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Saturday, 16 November, 2024
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वकील, इंजीनियर, डॉक्टर, अन्ना हजारे के आंदोलन में शामिल कार्यकर्ता—मान के मंत्रिमंडल में कौन-कौन बना है मंत्री

पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान की कैबिनेट में एक बेहद रोचक सामाजिक समीकरण नजर आता है—चार मंत्री जाट सिख हैं तो तीन दलित सिख और एक दलित हिंदू सहित तीन हिंदुओं को इसमें जगह मिली है.

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नई दिल्ली: 31 वर्षीय हरजोत सिंह बैंस 2011 में दिल्ली में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले इंडिया अगेंस्ट करप्शन मूवमेंट में सक्रिय रूप से शामिल रहे थे, जिसके बारे में उनका कहना है कि यहीं पर ‘बदलाव की राजनीति’ से उनका परिचय हुआ था.

आम आदमी पार्टी (आप) के गठन का विचार भी इसी आंदोलन से उपजा था और पार्टी की स्थापना 2012 में हुई थी. पिछले हफ्ते दिप्रिंट से बातचीत के दौरान बैंस को बीते समय की यादें ताजा हो गईं, और उन्होंने बताया कि उसके अगले ही साल पार्टी की पंजाब इकाई के संस्थापकों में एक के तौर पर वह पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल का आशीर्वाद लेने दिल्ली-एनसीआर के कौशांबी स्थित आप के पुराने कार्यालय में पहुंचे थे. बैंस उस समय 23 साल के थे.

एक दशक से भी कम समय के भीतर आप ने पंजाब के हालिया विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की है, जिसके नतीजे 10 मार्च को घोषित हुए थे. पार्टी ने 117 में से 92 सीटों पर जीत हासिल की है और बैंस मुख्यमंत्री भगवंत मान की कैबिनेट में सबसे कम उम्र के मंत्री बने हैं. बैंस राज्य के आनंदपुर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने हैं. उन्होंने शनिवार को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की, हालांकि विभागों का आवंटन अभी नहीं हुआ है.

पेशे से वकील बैंस ने शपथ लेने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, ‘यह एक बड़ी जिम्मेदारी है. अरविंद केजरीवाल ने राजनीति के प्रति युवाओं का भरोसा फिर बढ़ाया है. अब, हमें महाराजा रणजीत सिंह (पहले सिख शासक) के विचारों और नीतियों पर अमल करते हुए पंजाब का पुनर्निर्माण करना है. हमने विकास के पंजाब मॉडल पर काम करना शुरू कर दिया है.’

एक अन्य साथी कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर—जिनकी उम्र 32 साल है और मान कैबिनेट के दूसरे सबसे कम उम्र के सदस्य हैं—भी अन्ना के आंदोलन के दौरान बैंस के साथ सक्रिय थे. हेयर दूसरी बार पंजाब में आम आदमी पार्टी के विधायक बने हैं, जिन्होंने 2017 और 2022 दोनों ही विधानसभा चुनाव बरनाला निर्वाचन क्षेत्र से जीते हैं.

पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हेयर ने शनिवार को मीडिया से कहा, ‘मैं अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान को मुझ पर भरोसा जताने के लिए धन्यवाद देता हूं. साथ ही पंजाब के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि मैं सुशासन सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करूंगा.’

ये दोनों ही विधायक शनिवार को शपथ लेने वाली 10 सदस्यीय कैबिनेट का हिस्सा हैं. लेकिन 17 मंत्रियों की कुल स्वीकृत संख्या के साथ पंजाब के नए मंत्रिमंडल में अभी सात और मंत्रियों को शामिल किया जाना बाकी है.


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अन्य मंत्रियों के बारे में भी जानिए

बैंस और हेयर के अलावा नए मंत्रिमंडल में दो डॉक्टर (एक नेत्र सर्जन और एक दंत चिकित्सक), एक अन्य वकील, पार्टी के एक पूर्व हलका (निर्वाचन क्षेत्र) प्रभारी, एक पूर्व नगरपालिका पार्षद, एक पूर्व सिविल सेवक, एक किसान और उद्योगपति शामिल हैं.

