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Sunday, 3 November, 2024
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बंगाल में EC के प्रतिबंधों के बाद ममता ने रद्द की सभी सभाएं, अब वर्चुअल माध्यम से करेंगी प्रचार

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर बताया है कि वह जल्दी है वर्चुअल सभाओं का अपडेट शेड्यूल्स लोगों से साझा करेंगी.

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नई दिल्ली : कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग के बंगाल में 500 से ज्यादा लोगों की जनसभाओं पर रोक लगाने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब अपना चुनाव प्रचार वर्चुअल करेंगी. बनर्जी ने अपनी सभी तय सभाएं कैंसिल कर दी है.

ममता ने कहा है कि वह लोगों तक वर्चुअली पहुंचेंगी. उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग ने रोड शो, व्हीकल रैलियों, 500 से ज्यादा लोगों की जनसभाओं पर रोक लगा दी है.

ममत ने ट्वीट किया है कि पूरे देश में कोविड के मामलोंं में इजाफे और चुनाव आयोग 22 अप्रैल के आदेश को देखते हुए वह अपनी सभी तय सभाओं को रद्द कर रही हैं और वह लोगों तक वर्चुअली पहुंचेंगी. उन्होंने कहा है कि जल्दी है वर्चुअल सभाओं का अपडेट शेड्यूल्स लोगों से साझा करेंगी.

वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी ने भी बंगाल में अपनी सभी रैलियों को रद्द कर दिया है. वह कोविड से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अग्रणी ऑक्सीजन निर्माताओं के साथ संवाद करेंगे.

आयोग का बंगाल में चुनाव कार्यक्रम में तब्दीली से इंकार, कांग्रेस, टीएमसी को कारण गिनाए

वहीं निर्वाचन आयोग ने बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव कार्यक्रम में किसी तरह के बदलाव से इंकार किया था और तृणमूल कांग्रेस से कहा कि शेष तीन चरणों के चुनाव को एक साथ मिलाने का उसका सुझाव ‘व्यावहारिक नहीं’ है.

आयोग ने पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी से कहा था कि मुस्लिमों का रमजान का महीना समाप्त होने और महामारी कम होने के बाद राज्य में शेष चरणों के चुनाव कराने की उनकी मांग इसलिए स्वीकार्य नहीं है कि राज्य विधानसभा का कार्यकाल 30 मई को समाप्त हो रहा है और उससे पहले नई विधानसभा का गठन किया जाना है.

कांग्रेस नेता को बताया गया था, ‘चुनाव के कार्यक्रम में किसी भी तरह का बदलाव चुनाव कराने के संवैधानिक एवं कानूनी प्रावधानों पर असर डालेगा.’

चौधीर ने चुनाव आयोग को 19 अप्रैल को पत्र लिखकर चुनाव टालने का आग्रह किया था.

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन द्वारा राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र के जवाब में आयोग ने जनप्रतिनिधित्व कानून के विभिन्न प्रावधानों और कोरोनावायरस महामारी के परिप्रेक्ष्य में मतदाताओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों का हवाला दिया था और राज्य में चुनाव के कार्यक्रम में बदलाव से इंकार किया था.

पश्चिम बंगाल में छठे चरण का चुनाव जहां 22 अप्रैल को होना है वहीं सातवें चरण और आठवें चरण का चुनाव क्रमश: 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को होना है.

ब्रायन ने अपने पत्र में निर्वाचन आयोग से आग्रह किया था कि राज्य में छठे, सातवें और आठवें चरण के चुनाव को एक साथ कराया जाए और दावा किया था कि राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों के पास 52 दिन चुनाव प्रचार करने के लिए थे.

निर्वाचन आयोग ने जवाब में कहा था कि इस बार अतिरिक्त चरण के बावजूद चुनाव का कुल समय 2016 के चुनावों की तुलना में 11 दिन कम कर 66 दिन किया गया है.

 

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