पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने गुरुवार को पिछले सप्ताह राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के दौरान राजद सांसद मनोज झा की टिप्पणी का समर्थन किया.
यादव ने कहा कि मनोज झा ने ‘ठाकुरों’ के खिलाफ कुछ भी गलत नहीं कहा.
#WATCH | Patna, Bihar: On RJD MP Manoj Jha's remark, former CM of Bihar and RJD Chief Lalu Prasad Yadav says, "…Manoj Jha Ji is a scholar person… He has said right… He has not said anything against Thakur or Rajput…" pic.twitter.com/hQCwWqx7Wa
— ANI (@ANI) September 28, 2023
राजद प्रमुख ने कहा, “मनोज झा जी विद्वान हैं. उन्होंने सही बात कही है. उन्होंने ठाकुरों के खिलाफ कुछ नहीं कहा.”
पिछले हफ्ते राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के दौरान मनोज झा द्वारा पढ़ी गई ‘ठाकुर का कुआं’ शीर्षक वाली कविता पर कई नेताओं ने आलोचना की थी.
महिला आरक्षण विधेयक में ओबीसी को ध्यान में रखने की मांग के बीच झा ने यह कविता पढ़ी थी.
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, “यह पूरी तरह से अनुचित है. इस तरह के बयान समाज में असंतोष पैदा कर रहे हैं. इससे लोगों की भावनाएं आहत होती हैं और जिस तरह से शीर्ष नेतृत्व बयान पर चुप्पी साधे हुए है, वह मौन समर्थन देता है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं.”
इस बीच, जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने झा की टिप्पणी का समर्थन करते हुए कहा, “मनोज झा जी द्वारा दिया गया भाषण अपने आप में एक प्रमाण है कि यह किसी विशेष जाति पर लक्षित नहीं है. भाजपा समाज में तनाव पैदा करती है और भावनाएं भड़काकर वोट को लुभाती है.”
सांसद मनोज झा की टिप्पणी पर हो रहे विरोध के बीच राजद ने उनके लिए सुरक्षा की मांग की है.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में राजद प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने कहा, ”राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा को दी जा रही धमकियां चिंताजनक हैं. धमकी देने वालों में बीजेपी विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह भी शामिल हैं, जिन्होंने गर्दन काटने की धमकी दी है.”
पूर्व मंत्री नीरज सिंह ‘बबलू’ ने उनकी जीभ काटने की भी धमकी दी है. ऐसे गुस्से से भरे बयान से मनोज झा जी की जान को खतरा हो सकता है. यह मंत्रालय के संज्ञान में होना चाहिए”.
उन्होंने कहा, “मनोज झा जी एक बौद्धिक, शांत और सभ्य व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ का पुरस्कार भी जीता है. विशिष्ट प्रतिभा से भरे ऐसे व्यक्ति की रक्षा करना मंत्रालय का कर्तव्य है. आपसे अनुरोध है कि उन्हें ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा दी जाए, ताकि वह सुरक्षित महसूस कर सकें.”
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