दिप्रिंट द्वारा देखी गई पार्टी रिकॉर्ड में उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, नई कैबिनेट में एक बेहद रोचक सामाजिक समीकरण नजर आता है—चार मंत्री जाट सिख हैं तो तीन दलित सिख और एक दलित हिंदू सहित तीन हिंदुओं को इसमें जगह मिली है.

पांच मंत्री राज्य के मालवा क्षेत्र से, चार माझा से और एक दोआबा से हैं. दो कैबिनेट मंत्री—दिर्बा से विधायक हरपाल सिंह चीमा और बरनाला से विधायक हेयर—ऐसे हैं जो दूसरी बार विधायक बने हैं.

पेशे से वकील चीमा ने दिप्रिंट से कहा, ‘मैं बतौर नेता मुझ पर भरोसा जताने के लिए शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं, जिन्हें लगता है कि एक मंत्री के रूप में मैं पंजाब के शासन में सकारात्मक बदलाव ला सकता हूं.’

कैबिनेट में सबसे उम्रदराज सदस्य 59 वर्षीय कृषि विशेषज्ञ और अजनाला विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल हैं. अन्य मंत्रियों में 56 वर्षीय पंडित ब्रह्म शंकर शामिल हैं, जो एक उद्योगपति है और होशियारपुर से चार बार कांग्रेस पार्षद रहे हैं. पार्टी रिकॉर्ड के मुताबिक वह मार्च, 2021 में आप में शामिल हुए थे.

वहीं, 46 वर्षीय बलजीत कौर अभी तक कैबिनेट में शामिल एकमात्र महिला हैं, जो एक नेत्र सर्जन और फरीदकोट से आप के पूर्व सांसद साधु सिंह की बेटी हैं.

अन्य मंत्रियों में भोआ में आप के हलका प्रभारी और हालिया विधानसभा चुनाव वहीं से जीतने वाले 47 वर्षीय लाल चंद कटारुचक; पूर्व आबकारी और कराधान अधिकारी और जंडियाला के विधायक 48 वर्षीय हरभजन सिंह—जो 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाए थे; और 41 वर्षीय ललित भुल्लर शामिल हैं. भुल्लर पूर्व में शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के सदस्य रहे हैं और उन्होंने इससे पहले कोई चुनाव नहीं जीता था.

कैबिनेट में शामिल 10वें मंत्री दंत चिकित्सक और मनसा से विधायक विजय सिंगला हैं, जिन्होंने लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला को हराया है. कांग्रेस उम्मीदवार मूसेवाला को सिंगला ने 63,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था.

सात पद अभी भरे जाने बाकी

पंजाब कैबिनेट में नियमानुसार मुख्यमंत्री के अलावा 17 मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है, जिनमें अभी 10 को शामिल किया गया है जबकि बाकी सात नामों की घोषणा बाद में होने की उम्मीद है.

मंत्री पद के लिए पहली सूची में कुछ प्रमुख नामों—अमन अरोड़ा, कुलतार सिंह संधवान, बलजिंदर कौर और बुद्ध राम आदि—का नदारद रहना पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों को काफी हैरानी में डाल रहा है.

अरोड़ा, संधवान, कौर और राम सभी 10 मार्च को दूसरी बार निर्वाचित घोषित किए गए हैं. संधवान जहां 17 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष चुने गए, वहीं अन्य दो को अभी तक कोई पद नहीं दिया गया है.

पंजाब में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने अपनी पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया, ‘अमन अरोड़ा और बुद्ध राम के नाम सूची में न होना काफी आश्चर्यजनक है. क्योंकि न केवल कैबिनेट में शामिल किए जाने की पूरी संभावना थी, बल्कि यह भी माना जा रहा था कि उन्हें अहम मंत्रालय मिल सकते हैं.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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