नई दिल्ली : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को एनसीपी के सीनियर नेताओं की तरफ से मनाए जाने की कोशिशों के बीच भाजपा भी ऐसे प्रयास करते हुए दिख रही है. चर्चा है उन पर दर्ज 20 मामलों में से 9 में क्लीन चिट दे दी है. सोशल मीडिया पर उस लिस्ट को वायरल किया जा रहा है जिसमें अजित पवार पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने मामला दर्ज किया था. संस्था के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने सोशल मीडिया पर वायरल सूची में जिसमें अजित पवार पर सिंचाई घोटाले का आरोप है ऐसे किसी मामले के होने की बात से नकार दिया है. वहीं कांग्रेस ने इस पर चुटकी ली है.
Maharashtra Anti Corruption Bureau Sources add that the cases that were closed today were conditional, cases could reopen if more information comes to light or courts order further inquiry. https://t.co/rTFoPVawFt
— ANI (@ANI) November 25, 2019
महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो के सूत्रों का कहना है कि आज जो मामले बंद किए गए हैं, वे कंडिश्नल थे, अगर मामले में अधिक जानकारी सामने आती है या अदालतें आगे की जांच का आदेश देती हैं तो इन्हें फिर से खोला जाएगा.
महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के डीजी परमबीर सिंह ने एएनआई को बताया कि उपमुख्यमंत्री से अजीत पवार से संबंधित कोई भी मामला अबी नहीं बंद किया गया है.
महाराष्ट्र एसीबी ने सिंचाई घोटाले के मामले बंद किए, कहा- ये मामले अजित पवार से जुड़े नहीं
महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने सोमवार को बताया कि उसने राज्य की नौ सिंचाई परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं की जांच बंद कर दी है. एजेंसी ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि ये मामले उप मुख्यमंत्री अजित पवार से जुड़े हुए नहीं हैं.
एसीबी ने यह सफाई विपक्षी कांग्रेस के इस दावे के बाद दी कि दो दिन पहले सरकार बनाने में भाजपा की मदद करने की वजह से अजित पवार को ‘दोषमुक्त’ कर दिया गया है.
एसीबी अधिकारियों ने कहा कि 2013 में हुए सिंचाई घोटाले से जुड़े ऐसे किसी भी मामले को बंद नहीं किया गया है जिनमें कथित तौर पर अजित पवार का नाम है.