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Friday, 15 November, 2024
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‘लूट ज़िंदगी के बाद भी’ — मोदी ने ‘विरासत कर’ वाले बयान पर कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा पर साधा निशाना

ओवरसीज़ कांग्रेस के अध्यक्ष ने अमेरिकी विरासत कर का उदाहरण देते हुए भारत में इस पर बहस का सुझाव दिया था. बीजेपी ने इसे सत्ता में आने पर कांग्रेस का ‘विनाशकारी’ इरादा बताया है.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विरासत कर’ के लिए इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा के हालिया समर्थन पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि पार्टी भावी पीढ़ियों के लिए बचत की संस्कृति को खत्म करने की कोशिश कर रही है.

छत्तीसगढ़ के सरगुजा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस का पंजा (हाथ) लोगों द्वारा “कड़ी मेहनत” से जमा की गई संपत्ति को बच्चों से छीन लेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल ने पारिवारिक वसीयत पर कर लगाने की योजना बनाई है.

मोदी ने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की लोकप्रिय टैगलाइन को दोहराते हुए कहा, “कांग्रेस का मंत्र है, ‘ज़िंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी लूटो’.”

प्रधानमंत्री ने उन्हें सुन रहे लोगों से कहा कि कांग्रेस लोगों पर ज़िंदा रहते हुए भी अधिक कर लगाएगी. उन्होंने परोक्ष रूप से नेहरू-गांधी परिवार पर हमला करते हुए कहा, “…और जब आप ज़िंदा नहीं रहेंगे, तो यह आप पर विरासत कर का बोझ डालेंगे. जिन लोगों ने पूरी कांग्रेस पार्टी को अपनी पैतृक संपत्ति माना और इसे अपने बच्चों को दे दिया, वे अब नहीं चाहते कि भारतीय अपनी संपत्ति अपने बच्चों को दें.”

पित्रोदा और राहुल का ज़िक्र करते हुए मोदी ने कहा, “शाही परिवार के राजकुमार और उनके पिता के एक सलाहकार ने पहले कहा था कि मध्यम वर्ग पर अधिक कर लगाया जाना चाहिए. अब वे एक कदम और आगे बढ़ गए हैं. कांग्रेस का कहना है कि वो विरासत कर भी लगाएगी… या माता-पिता से मिली वसीयत पर टैक्स लगाएगी.”

पीएम ने कहा कि प्रमुख विपक्षी दल लोगों की कमाई, घर, दुकान और खेतों पर नज़र रख रहा है. उन्होंने रैली में कहा, “कांग्रेस के युवराज कहते हैं कि वे देश के हर घर और हर अलमारी का एक्स-रे करेंगे.”

मोदी ने बुधवार को आगे कहा कि कांग्रेस लोगों का आरक्षण लूटना चाहती है और उनके इरादे संविधान या सामाजिक न्याय के अनुरूप नहीं हैं. उन्होंने कहा, “अगर कोई आपके आरक्षण की रक्षा कर सकता है तो वो केवल भाजपा है.”


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पित्रोदा ने कहा, विरासत पर अमेरिकी कानून ‘दिलचस्प’

इस हफ्ते समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कांग्रेस की विदेशी शाखा के प्रमुख सैम पित्रोदा ने अमेरिका में विरासत कर का उदाहरण दिया था और सुझाव दिया था कि भारत में भी इस पर बहस होनी चाहिए.

अमेरिकी कानूनों पर प्रकाश डालते हुए जहां सरकार किसी की विरासत के 50 प्रतिशत तक कर लगा सकती है, उन्होंने टिप्पणी की: “अमेरिका में…अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है, तो जब वो व्यक्ति मर जाता है, तो वो केवल 45 प्रतिशत अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है…55 प्रतिशत सरकार हड़प लेती है.”

वरिष्ठ नेता ने महसूस किया कि यह एक “दिलचस्प कानून” है. उन्होंने कहा: “यह (कानून) कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है.”

पित्रौदा ने कहा, “भारत में आपके पास वो नहीं है. अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वे मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता…तो, इस प्रकार के मुद्दे हैं जिन पर लोगों को बहस और चर्चा करनी होगी. जब हम धन के पुनर्वितरण के बारे में बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात कर रहे हैं जो लोगों के हित में हैं, न कि केवल अति अमीरों के हित में.”

हालांकि, पित्रोदा ने स्पष्टीकरण देने में देर नहीं की, लेकिन उनकी टिप्पणियों ने भाजपा को मौजूदा लोकसभा चुनावों में अपने अभियान के लिए पर्याप्त हथियार दे दिए हैं.

पित्रोदा ने अपने बचाव में कहा कि मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए उनकी टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के रूप में उन्होंने जो कहा, उसका दुरुपयोग “गोदी मीडिया” द्वारा कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में प्रधानमंत्री द्वारा फैलाए गए “झूठ” से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने एक्स पर कहा कि मंगलसूत्र और सोना छीनने पर मोदी की टिप्पणियां “बिल्कुल अवास्तविक” थीं.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी एक्स पोस्ट के जरिए स्थिति को संभालने की कोशिश की और कहा कि पित्रोदा “अपनी राय स्वतंत्र रूप से व्यक्त करते हैं” और वे “हमेशा पार्टी की स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करते”.

इससे पहले बुधवार को कांग्रेस ने पित्रोदा की टिप्पणी पर स्पष्टीकरण जारी किया और इसे उनकी “निजी राय” करार दिया.

लेकिन इसने भाजपा के शीर्ष नेताओं को इस मुद्दे को बढ़ाने से नहीं रोका. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एएनआई को बताया कि कांग्रेस अब बेनकाब हो गई है. उन्होंने कहा, “वे देश के लोगों की निजी संपत्ति का सर्वेक्षण करना चाहते हैं, इसे सरकारी संपत्ति में रखना चाहते हैं और यूपीए के शासन के दौरान लिए गए फैसलों के अनुसार, इसे वितरित करना चाहते हैं. कांग्रेस को या तो इसे अपने घोषणापत्र से वापस लेना चाहिए या स्वीकार करना चाहिए कि यह वास्तव में उनका इरादा है.”

भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी इसे सत्ता में आने पर कांग्रेस का “विनाशकारी” इरादा बताया.

उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “कांग्रेस ने भारत को बर्बाद करने का फैसला किया है. सैम पित्रोदा धन पुनर्वितरण के लिए 50% विरासत कर की वकालत कर रहे हैं. इसका मतलब यह है कि हम अपनी सारी मेहनत और उद्यम से जो कुछ भी बनाएंगे, उसका 50% छीन लिया जाएगा. 50 प्रतिशत हमारे द्वारा भुगतान किए जाने वाले सभी करों के अलावा, वो भी बढ़ जाएगा, अगर कांग्रेस जीतती है.”

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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