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Wednesday, 18 December, 2024
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क्या कमलनाथ मध्य प्रदेश के राज ठाकरे बनना चाहते हैं?

मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ ने कहा था, 'बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों के कारण मध्य प्रदेश के स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिल पाती.'

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश और बिहार के कामगारों को लेकर राजनीति कोई नई बात नहीं है. मुंबई में यूपी और बिहार के लोगों को निशाना बनाकर राज ठाकरे अपनी राजनीति चमका चुके हैं. हाल ही में गुजरात में भी एक बलात्कार की घटना के बहाने यूपी और बिहार के लोगों को भगाया गया था. अब इस कड़ी में नया नाम मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का भी शामिल हो गया है.

कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही सोमवार को कहा था कि मध्य प्रदेश में ऐसे उद्योगों को छूट दी जाएगी, जिनमें 70 प्रतिशत नौकरी मध्य प्रदेश के लोगों को दी जाएगी. कमलनाथ ने कहा था, ‘बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों के कारण मध्य प्रदेश के स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिल पाती है.’

बीते अक्टूबर में गुजरात में बाहरियों के खिलाफ़ चले अभियान के कारण वहां से करीब 80 हज़ार से ज़्यादा लोग गुजरात छोड़कर भाग गए थे. हिम्मतनगर में एक 14 साल की बच्ची के साथ हुई बलात्कार की घटना के बाद वहां बाहरी लोगों के खिलाफ़ हिंसा भड़क उठी थी. हिंसा भड़काने का आरोप कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकुर पर लगा था. बाहरी लोगों के प्रति स्थानीय लोगों को भड़काने संबंधी उनका बयान भी सामने आया था. हालांकि, इस संबंध में किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. उसी दौरान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गुजरात के उद्योगों में 80 प्रतिशत गुजरातियों को ही काम देने संबंधी नीति बनाने का ऐलान किया था.


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अब ताजा मामला मध्य प्रदेश का है जब यूपी और बिहार से मजदूरी और दिहाड़ी पर काम करने गए लोगों के खिलाफ बयान सामने आया है. कमलनाथ के बयान को लेकर बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है. बिहार के सत्तापक्ष के नेताओं ने बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के कारण मध्य प्रदेश की बेरोज़गारी बढ़ने वाले कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए इसे संघीय ढांचे पर कुठाराघात बताया. दूसरी ओर कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) इस बयान को लेकर बचती नजर आ रही है.

कमलनाथ के इस बयान को लेकर बिहार में बयानबाजी तेज़ हो गई है. जनता दल (युनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कमलनाथ के इस बयान को संघीय ढांचे पर हमला बताते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रतिदिन संविधान बचाने का प्रलाप करते हैं और उनके मुख्यमंत्री क्षेत्रीयता को बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘बिहार के लोग अपनी मेहनत के बल पर रोजगार पाते हैं. जद(यू) ऐसे बयानों की निंदा करती है जिससे क्षेत्रवाद को बढ़ावा मिलता है.’

उन्होंने कहा कि यह बयान बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों का अपमान है. इन राज्यों के कांग्रेसी नेताओं को भी ऐसे बयानों की निंदा करनी चाहिए.

इधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा कि देश का संविधान देश के किसी भी कोने में किसी भी नागरिक को रहने, पढ़ने और काम करने की आज़ादी देता है. उन्होंने कांग्रेस पर क्षेत्रीयता का बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस शुरू से क्षेत्रीयता, जातीयता, सांप्रदायिकता के आधार पर जनता को बांटकर शासन करती रही है. उन्होंने कहा कि कमलनाथ से इससे ज्यादा की आशा करनी ही नहीं चाहिए.

कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि देश के कानून में ऐसा नहीं है कि कोई कहीं नहीं जा सकता और नौकरी नहीं कर सकता है. उन्होंने कमलनाथ का बचाव करते हुए कहा, ‘उनके बयान को मैंने न देखा और न सुना है. उन्होंने किसी संदर्भ में ऐसी बात की होगी. उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के बिना देश के किसी राज्य का काम नहीं चल सकता.’


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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि यूपी बिहार के लोग जहां भी जाते हैं, वहां के विकास में योगदान देते हैं. कमलनाथ के इस बयान पर कांग्रेस को और राहुल गांधी को जवाब देना पड़ेगा.

कमलनाथ ने ऐसा क्यों कहा होगा? क्या वे दूसरे राज्यों के लोगों को निशाना बनाकर मध्य प्रदेश के राज ठाकरे बनना चाहते हैं?

इस मामले पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता रवि सक्सेना ने दिप्रिंट से कहा, ‘भाजपा वालों के पास अपनी खिसियाहट मिटाने के लिए अब कुछ बचा नहीं है. कमलनाथ जी ने बस इतनी बात कही थी कि मध्य प्रदेश में 45 लाख युवा बेरोजगार घूम रहे हैं. मैंने वादा किया है कि हर वर्ष 16 लाख बच्चों को रोज़गार देना है. मैं राज्य में उद्योग लाऊंगा और उन्हीं कंपनियों को आर्थिक सहायता दूंगा जो हमारे राज्य के 70 प्रतिशत बच्चों को नौकरी देंगे. इसमें कौन सी बुरी बात है?’

उन्होंने कहा, ‘यहां के संसाधनों पर सबसे पहला हक किसका है? हमारे बच्चों का है. अगर हमारे यहां उद्योग लगते हैं तो उनको बिजली, पानी, जमीन और बुनियादी सुविधाएं हम देंगे. अगर आप हमारे बच्चों को नौकरी नहीं देंगे तो फिर क्या होगा?’

लेकिन क्या यूपी बिहार के बच्चे कांग्रेस के नहीं हैं? इस सवाल पर रवि सक्सेना कहते हैं कि ‘वे भी हमारे हैं, लेकिन यूपी बिहार में सरकारें हैं. वे वहां संसाधन बनाएं. वे अपने लोगों को नौकरी क्यों नहीं देते? पूरे हिंदुस्तान में हर राज्य में यूपी बिहार के बच्चे जा रहे हैं तो क्यों यूपी बिहार की सरकारें अपने बच्चों को रोजगार मुहैया नहीं करा रही हैं? ये बड़े राज्य हैं, उनके पास बहुत संसाधन हैं. वे उसका इस्तेमाल क्यों नहीं करतें.’

कमलनाथ के बयान पर सफाई देते हुए सक्सेना ने कहा, ‘कमलनाथ ने ये नहीं ​कहा कि हम दूसरे प्रदेशों के बच्चों को रोजगार नहीं देंगे. उन्होंने कहा है कि 70 प्रतिशत अपने प्रदेश के बच्चों को नौकरी देंगे. इसमें तो कोई बुराई नहीं है.’

इस बारे में राहुल गांधी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘मैं इस बारे में बात करूंगा. मुझे इस बारे में कुछ मालूम नहीं है. मैं इस बारे में स्टडी करूंगा, मुझे इस बारे में अभी तुरंत पता चला है.’

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ‘उत्तर भारत के लोगों को जगह जगह निशाना बनाया जाता है. अगर उत्तर भारत के लोग यही करें तो क्या होगा?’

(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)

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