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Friday, 22 November, 2024
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एक मिनट का भाषण, राष्ट्रगान से पहले वॉकआउट- महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी को लेकर ताजा विवाद

बीजेपी विधायक नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग और एमवीए विधायकों के छत्रपति शिवाजी के नारों के बीच भगत सिंह कोश्यारी विधानसभा छोड़कर बाहर आ गए.

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मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में अपने पारंपरिक भाषण को एक मिनट के भीतर ही खत्म किया और राष्ट्रगान का इंतजार किए बिना बाहर चले गए. इस दौरान विधायक नारेबाजी और हंगामा करते रहे.

शायद यह पहली बार था जब राज्यपाल और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच जारी तनाव की वजह ऐसे हालात बने. राज्यपाल बीजेपी के कार्यकर्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कट्टर समर्थक रहे हैं. राज्य में शिवसेना, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस की सरकार है.

साल 2019 में एमवीए सरकार बनने के बाद से ही, कोश्यारी के साथ इसके संबंध सौहार्दपूर्ण नहीं थे.

एमवीए के नेताओं राज्यपाल के चले जाने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए कहा कि उन्होंने ‘राष्ट्रगान का सम्मान’ नहीं किया.

कोश्यारी के भाषण का वीडियो सामने आने के बाद, स्थिति खराब हुई है. यह वीडियो में उन्होंने कथित तौर पर ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के बाल-विवाह का मजाक उड़ाया था. उन्होंने यह भाषण एक महीना पहले सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में दिया था.

सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे इस वीडियो में कोश्यारी कथित रूप से हंसते हुए कह रहे हैं, ‘सावित्री की शादी सिर्फ़ 10 साल में ही हो गई और उनके पति सिर्फ़ 13 साल के थे. अब इसके बारे में सोचिए कि लड़के और लड़कियां शादी होने के बाद क्या सोचते होंगे.’

महाराष्ट्र कांग्रेस ने बुधवार को ट्वीट किया कि यह ‘यह दुर्भाग्य है कि महाराष्ट्र को ऐसा राज्यपाल मिला है जिसे पता नहीं है कि कब क्या बोलना चाहिए.’


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विधानसभा में क्या हुआ

चार हफ्तों तक चलने वाले राज्य विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत गुरुवार को हंगामे से हुई. बीजेपी विधायकों ने राज्य सरकार का तीखा विरोध किया. वे राज्य सरकार की ओर से एनसीपी कोटे के मंत्री नवाब मलिक से इस्तीफा नहीं मांगने को लेकर सरकार से नाराज थे.

पिछले महीने मलिक को प्रत्यावर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था. उन पर ऐसी प्रॉपर्टी खरीदने का आरोप है जिसका संबंध अंडरवर्ल्ड से है.

गुरुवार को बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ की गई. राज्यपाल कोश्यारी परंपरा के मुताबिक संयुक्त सत्र को संबोधित किया. राष्ट्रगान के खत्म होते ही एमवीए विधयकों ने महाराष्ट्र के राजा छत्रपति शिवाजी के नारे लगाने लगे.

यह नारा कोश्यारी के उस बयान के खिलाफ लगाया गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि समर्थ रामदास छत्रपति शिवाजी के शिक्षक थे. एवीए नेताओं ने इसे ‘इतिहास के साथ छेड़छाड़’ बताया था.

राज्यपाल के भाषण शुरू करते ही एमवीए और विरोधी पार्टी के नेताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. एमवीए के नेता शिवाजी पर कोश्यारी की टिप्पणी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. वहीं, बीजेपी, मलिक को मंत्री पद से नहीं हटाने को लेकर सरकार का विरोध कर रहे थे.

कुछ मिनट के भीतर ही राज्यपाल ने भाषण देना बंद कर दिया और मंच से उतरकर विधानसभा से बाहर चले गए. इसके बाद वह विधानसभा के बाहर लगी अपनी आधिकारिक कार में बैठ गए.

राज्यपाल कार्यालय के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘अक्सर राज्यपाल के भाषण के दौरान विधानसभा में हंगामा होता है. इस तरह का हंगामा होने पर राज्यपाल थोड़े-बहुत पैराग्राफ छोड़ देते हैं, लेकिन कोश्यारी ने अपने भाषण को वाकई बहुत छोटा कर दिया. उन्होंने सिर्फ़ पहला और आखिरी पैराग्राफ ही पढ़ा.’

अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल राष्ट्रगान के लिए नहीं रुके यह ‘जानबूझकर नहीं था.’

उन्होंने कहा, वहां पर इतनी ज्यादा अव्यवस्था थी कि किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि वहां पर राष्ट्रगान बजने वाला है.’

एमवीए का राज्यपाल का विरोध और बीजेपी का एमवीए विरोध विधानसभा से बाहर भी पहुंच गया. एनसीपी के एमएलए संजय दाऊद ने यह कहते हुए शीर्षासन किया कि ‘राज्यपाल का सर वहां पर है जहां पर उनका पैर होना चाहिए.’

एमवीए के सदस्यों ने विपक्षी भाजपा पर आरोप लगाया है कि उसके शोर-शराबे के कारण गवर्नर को अपना भाषण अधूरा छोड़ना पड़ा था.

महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री और एनसीपी प्रमुख जयंत पाटिल ने पत्रकारों को बताया कि भाजपा विधायकों के अनुशासनहीनता के कारण गवर्नर को अपना भाषण बीच में छोड़ना पड़ा था. आज जैसा हुआ वैसा महाराष्ट्र के इतिहास में कभी नहीं हुआ था. एक समय हम लोग भी विपक्ष में थे मगर सदन का अपमान इस प्रकार से कभी नहीं किया.

उन्होंने कहा कि जब गवर्नर सदन में आए तब ‘एमवीए के विधायकों ने उनका स्वागत छत्रपति शिवाजी के नारों के साथ किया.’

उन्होंने कहा, ‘भाजपा के विधायकों ने हंगामा शुरू किया और बैनर दिखाने शुरू किए जिसके कारण राज्यपाल बिना राष्ट्रगान पूरा किए हुए ही लौट गए. अपेक्षा की जाती है कि गवर्नर अपना भाषण पूरा करेंगे और राष्ट्रगान का इंतजार करेंगे. यह अपेक्षा भी की जाती है कि राज्य के प्रमुख पद पर आसीन व्यक्ति राष्ट्रगान का सम्मान करेंगे.’

भाजपा विधायक आशीष शेलार ने पत्रकारों से कहा, ‘हमारी मांग सदन के बाहर और भीतर केवल यही है कि क्या नवाब मलिक को कैबिनेट मंत्री पद से हटाया जाएगा. हम इस बात पर अडिग हैं. यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह कामकाज शांतिपूर्वक चलाए.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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