नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हमारे पास बहुमत नहीं है इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं. फडणवीस ने कहा कि भाजपा एक प्रभावी विपक्ष की भूमिका निभाएगी. उन्होंने कहा कि इन तीनों पार्टियों का मकसद केवल भाजपा का विरोध है. महाराष्ट्र की जनता को तहेदिल से आभार. नई सरकार को शुभकामनाएं.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैं आपसे बातचीत के बाद राजभवन अपना इस्तीफा देने जाउंगा. मैं उनलोगों को सरकार बनाने के लिए शुभकामनाएं देता हूं. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि वह सरकार भी अस्थिर होगी और उनके मतों में भी भारी अंतर है.
फडणवीस ने कहा कि अजित पवार ने इस्तीफा दिया है. शिवसेना ने जनादेश के साथ धोखा किया है.
देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 79 घंटे के भीतर इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा, ‘हमने तय किया था कि हम कभी भी खरीद-फरोख्त की राजनीति नहीं करेंगे और न ही कोई विधायक तोड़ेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन को जानदेश दिया था. 70 फीसदी सीटों पर हमारे उम्मीदवार जीत कर आए थे वहीं शिवसेना के केवल 40 फीसदी उम्मीदवार जीते थे. उन्होंने कहा कि जनता ने हमें जनादेश दिया था.’
फडणवीस ने कहा, ‘गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया था कि मुख्यमंत्री भाजपा से ही होगा. भाजाप को 105 सीटों पर विजय मिली. शिवसेना ने शुरूआत से ही सौदेबाजी करनी शुरू कर दी. हमने कभी भी शिवसेना से ढाई-ढाई साल का वादा नहीं किया था.’
शिवसेना ने कांग्रेस, एनसीपी के साथ बात करनी शुरू कर दी. इन तीनों के बीच विचारधारा के आधार पर कोई समानता नहीं है. लेकिन फिर भी तीनों ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाना शुरू कर दिया. राज्य में 15 दिनों के बाद राष्ट्रपति शासन लगाया गया.
फडणवीस ने कहा, ‘अजित पवार ने मुझे पत्र लिखकर सरकार बनाने को कहा था.’
देवेंद्र ने कहा कि भ्रष्टाचार पर हमने कभी भी कोई समझौता नहीं किया है. अजित पवार को लेकर पांच सालों में जांच हुई है. इस पर कोई फर्क नहीं पड़ा है.