scorecardresearch
Thursday, 25 April, 2024
होमराजनीतिममता ने 92% स्कोर किया, तो शाह ने 93%- बंगाल TET लिस्ट में 'नेताओं' के नाम पर बवाल, बोर्ड ने दी सफाई

ममता ने 92% स्कोर किया, तो शाह ने 93%- बंगाल TET लिस्ट में ‘नेताओं’ के नाम पर बवाल, बोर्ड ने दी सफाई

अमित शाह (93% )सुकांत मजूमदार (90%)जैसे राजनेताओं के नाम शिक्षक पात्रता परीक्षा क्वालीफायर सूची में आने के बाद राज्य शिक्षा बोर्ड ने सफाई देते हुए कहा कि वो 'सिर्फ हमनाम' हैं.

Text Size:

कोलकाता: राजनीतिक क्षेत्र में एक दूसरे के विरोधी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच शिक्षक बनने के लिए भी कड़ी प्रतिस्पर्धा है. अभिषेक बनर्जी, दिलीप घोष, सुकांत मजूमदार, सुजान चक्रवर्ती और सुवेंदु अधिकारी जैसे दिग्गज भी उनसे पीछे नहीं हैं.

शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2014 के नतीजों बताते दिख रहे हैं कि इन सभी राजनीतिक दिग्गजों ने बेहद अच्छे अंकों के साथ इस परीक्षा को पास किया है.

शाह ने जहां 93 अंक प्राप्त किए हैं, वहीं ममता उनसे थोड़ा पीछे रहते हुए 92 अंक लाई हैं. अभिषेक ने 98, घोष ने 84, मजूमदार ने 90 और चक्रवर्ती ने इन सबसे बेहतर 99 अंक हासिल किए हैं. ममता के कभी शागिर्द रहे सुवेंदु, जिन्हें आज वह बिल्कुल पसंद नहीं करती हैं, ने पूरे 100 अंक हासिल किए हैं.

11 नवंबर को पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) की वेबसाइट पर प्रकाशित हुई 1,832 पेज वाली मेरिट सूची में उन 11.25 लाख उम्मीदवारों के नाम हैं, जिन्होंने राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में शिक्षकों के रूप में भर्ती होने के लिए अगले दौर की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए लिखित परीक्षा पास की है.

जाहिर तौर पर अब डब्ल्यूबीबीपीई पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हंगामे के केंद्र में है और विपक्ष ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित राज्य में स्कूल भर्तियों में अनियमितताओं का आरोप लगाया है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

बोर्ड ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि सूची में फर्जी नाम थे. डब्ल्यूबीबीपीई के अध्यक्ष गौतम पॉल ने सोमवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘ये हमनाम हैं और हमने उम्मीदवार के पिता के नाम और उनके संपर्क नंबर भी दिए हुए हैं. राजनीतिक दलों द्वारा राज्य को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है.’

पॉल ने तर्क दिया कि ऐसा कोई नियम तो है नहीं कि राज्य में एक नाम का एक ही व्यक्ति हो सकता है.

दिप्रिंट ने उन उम्मीदवारों से संपर्क किया जिनके नाम पश्चिम बंगाल के जाने-माने राजनेताओं से मेल खाते थे. बांकुड़ा की रहने वाली ममता बनर्जी ने दिप्रिंट को बताया कि वह 2014 में टीईटी में शामिल हुई थीं.

एक अन्य दिलीप घोष नामक उम्मीदवार ने बताया कि वह बांकुरा के निवासी हैं और 2014 में प्रवेश परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे. इसी तरह सुजन चक्रवर्ती (जिन्हें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी के नेता बताया जा रहा था) ने कहा कि वह नोर्थ 24 परगना में रहते हैं और साक्षात्कार के लिए भी उपस्थित हुए थे. लेकिन क्वालीफाई नहीं कर पाए.

मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के पास सफल उम्मीदवारों की सूची में पार्टी के दिग्गजों से मेल खाने वाले नामों में से कोई भी नहीं है.

विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मेरिट सूची का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वह कोलकाता में ममता के घर के बगल वाले एक स्कूल में नौकरी पाना चाहते हैं. सुवेंदु ने सोमवार को राजभवन के बाहर कहा, ‘मुझे अब नौकरी चाहिए और मैं चाहता हूं कि मुख्यमंत्री के घर के बच्चे मेरे स्कूल में आकर सीखें, जहां मैं पढ़ाऊंगा.’

लेकिन शहरी विकास और नगर मामलों के मंत्री फिरहाद हाकिम ने दावा किया कि यह राज्य के खिलाफ एक साजिश है. उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग राज्य के लोगों को गुमराह करने और हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. शिक्षा विभाग को उन दोषियों का पता लगाना चाहिए और नाम फर्जी होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.’

पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने ट्विटर पर सूची साझा की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह पश्चिम बंगाल में शिक्षा और मूल्यांकन का स्तर है. भ्रष्टाचार ज्यादा है और शिक्षा एवं मूल्यांकन की स्थिति खराब हो चुकी है. दुखद स्थिति. @MamataOfficial कब उम्मीदवारों के जीवन से खिलवाड़ करना बंद करेंगी?’

2014 के टीईटी अभ्यार्थी कोलकाता में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि उन्हें नौकरी से वंचित करते हुए पैसे के बदले में अयोग्य उम्मीदवारों को नौकरी पर रखा गया है. टीचर बनने की चाह रखने वाले उम्मीदवारों ने पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में नौकरी मिलने तक अपनी लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों पश्चिम बंगाल के कथित शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे हैं. शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, डब्ल्यूबी बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य और टीएमसी विधायक और शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों सहित कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां हुई हैं.

अक्टूबर में सीबीआई ने पूर्व अध्यक्ष, पूर्व सलाहकार और पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग के तत्कालीन सहायक सचिव, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की एक तदर्थ समिति (एडहॉक कमेटी) के तत्कालीन अध्यक्ष सहित 12 आरोपियों को बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला में अपने आरोप पत्र में नामजद किया था.

अनुवाद: संघप्रिया मौर्या

संपादन: इन्द्रजीत

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढे़ं: आंतों का ‘कीमा’ बनाया, फ्रिज में कोल्ड ड्रिंक के साथ रखा सिर- शेफ ने कैसे अपनी प्रेमिका के शव को ‘छिपाया’


 

share & View comments