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Wednesday, 3 July, 2024
होमराजनीतिममता और धनखड़ के बीच ख़त का दौर, बोलीं- बंगाल में नागरिकता कानून और एनआरसी मेरी लाश पर ही लागू होगा

ममता और धनखड़ के बीच ख़त का दौर, बोलीं- बंगाल में नागरिकता कानून और एनआरसी मेरी लाश पर ही लागू होगा

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी लागू नहीं करने का संकल्प लिया और कहा कि इन दोनों कानूनों को उनकी लाश पर ही राज्य में लागू किया जा सकता है.

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कोलकाता: केंद्र को उनकी सरकार बर्खास्त करने की चुनौती देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी लागू नहीं करने का संकल्प लिया और कहा कि इन दोनों कानूनों को उनकी लाश पर ही राज्य में लागू किया जा सकता है.

ममता और धनखड़ के बीच खत युद्ध

वहीं दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को राज्य सरकार पर उनके लगातार ट्वीट की आलोचना करते हुए पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में धनखड़ को लिखा है ‘राज्य सरकार की आलोचना करने वाले आपके लगातार ट्वीट्स और प्रेस ब्रीफिंग देखने के बाद हमें बहुत खेद हो रहा है. राज्य प्रशासन की मुख्य भूमिका और ध्यान शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखना है जैसा कि देश भर में चल रहा है.

ममता के जवाब में धनखड़ ने उन्हें लिखा वर्तमान में जिस तरह के हालात बने हुए हैं उसे लेकर राज्य सरकार ने मुझे कोई सूचना नहीं दी है. मैं चाहूंगा कि हम सार्वजनिक हित में मिलकर काम करें और पश्चिम बंगाल के लोगों को हिंसा से राहत मिले और राज्य में शांति बहाल हो.

नागरिकता कानून के विरोध में ममता की रैली

शहर में एक बड़ी रैली की अगुवाई करने वाली बनर्जी ने आरोप लगाया कि राज्य में हिंसा भड़काने के लिए भाजपा ने कुछ लोगों को धन दिए हैं. साथ ही, उन्होंने पश्चिम बंगाल से बाहर की कुछ ताकतों पर तोड़फोड़ और आगजनी के लिए मुस्लिम समुदाय ‘के मित्र के रूप में पेश आने’ का भी आरोप लगाया.

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने रेड रोड से उत्तरी कोलकाता में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात रचनाकार गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के आवास, जोरासांको ठाकुर बाड़ी तक रैली निकाली और हजारों की संख्या में समर्थकों ने उनका साथ दिया. उनके हाथों में तख्तियां थीं जिनपर ‘ नो सीएए’ और ‘नो एनआरसी’ लिखा था.

ओवैसी पर भी साधा निशाना

बनर्जी ने असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा,‘राज्य से बाहर की कुछ ताकतें जो अल्पसंख्यकों का मित्र होने का दिखावा कर रही हैं, वे हिंसा में शामिल हैं. ये ताकतें भाजपा के हाथों की कठपुतली हैं, उनकी जाल में नहीं फंसें.’

हाल ही में बनर्जी और ओवैसी के बीच वाक्युद्ध हुआ था.

उन्होंने कहा,‘ जब तक मैं जिंदा हूं,मैं एनआरसी अथवा नागरिकता कानून कभी लागू नहीं करूंगी. आप चाहें तो मेरी सरकार को बर्खास्त कर दें अथवा मुझे सलाखों के पीछे डाल दें लेकिन मैं यह काला कानून कभी लागू नहीं करूंगी. जब तक यह कानून निरस्त नहीं कर दिया जाता मैं संवैधानिक तरीके से प्रदर्शन करना जारी रखूंगी. यदि वे इसे बंगाल में लागू करना चाहते हैं तो उन्हें मेरी लाश पर ऐसा करना होगा.’

उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सोचती है कि वह इस कानून को लागू करने के लिए डरा धमका सकती है तो वह गलत है.

बनर्जी ने रेड रोड पर बी आर आंबेडकर की प्रतिमा के समीप रैली के आरंभ होने पर अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए ‘शपथ’ पढ़ते हुए कहा,‘राज्य से किसी को भी बाहर नहीं निकाला जाएगा. हम सभी धर्मों, जातियों और पंथों के सह अस्तित्व में विश्वास करते हैं.’

उन्होंने यह कहते हुए प्रदर्शनकारियों से तोड़फोड़ एवं आगजनी में लिप्त नहीं होने की अपील की कि इससे इस प्रदर्शन का उद्देश्य ही कमजोर होगा.

उन्होंने कहा, ‘ यदि आप हिंसा करते हैं तो आप आम लोगों के लिए ढेरों परेशानियां खड़ी करते हैं. जो लोग आपके उद्देश्य का समर्थन करते हैं, वे ऐसे में नाराज हो जायेंगे और आप उनका समर्थन गंवा बैठेंगे.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने राज्य के कई हिस्सों में रेलवे सेवाएं अस्थायी रूप से स्थगित कर दी हैं क्योंकि महज कुछ ट्रेनें चलाई जा रही हैं. उन्होंने दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में विद्यार्थियों पर पुलिस की कार्रवाई की निंदा की और कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए.

बनर्जी ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा को कानून व्यवस्था पर उपदेश देने से पहले अपने शासन वाले पूर्वोत्तर के राज्यों पर ध्यान देना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘ केंद्र ने मुझसे पूछा था कि क्या मुझे स्थिति नियंत्रित करने के लिए बलों की जरूरत है. मैंने उनसे कहा कि मुझे अपने राज्य की पुलिस पर पूरा विश्वास है. भाजपा दूसरों को उपदेश देने में व्यस्त है, उसे पहले उन राज्यों की कानून व्यवस्था संभालनी चाहिए, जहां वह सत्ता में है.’’

उन्होंने राज्य के लोगों से संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लाखों चिट्ठियां लिखने की भी अपील की और कहा कि यदि जरूरत हो तो वे ‘स्याही के बजाय रक्त से’ पत्र लिख सकते है.

बनर्जी ने रेड रोड से शहर के विभिन्न हिस्सों से गुजरते हुए जोरासंको तक रैली निकाली.

इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बनर्जी की रैली ‘ असंवैधानिक एवं भड़काऊ कृत्य ’ बताया और उनसे राज्य को इस स्थिति से बाहर निकालने पर समय लगाने की अपील की.

राज्य में पिछले कुछ दिनों से इस कानून का विरोध करने वाले लोग आगजनी और तोड़फोड़ कर रहे हैं.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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