नई दिल्ली: अपने खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी का आरोप झेल रही महुआ मोइत्रा ने एथिक्स पैनल पर “अपमानजनक” और “व्यक्तिगत सवाल” पूछे जाने का आरोप लगाया है. अनैतिक व्यवहार का आरोप लगाते हुए सुनवाई को बीच में ही छोड़ तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा बाहर निकल आईं और फिर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को एक ओपन लेटर भी लिखा.
उन्होंने इस घटना को महाभारत के द्रौपदी के चीरहरण से जोड़ते हुए “वस्त्रहरण” के रूप में वर्णित किया, जहां कौरवों ने दरबार में पाडवों की रानी द्रौपदी को अपमानित किया था.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में महुआ ने आरोप लगाया कि बैठक के दौरान उनके साथ ”अनैतिक, व्यवहार किया गया.”
लोकसभा अध्यक्ष को लिखे मोइत्रा के पत्र और मीडिया पर चिल्लाते हुए उनके वायरल वीडियो के सामने आने के बाद बीजेपी नेता और भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि इससे पता चलता है कि टीएमसी नेता कार्रवाही से हताशा और गुस्से में है.
‘वस्त्रहरण जैसा व्यवहार’
टीएमसी सांसद ने पत्र में लिखा, “मैं आज बहुत व्यथित होकर आपको पत्र लिख रही हूं ताकि आपको अध्यक्ष द्वारा आचार समिति की सुनवाई में मेरे साथ किए गए अनैतिक, घिनौने और पूर्वाग्रहपूर्ण से भरे व्यवहार के बारे में जानकारी दे सकूं. मुझे समिति के सभी सदस्यों की उपस्थिति में “वस्त्रहरण” जैसी घटना का शिकार होना पड़ा है.”
मोइत्रा गुरुवार को अपने खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों को लेकर लोकसभा आचार समिति के सामने पेश हुईं. वह और पैनल के विपक्षी के कुछ सदस्य गुरुवार दोपहर को बैठक से “बाहर चले गए”. विपक्षी सदस्यों ने सवाल पूछने की लाइन पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सांसद से “व्यक्तिगत सवाल” पूछे गए.
मोइत्रा ने अपने पत्र में यह भी आरोप लगाया कि अध्यक्ष ने विषय से संबंधित प्रश्न पूछने के बजाय अपमानजनक तरीके से उनसे सवाल करके पूर्वनिर्धारित पूर्वाग्रह का प्रदर्शन किया.
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समिति में कोई नैतिकता नहीं बची है
उन्होंने पत्र में आगे लिखा, “समिति को खुद को आचार समिति के अलावा किसी अन्य नाम से नामित करना चाहिए क्योंकि इसमें कोई नैतिकता नहीं बची है. विषय से संबंधित प्रश्न पूछने के बजाय, अध्यक्ष ने दुर्भावनापूर्ण और स्पष्ट रूप से अपमानजनक तरीके से मुझसे सवाल किए.”
उन्होंने कहा कि सभापति द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों के संबंध में उन्होंने बार-बार ऑन रिकॉर्ड विरोध किया, लेकिन दो घंटे से अधिक समय तक अप्रासंगिक पूछताछ के बाद, समिति के पांच सदस्यों ने कार्यवाही का बहिष्कार किया और बाहर चले गए.
“इस तरह की दो घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद, जो हर सवाल के साथ बदतर होती जा रही थी, समिति के पांच सदस्यों ने कहा कि वे इस ‘चीरहरण’ का हिस्सा नहीं बनेंगे और कार्यवाही का बहिष्कार कर चले गए बाहर.”
इसी बीच कांग्रेस सांसद उत्तम कुमार रेड्डी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि वह ‘पूछताछ के बदले पैसे’ को लेकर ‘जनता के सामने भ्रामक कहानी पेश करने’ की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि “मैंने महुआ मोइत्रा से कोई असंसदीय भाषा नहीं सुनी है. निशिकनाथ दुबे ने जो भी कहा है वह पूरी तरह से गलत है.”
‘कैश फॉर क्वेरी’
मोइत्रा को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के ‘कैश फॉर क्वेरी’ आरोपों का सामना करना पड़ रहा है, जिन्होंने आरोप लगाया था कि तृणमूल सांसद ने अदाणी समूह को निशाना बनाने के लिए संसद में सवाल उठाने के लिए दुबई स्थित व्यवसायी हीरानंदानी से रिश्वत ली थी.
मोइत्रा अपने खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों को लेकर लोकसभा आचार समिति के सामने पेश हुईं. वह और पैनल के विपक्षी सदस्य गुरुवार दोपहर को बैठक से “बाहर चले गए”. विपक्षी सदस्यों ने सवाल के चयन पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सांसद से “व्यक्तिगत सवाल” पूछे गए.
वॉकआउट करने वालों में बसपा सांसद दानिश अली, जनता दल (यूनाइटेड) सांसद गिरिधारी यादव और कांग्रेस सांसद उत्तम कुमार रेड्डी शामिल थे.
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