देने का आरोप लगाया और कहा कि वह कानूनी तौर पर आगे बढ़ेंगे. मजूमदार ने कहा, “सत्तारूढ़ दल अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए अपराधियों को मतगणना केंद्र के अंदर ले गए.”

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार को हिंसा को ”राज्य प्रायोजित” बताया और दावा किया कि चुनाव प्रक्रिया में अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है.


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