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Sunday, 22 December, 2024
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MP में भगवान हनुमान को लेकर लड़ाई शुरू, शिवराज ने कमल नाथ के क्षेत्र में मंदिर परियोजना को दिखाई हरी झंडी

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का कहना है कि 'हनुमान लोक आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बनेगा', जबकि कमल नाथ ने प्रोजेक्ट को 'चुनावी भक्त' की 'नौटंकी' बताया.

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नई दिल्ली: हिंदू देवता हनुमान की जयकार या ‘जय बजरंग बली’ का नारा, जो कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी खूब सुना गया था, चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में भी जल्द गूंजने वाला है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को राज्य कांग्रेस प्रमुख कमल नाथ के गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा में श्री हनुमान लोक परियोजना की आधारशिला रखी, जहां पर वर्षों पहले भगवान की 100 फीट से अधिक ऊंची मूर्ति स्थापित की गई थी और एक मंदिर बनाया गया था.

इस दो चरण की परियोजना को जाम सावली हनुमान मंदिर में स्थापित किया जाएगा और इसे उज्जैन में महाकाल लोक गलियारे की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. यह 26 एकड़ में फैला होगा और इसकी लागत 314 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. हिंदुओं का मानना है कि जाम सावली वह स्थान है जहां हनुमान ने एक बरगद के पेड़ के नीचे विश्राम किया था.

सीएम ने कहा, “मध्य प्रदेश मेरा मंदिर है और यहां रहने वाले लोग मेरे भगवान हैं और शिवराज सिंह चौहान आपके पुजारी हैं.”

उन्होंने कहा कि “हनुमान लोक भारत के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बनेगें.”

छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद रह चुके नाथ ने दिप्रिंट को बताया कि यह परियोजना एक ‘चुनावी भक्त’ द्वारा किया गया एक ‘चुनावी हथकंडा’ था.

उन्होंने कहा, “मैं हनुमान भक्त हूं और शिवराज जी चुनावी भक्त हैं. ये चुनावी हथकंडा है. उन्हें केवल चुनाव के दौरान ही भगवान की याद आती है. हम (कांग्रेस) धर्म पर राजनीति नहीं करते हैं और मध्य प्रदेश के लोग यह अच्छी तरह से जानते हैं.”

पूर्व सीएम ने कहा, “अक्टूबर 2016 में, शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि जाम सवाली मंदिर के विकास पर 22 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. 2023 में उन्होंने फिर उसी जगह जाकर वही घोषणा की है. अभी तक एक पैसा भी खर्च नहीं किया गया है.”

दिप्रिंट से बात करते हुए, राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि हनुमान लोक परियोजना में क्या शामिल होगा.

उन्होंने कहा, “इसमें मराठवाड़ा वास्तुकला से प्रेरित एक भव्य प्रवेश द्वार होगा और भगवान हनुमान की छवि प्रदर्शित होगी. प्रवेश द्वार से पहले प्रांगण तक 500 मीटर का चिरंजीवी पथ भी होगा.”

चिरंजीवी पथ के 90,000 वर्ग फुट क्षेत्र और पहले प्रांगण में कलाकृतियों के माध्यम से हनुमान के बचपन के रूप को दर्शाया जाएगा. अधिकारी ने कहा, दूसरा प्रांगण मूर्तियों और कलाकृतियों के माध्यम से देवता के भक्तिपूर्ण रूप को चित्रित करेगा.

उन्होंने कहा, “रामलीला और अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए एक मुक्ताकाश मंच, एक ओपन-एयर थिएटर बनाया जाएगा. इसके अलावा, परिसर में एक आयुर्वेदिक अस्पताल भी बनाया जाएगा.”

भाजपा के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार की हनुमान लोक परियोजना कर्नाटक में जो हुआ उसके संभावित दोहराव के लिए मंच तैयार करती है, जहां दक्षिणपंथी बजरंग दल जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के कांग्रेस के चुनावी वादे ने राजनीतिक टकराव पैदा कर दिया था.

हालांकि, मध्य प्रदेश में पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने किसी भी विवाद से बचने की कोशिश करते हुए इस महीने मीडिया से कहा कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो बजरंग दल पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा.


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हिंदू वोट पर नज़र

भाजपा के अलावा, कांग्रेस की भी नजर मध्य प्रदेश में हिंदू वोटों पर है, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.

इस महीने की शुरुआत में, नाथ, जो खुद को हनुमान भक्त और एक गौरवान्वित हिंदू कहते हैं – ने छिंदवाड़ा में धीरेंद्र शास्त्री की कथा का आयोजन किया था.

जून में, अल्पज्ञात दक्षिणपंथी संगठन, बजरंग सेना का कांग्रेस में विलय हो गया. भोपाल में पार्टी के मुख्य कार्यालय में आयोजित विलय समारोह में, नाथ को ‘जय श्री राम’ के नारों के बीच गदा सौंपी गई.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले नवंबर में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उज्जैन में महाकाल मंदिर का भी दौरा किया था.

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह मध्य प्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में ‘सुंदरकांड पाठ’ का पाठ कराएगी.

कांग्रेस के प्रयासों पर, मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता हितेश बाजपेयी ने दिप्रिंट से कहा, “असली कांग्रेस वही है जो (पार्टी नेता) अजीज कुरेशी कहते हैं. उन्होंने जवाहरलाल नेहरू के साथ काम किया और 1967 में मंत्री थे. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ‘यह कांग्रेस नहीं है जो हिंदुओं या हिंदुत्व का तुष्टिकरण करती है’.”

उन्होंने कहा, “इसका मतलब है कि आज की कांग्रेस ‘चुनावी हिंदू’ है, क्योंकि पार्टी का डीएनए वोट बटोरने के लिए मुस्लिम तुष्टीकरण है.”

(संपादन: अलमिना खातून)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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