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Saturday, 21 December, 2024
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भगवत गीता से लेकर सुभाष चंद्र बोस तक, मध्य प्रदेश में NEP के तहत पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनेंगे वीर सावरकर

मध्य प्रदेश शिक्षा मंत्री ने राज्य के पाठ्यक्रमों में सावरकर, भगत सिंह, राजगुरु आदि जैसे लोगों को शामिल करने का निर्णय लिया है.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में वीर सावरकर की जीवनी पढ़ाई जाएगी. राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही है. कांग्रेस ने इस कदम को फ्रीडम फाइटर्स का अपमान बताया है. राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने गुरुवार को कहा कि हिंदुत्व विचारक दिवंगत वीडी सावरकर को  राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के हिस्से के रूप में मध्य प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.

राज्य के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने आज़ादी के बाद एक लम्बे समय तक शाशन किया पर देश के कई महान क्रांतिकारियों को पीछे छोड़ दिया. कांग्रेस ने केवल एक ही परिवार की छवि चमकाई है.

परमार ने बताया कि – राष्ट्रीय शिक्षा निति (एनईपी) में भगवान पशुराम, भगत सिंह, राजगुरु, सुभाष चन्द्र बोस और वीर सावरकर के जीवनी को पढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही हिन्दू धर्म ग्रन्थ भगवत गीता को भी पढ़ाया जाएगा ताकि छात्र भारत के परम्पराओं के बारे में भी जान सके.

परमार ने आगे कहा, “वीर सावरकर उन महान क्रांतिकारियों में से एक हैं जिन्हें दो – दो बार आजीवन कारावास की सजा हुई.” 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में वे पहले लेखक हुए, जिन्होंने 1857 के आंदोलन को स्वतंत्रता संग्राम कहा.

मंत्री ने कहा, “भारत की आजादी में उनका अभूतपूर्व योगदान है, इसलिए उनको हर जगह सम्मान मिलना चाहिए.”

इस पूरे मामले पर कांग्रेस मीडिया सेल के चेयरपर्सन केके मिश्रा ने विरोध दर्ज कराते हुए कहा की यह चुनाव के पहले भाजपा की एक राजनितिक चाल है.

केके मिश्रा ने कहा कि राज्य में महंगाई और बेरोज़गारी ज़्यादा है लेकिन इससे ध्यान भटकाने के लिए राज्य की सरकार ऐसे निर्णय ले रही है.

मिश्रा ने कहा कि वीर सावरकर का हिंदुत्व गाय को पूजने का नहीं बल्कि गाय को काटने की बात कहता है.


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 यूपी में 50 महापुरुषों की जीवनगाथा पढ़ाई जाएगी

वहीं पिछले दिनों उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया था कि कक्षा-9 से 12वीं कक्षा की नैतिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में 50 महापुरुषों की जीवनगाथा जोड़ी गई हैं. जिसमें वीर सावरकर भी एक हैं. यही नहीं महापुरुषों की जीवनगाथा के साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र से कई चीजें कंप्यूटर के पाठ्यक्रम में शामिल की गई हैं.

अध्ययन सत्र 2023-24 से विद्यार्थी नैतिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में इन महापुरुषों के बारे में पढ़ेंगे. 10वीं कक्षा के नैतिक शिक्षा पाठ्यक्रम में पंडित जवाहरलाल नेहरू, स्वामी दयानंद, स्वामी विवेकानंद, पंडित श्रीराम शर्मा सहित आठ महापुरुषों की जीवनगाथा है.

उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में नयी चीजें शामिल करने का एक ही उद्देश्य है और वह है बच्चों का सर्वांगीण विकास. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उप्र बोर्ड के विषय विशेषज्ञों द्वारा इन महापुरुषों के नाम की सूची शासन को भेजी गई थी.

उप्र बोर्ड के 27000 से ज्यादा राजकीय सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के एक करोड़ से ज्यादा विद्यार्थी इन महापुरुषों की जीवन गाथा पढ़ेंगे.

बोर्ड ने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए नौवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में सूर्य नमस्कार, आसन और स्वास्थ्य, मुद्रा, प्राणायाम एवं स्वास्थ्य, योग निद्रा और त्राटक को शामिल किया है. साथ ही इसमें अष्टांग योग के बारे में भी विस्तार से बताया गया है.

उप्र बोर्ड ने नैतिक, योग तथा खेल एवं शारीरिक शिक्षा पाठ्यक्रम के तहत 50 अंक की लिखित परीक्षा रखी है और 50 अंक की प्रयोगात्मक परीक्षा रखी है.

बोर्ड ने 11वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में कंप्यूटर विषय के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉक चेन टेक्नोलाजी, डिजिटल क्रिप्टो करेंसी एआर-वीआर, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, थ्रीडी प्रिंटिंग और क्लाउड कंप्यूटिंग आदि का समावेश किया है ताकि विद्यार्थी उभरती प्रौद्योगिकियों से रूबरू हो सकें.

वहीं 12वीं के कंप्यूटर विषय में रोबोटिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी, कोर जावा लैंग्वेज, एडवांस्ड जावा लैंग्वेज को शामिल किया गया है.

अध्ययन सत्र 2023-24 से एनसीसी को भी नौवीं से 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया गया है.


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