भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा में राज्यपाल लालजी टंडन ने आज बहुमत परीक्षण का निर्देश दिया है लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात कर और कहा कि फ्लोर टेस्ट से पहले उनके बंधक बनाए गए विधायक मुक्त होने चाहिए. सीएम ने फ्लोर टेस्ट की गेंद स्पीकर के पाले में डाल दी है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में राज्यपाल: विधानसभा में विश्वास मत के लिए वोटिंग करने के लिए 'हाथों को ऊपर उठाने' के तरीके का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। BJP ने एक पत्र में राज्यपाल को विधानसभा में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम उपलब्ध नहीं होने की जानकारी दी है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 16, 2020
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार देर रात राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की.
हरियाणा: मध्य प्रदेश के बीजेपी विधायक दिल्ली एयरपोर्ट के लिए गुरुग्राम के आईटीसी ग्रैंड भारत होटल से रवाना हुए। वे आज रात भोपाल के लिए उड़ान भरेंगे। pic.twitter.com/dYdbfTvm5I
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2020
वहींं इससे पहले बीजेपी विधायक भोपाल फ्लोर टेस्ट के लिए रवाना हो चुके हैं.
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने गेंद स्पीकर के पाले में डालने पर कहा कि कमलनाथ बहुत मासूमियत भरा जवाब दे रहे हैं, स्पीकर नहीं विधानसभा कामकाज सरकार देखती है. वह फ्लोर टेस्ट पर राजनीति कर रहे हैं.
राजभवन से देर रात करीब 12 बज कर 20 मिनट पर बाहर आते हुए कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि राज्यपाल ने उन्हें चर्चा के लिए बुलाया था.
उन्होंने कहा, ‘राज्यपाल ने मुझसे कहा कि विधानसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित की जाए. इसलिए मैंने उनसे कहा कि मैं सोमवार सुबह इस बारे में स्पीकर से बात करूंगा.’
राज्यपाल के निर्देशानुसार सदन में शक्ति परीक्षण सोमवार को कराये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में स्पीकर कोई फैसला लेंगे.
उन्होंने बताया कि वह पहले ही राज्यपाल को लिखित में दे चुके हैं कि उनकी सरकार सदन में शक्ति परीक्षण के लिए तैयार है. लेकिन ‘बंधक’ बनाये गये विधायकों को पहले छोड़ा जाना चाहिए.
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उसके 22 विधायकों को भाजपा ने बंधक बना कर रखा है. इन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था.
स्पीकर एन पी प्रजापति ने इनमें से छह विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.