नई दिल्ली : महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर संसद में जहां कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी संसद में बैनर के साथ प्रदर्शन करने उतर गईं. वहीं राहुल गांधी ने कहा कि सदन में आज सवाल पूछने आया था, लेकिन सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है.
वहीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी संसद में महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर प्रदर्शन करने उतर गईं. संविधान की हत्या बंद करो के साथ नारेबाजी की गई.
बता दें विपक्ष ने महाराष्ट्र के सियासी उलटफेर का मुद्दा संसद के सदनों में भी उठाया है. विपक्ष यह आरोप लगा रहा है कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या कर रही है. इस बीच लोकसभा में विपक्षी दलों के सांसदों ने महाराष्ट्र के मुद्दे पर संविधान की हत्या बंद करो के साथ नारेबाजी की है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल ने शनिवार की सुबह देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी . इसके बाद से शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा अपने विधायकों को मुंबई के अलग अलग होटलों में रखे हुए है. भाजपा की सरकार बनने को लेकर इन तीनों दलों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है.
Delhi: Congress Interim President Sonia Gandhi leads party's protest in Parliament premises over Maharashtra government formation issue. pic.twitter.com/B98L3uHqq0
— ANI (@ANI) November 25, 2019
महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक दोपहर 12 बजे तक और राज्यसभा 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गई है.
Congress leader Rahul Gandhi in Lok Sabha: I wanted to ask a question in the House but it doesn't make any sense to ask a question right now as democracy has been murdered in #Maharashtra. pic.twitter.com/eZUCONJfop
— ANI (@ANI) November 25, 2019
राहुल गांधी ने कहा कि में सदन में आज सवाल पूछने आया था, लेकिन सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है.
इस सत्र में पहली बार सदन में पहुंचे गांधी ने सवाल पूछने से इनकार करते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है, ऐसे में मेरे सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है.’ इस दौरान सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थीं.
महाराष्ट्र मुद्दे पर हंगामा, रास दोपहर दो बजे तक स्थगित
महाराष्ट्र मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक सोमवार को शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाए.
सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसके बाद उन्होंने सदन को सूचित किया कि महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत उन्हें कांग्रेस के आनंद शर्मा, माकपा सदस्य के के रागेश तथा इलामारम करीम, भाकपा के विनय विस्वम एवं द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा की ओर से कार्यस्थगन नोटिस मिले हैं.
सभापति ने कहा कि महाराष्ट्र मुद्दा अदालत में विचाराधीन है. इसके अलावा, उच्च पद पर आसीन किसी व्यक्ति के आचरण पर समुचित नोटिस के बिना चर्चा नहीं की जा सकती. नायडू ने कहा कि इन वजहों के चलते उन्होंने सदस्यों के नोटिस स्वीकार नहीं किए.
सभापति ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने के बारे में या राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के बारे में नोटिस दिए जाने पर सदन में चर्चा की जा सकती है. उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई नोटिस विचाराधीन नहीं है.
इसके बाद विपक्षी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक एवं वाम सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. कुछ सदस्यों ने ‘महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या’ के नारे लगाए.
इसी बीच अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया. उन्होंने कहा कि राज्यपाल के फैसले पर विशेष नोटिस के माध्यम से ही चर्चा की जा सकती है और ऐसा कोई नोटिस विपक्षी सदस्यों की ओर से नहीं दिया गया है.
नकवी ने आरोप लगाया ‘कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना महाराष्ट्र में जुगाड़ के जरिये लोकतंत्र का अपहरण करने की कोशिश कर रही हैं.’ नकवी ने यह भी कहा कि जनतंत्र भाजपा के साथ है.
उन्होंने कहा कि राकांपा प्रमुख शरद पवार सदन के सम्मानित सदस्य हैं और बड़े खिलाड़ी भी हैं.
नकवी ने कहा ‘पवार को समझना चाहिए कि फिसलन भरी पिच पर क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ियों के रन आउट होने का खतरा होता है. फिर भी वह ऐसी पिच पर दौड़ रहे हैं.’ इसी दौरान कांग्रेस के सदस्य अपने स्थानों से आगे आए, हालांकि वे आसन के समक्ष नहीं गए. सभापति ने उन्हें अपने स्थानों पर लौट जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने को कहा. अपनी बात का असर नहीं होते देख उन्होंने 11 बज कर करीब दस मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
सदन की कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते और पोस्टर लिए हुए आसन के निकट पहुंच गए. इडेन और प्रतापन ने बड़ा पोस्टर ले रखा था जिस पर ‘स्टॉप मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी’ लिखा था.
नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया और अनुसूचित जाति के लड़के-लड़कियों के छात्रावास विषय पर पूरक प्रश्न पूछने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम पुकारा.
इस सत्र में पहली बार सदन में पहुंचे गांधी ने सवाल पूछने से इनकार करते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है, ऐसे में मेरे सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है.’ इसी बीच स्पीकर बिरला ने बड़ा पोस्टर लहरा रहे इडेन और प्रतापन को ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी। स्पीकर ने मार्शलों को दोनों कांग्रेस सदस्यों को सदन से बाहर करने का आदेश दिया.
हालांकि इडेन, प्रतापन और अन्य कांग्रेस सदस्यों तथा मार्शलों के बीच धक्कामुक्की हो गयी.
हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष बिरला ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
महाराष्ट्र मुद्दे पर लोकसभा में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सदस्यों और मार्शलों के बीच धक्कामुक्की होने से कार्यवाही बाधित हुई.
बता दें सोमवार को सदन की कार्यवाही आरंभ होने से पहले संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने कांग्रेस सांसदों ने महाराष्ट्र के मुद्दे पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया. हाथों में बैनर लिए कांग्रेस नेताओं ने ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ ‘प्रधानमंत्री होश में आओ’ और ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगाए.
महाराष्ट्र मुद्दे पर लोकसभा में भारी हंगामा, कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित
महाराष्ट्र मुद्दे पर लोकसभा में सोमवार को कांग्रेस सदस्यों के भारी हंगामे और पार्टी के दो सदस्यों हिबी इडेन एवं टी एन प्रतापन और मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.