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Sunday, 22 December, 2024
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‘आपदा में राजनीति, कांग्रेस की पुरानी आदत‌’, आंधी-तूफान से महाकालेश्वर मंदिर की 6 मूर्तियां क्षतिग्रस्त

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में कोई भी योजना नहीं है जिसमें भ्रष्टाचार ना हुआ हो. अब महाकाल के नाम पर भी भाजपा पैसे खा गई.

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नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर की छह मूर्तियां के क्षतिग्रस्त होने और कांग्रेस के आरोपों के बाद मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को कहा कि अब कांग्रेस सिर्फ टीवी, ट्विटर और पेपर तक ही सिमित रह गई हैं. आपदा में राजनीति करना कांग्रेस पार्टी की पुरानी आदत‌ है.

मंदिर की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि “उज्जैन में जो कुछ भी हुआ वह एक प्राकृतिक आपदा थी, और मंदिर अभी गारंटी पीरियड में होने के कारण वहां पर जो भी नुकसान हुआ हैं वह संबंधित एजेंसी बना कर और मरम्मद करके देगा जिसने मंदिर निर्माण का काम किया था. इस नुकसान का सारा खर्चा एजेंसी ही उठाएगी क्योंकि पांच साल का गारंटी पीरियड है.”

बता दें कि मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे की छह मूर्तियां रविवार दोपहर को आई तेज आंधी की वज़ह से टूट गयी थी.

अधिकारियों के अनुसार जब मूर्तियां गिरीं तो यह गलियारा श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था, लेकिन इसमें किसी भी प्रकार की कोई दुर्घटना नहीं हुई.

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए और खंडित मूर्तियों का अब क्या किया जाएगा यह पूछते हुए कहा कि अब इस से बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है? क्या मोदी जी, शिवराज सिंह चौहान से स्पष्टीकरण लेंगे? मध्यप्रदेश में कोई भी योजना नहीं है जिसमें भ्रष्टाचार ना हुआ हो. अब महाकाल के नाम पर भी भाजपा पैसे खा गई!


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खंडित मूर्तियों का क्या होगा

सिंह ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए कहा कि ठीक उसी शुभ दिन सप्तर्षियों की मूर्ति खंडित हुई, जब सब तरफ़ जयकार थी. हिन्दू मान्यता के अनुसार खंडित मूर्ति को नहीं रखना चाहिए. अब देखना होगा कि सरकार इन मूर्तियों की रिपेयर कराती है या नयी मूर्तियां स्थापित करती है.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ महीने पहले 900 मीटर लंबे ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे के पहले चरण का लोकार्पण किया था. कुल 856 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के पहले चरण में ‘श्री महाकाल लोक’ को 351 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है.

देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर का मंदिर उज्जैन में स्थित है.

इसी बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘‘मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की (भाजपा नीत) सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी.’’

उन्होंने कहा कि जिस तरह से महाकाल लोक परिसर (गलियारा) में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है. मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं और घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए.

ठेकेदार नयी मूर्तियां लगाएंगे

उज्जैन के जिलाधिकारी कुमार पुरुषोत्तम ने घटना के बारे में बात करते हुए कहा ‘‘श्री महाकाल लोक गलियारे में 160 मूर्तियां हैं, जिनमें से आज दोपहर आयी तेज आंधी से छह मूर्तियां गिरकर टूट गईं. ये टूटी मूर्तियां वहां स्थापित किए गए सात सप्त ऋषियों में से हैं और करीब 10 फीट ऊंची थी. ठेकेदार नयी मूर्तियां लगाएंगे, क्योंकि पांच साल तक की देखरेख का जिम्मा भी उनका ही है. हम आगे के लिए भी नियम और सख्त कर रहे हैं और उनकी जवाबदारी तय करने वाले हैं.’’

पुरुषोत्तम ने कहा, ‘‘ये गिरकर टूटी हुई मूर्तियां महाकाल मंदिर के अंदर नहीं थीं. वे ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे में थीं.’’

उन्होंने कहा कि गलियारे को आंधी-तूफान आने के बाद करीब शाम चार बजे लोगों के लिए बंद कर दिया गया था. उनके अनुसार इसे शाम सात बजे फिर से आम जनता के लिए खोला गया और इस दौरान करीब एक लाख लोग वहां उमड़ पड़े.

उन्होंने कहा कि तेज आंधी से उज्जैन जिले में दो लोगों की मौत भी हुई है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, जिले में तूफान से कुछ घर भी गिरने की सूचना मिली है.


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