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Friday, 26 April, 2024
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ममता बनर्जी ने EPFO की ब्याज दर में कटौती पर केंद्र की निंदा की, कहा- एकजुट होकर करें विरोध

आज एक ट्वीट में बनर्जी ने लिखा है, 'यूपी में वोट की जीत के बाद, भाजपा सरकार तुरंत अपना गिफ्ट कार्ड लेकर आई!

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को केंद्र उस फैसले की निंदा की जिसमें कर्मचारी प्रोविडेंट फंड (कर्मचारी भविष्य निधि जमा) पर ब्याज दर को घटाकर ‘चार दशक के निचले स्तर’ करने के केंद्र ने फैसला किया है.

आज एक ट्वीट में बनर्जी ने लिखा है, ‘यूपी में वोट की जीत के बाद, भाजपा सरकार तुरंत अपना गिफ्ट कार्ड लेकर आई! यह कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को चार दशक के निचले स्तर तक कम करने का प्रस्ताव देकर तुरंत खुद को बेनकाब करने वाला है.’

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने शनिवार को अपने लगभग पांच करोड़ ग्राहकों के लिए 2021-22 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज को घटाकर 8.1 प्रतिशत करने का फैसला किया, जो 2020-21 में प्रदान किए गए 8.5 प्रतिशत से कम है.

ममता ने एक ट्वीट में आगे लिखा, ‘यह देश के मध्यम और निम्न-मध्यम वर्ग के श्रमिकों और कर्मचारियों के महामारी से प्रभावित वित्तीय तनाव के बीच है.’

ममता ने केंद्र के इस कदम को ‘ब्लैक पहल’ के तौर पर बताया और कहा कि एकजुट विरोध से इसे नाकाम करना चाहिए.

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उन्होंने कहा, ‘जन-विरोधी, मजदूर-विरोधी कदम वर्तमान केंद्रीय प्रतिष्ठान की क्रूर एकतरफा सार्वजनिक नीतियों को उजागर करता है जो किसानों, श्रमिकों और मध्यम वर्गों की कीमत पर बड़ी पूंजी के हितों की रक्षा करता है. काले कदम  को एकजुट विरोध-प्रदर्शन के साथ विफल किया जाना चाहिए.’

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय के केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने शनिवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए भविष्य निधि (PF) जमा पर 8.1 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी. यह पीएफ जमा पर चार दशक से अधिक समय में सबसे कम ब्याज दर है.

पिछले दो वित्तीय वर्षों, 2020-21 और 2019-20 में पीएफ जमा पर ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी. 2021-22 के लिए ब्याज दर 1977-78 के बाद से सबसे कम होगी जब यह 8 प्रतिशत थी.

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘केंद्रीय बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सदस्यों के खातों में ईपीएफ जमा पर ब्याज की 8.10 प्रतिशत वार्षिक दर देने की सिफारिश की थी. ब्याज दर को आधिकारिक तौर पर सरकारी राजपत्र में अधिसूचित किया जाएगा, जिसके बाद ईपीएफओ अपने ग्राहकों के खातों में ब्याज दर को क्रेडिट करेगा.’

केंद्रीय न्यासी बोर्ड ईपीएफओ का टॉप फैसला लेने वाला निकाय है. यह एक त्रिपक्षीय निकाय है जिसमें सरकार, श्रमिक और नियोक्ता के प्रतिनिधि शामिल होते हैं.


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