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Friday, 29 March, 2024
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गुजरात से क्यों पलायन कर रहे हैं यूपी बिहार के लोग

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एक बलात्कार की घटना के बाद यूपी-बिहार के लोगों पर हमले के मामले में कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकुर घिरे.

नई दिल्ली: एक बलात्कार की घटना के बाद गुजरात में बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. इसके चलते बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग गुजरात छोड़कर अपने घर लौट रहे हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बयान में कहा, ‘मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री से बात की है. हम उनसे संपर्क में हैं. वे स्थिति पर नज़र रख रहे हैं. जिन्होंने अपराध किया है उन्हें सज़ा मिलनी चाहिए लेकिन दूसरे लोगों के प्रति धारणा नहीं बनाई जानी चाहिए.’

गुजरात में यूपी और बिहार के लोग बड़ी संख्या में काम करते हैं. उन्हें राज्य से भगाने के लिए चल रहे इस ​अभियान की कई नेताओं ने निंदा की है.

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मजदूरों को शहर छोड़ने की धमकियां

​गुजरात के साबरकांठा में एक 14 महीने की बच्ची के बलात्कार के मामले में एक गैर-गुजराती व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, इसके बाद स्थानीय लोगों ने गैर-गुजरातियों के विरुद्ध हिंसा की शुरुआत कर दी. इसके चलते गुजरात में रहने वाले गैर-गुजरातियों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है. बाहर से आए मज़दूरों को शहर छोड़ने की धमकियां दी जा रही हैं.

इस घटना के बाद गुजरात के मेहसाणा, साबरकांठा, अरावली ज़िले में 28 सितंबर से यूपी-बिहार के लोगों के खिलाफ़ हिंसा शुरू हो गई, जो अभी तक जारी है. सूरत, बडोदरा आदि ज़िलों से भी हिंसा ​की खबरें हैं.

वडोदार के डिप्टी एसपी हरेश मेवाड़ ने कहा, ‘एक मैसेज वायरल हुआ कि बाहर के कामगारों के कारण राज्य के लोगों को काम नहीं मिलता. उन्हें राज्य से बाहर करो. इसके बाद दो कंपनी में काम करने वाले लोगों पर हमले हुए. घायल लोगों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है. 13 ओरापियों को गिरफ्तार किया गया है और 4 नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लिया गया है.’

बड़ी संख्या में लोगों के पलायन के बाद इस मुद्दे पर सियासी गलियारों में भी गहमागहमी है. भाजपा और कांग्रेस जहां एक दूसरे पर दोष मढ़ रहे हैं वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नी​तीश कुमार ने गुजरात के मुख्यमंत्री से बात करके लोगों को सुरक्षा देने की बात कही.

हिंसा मामले में अल्पेश पर आरोप

इस हमले का आरोप कांग्रेस के नेता अल्पेश ठाकोर पर लगा है, जिनके संगठन ठाकोर सेना के कई लोगों को हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इस गिरफ्तारी के खिलाफ अल्पेश ठाकोर ने अनशन करने की धमकी दी है.

हिंसा के आरोप में ठाकोर सेना से जुड़े 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अल्पेश ठाकोर इस सेना के अध्यक्ष हैं.

तीन अक्टूबर को उन्होंने बयान दिया था, ‘गुजरात क्षत्रिय ठाकोर सेना द्वारा ‘ढूंढर दुष्कर्म घटना’ के खिलाफ जो मुहिम चलाई जा रही है उसमें आज हमने पहली जीत हासिल की है. राज्य सरकार ने हमारी सभी मांगे स्वीकार ली हैं. भारी मात्रा में समर्थन के लिए गुजरात की सभी जनता का आभार मानता हूं.’

लेकिन रविवार की रात को उन्होंने ट्वीट किया, ‘हम नहीं चाहते कि राज्य में विपदा खड़ी हो, और हम ऐसी किसी भी हरकत को बढ़ावा नहीं देंगे. कल ‘गुजरात बंध’ जिन्होंने भी घोषित किया है उनसे अपील करता हूं कि राज्य की मुश्किलों में बढ़ावा न करें, और बंध शांतिपूर्ण रखें.’ बिहार में सत्तारूढ़ पार्टी जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने राहुल गांधी को एक चिट्ठी लिखकर अल्पेश पर कार्रवाई करने की मांग की है.

35 एफआईआर दर्ज

कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा, ‘निर्दोष लोगों के प्रति ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए, वे भी भारतीय हैं. अगर यह एक क्षेत्र में शुरू होगा तो दूसरे क्षेत्र में भी होगा. मुंबई इसका उदाहरण है. अगर कोई अपराध करता है तो कानून को अपना काम करना चाहिए. अगर एक दो लोग अपराध करते हैं तो सभी लोगों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए. अगर वे निर्दोष हैं तो उन्हें सुरक्षा मिलनी चाहिए. राज्य सरकार को जांच करके कोई रास्ता निकालना चाहिए.’

दूसरी तरफ, गुजरात के गृहमंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने सोमवार सुबह मीडिया को बताया, ‘हमने 35 एफआईआर दर्ज की है. पिछले 24 घंटे में हमले की घटनाओं में कमी आई है. हम लोगों से अपील करते हैं कि वे डरें नहीं, हम उचित कार्रवाई कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘पिछले चार पांच दिनों में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों पर हमले हुए हैं. हमलों में शामिल लोगों पर हमने कार्रवाई की है. दूसरे राज्यों से जो भी लोग रोजगार के लिए आए हैं, उनकी सुरक्षा देना हमारी ज़्म्मिदारी है. हम केंद्र सरकार के संपर्क में हैं. केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेज दी गई है.’

अखिलेश बोले भाजपा ज़िम्मेदार

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘गुजरात एक बार फिर सुर्ख़ियों में है, जहां कुछ लोग कुछ लोगों के इशारे पर अमन-चैन बिगाड़ रहे हैं और हिंदीभाषियों के विरोध के नाम पर नफ़रत की राजनीति फैला रहे हैं. केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार इसके लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार है.’

पटेलों के आंदोलन से चर्चा में आए युवा नेता हार्दिक पटेल ने ट्वीट किया, ‘गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हो रहे हमले की मैं निंदा करता हूं. अपराधी को कठोर सज़ा मिले, इसके लिए पूरा देश उस पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है. लेकिन एक अपराधी के कारण हम पूरे प्रदेश को ग़लत नहीं ठहरा सकते, आज गुजरात में 48 आईएएस एवं 32 आईपीएस उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं. हम सब एक हैं.’

हार्दिक ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हो रहे हमले के बारे में देश के प्रधानमंत्री कब बोलेंगे, नरेन्द्रभाई मोदी ने कहा था की बिहार और उत्तर प्रदेश से तो मेरा पुराना रिश्ता है. गुजरात की सभी श्रम फैक्टरी में उत्तर भारतीय लोग काम करते हैं. आज सभी फैक्टरी बंद हैं. उत्तर भारत का महत्व कितना है आज समझ आया.’

उन्होंने कहा, ‘गुजरात में भारत के दूसरे राज्यों के कामगारों के ख़िलाफ़ नफ़रत जैसी कोई बात नहीं रही है. यह पहली बार ऐसा हुआ है. गुजरात के लिए हिंदी कोई गैरों की भाषा नहीं है. यहां घर-घर में हिंदी न्यूज चैनल देखा जाता है. लोग शौक से हिंदी बोलते हैं. भारत के सभी प्रदेश के लोग हमारे परिवार हैं.’

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