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Friday, 22 November, 2024
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पंचायत चुनाव में सेंगर की पत्नी का टिकट कटने पर उनकी बेटी ने पूछा- ‘क्या किसी औरत की कोई योग्यता नहीं’

पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को उन्नाव जिले में 17 वर्षीय एक किशोरी से दुष्कर्म मामले में दोषी करार देते हुए दिल्‍ली की तीस हजारी अदालत ने 20 दिसंबर 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

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लखनऊ: उन्नाव रेप केस में सजा भुगत रहे पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर का पंचायत चुनाव में बीजेपी ने टिकट काट दिया. इसके बाद अब कुलदीप सिंह सेंगर की बेटी ऐश्वर्या सेंगर ने सोशल मीडिया पर इमोशनल वीडियो पोस्ट कर फैसले पर सवाल खड़े किए हैं.

उन्होंने पूछा है कि आखिर उनकी मां और उसकी खुद की क्या गलती है? जो उनका टिकट ग्राम पंचायत चुनाव में काट दिया गया. ऐश्वर्या सेंगर ने पूछा है, ‘क्या उनके परिवार को हमेशा अन्याय सहना पड़ेगा.’


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मेरा सरनेम ‘सेंगर’ है

ऐश्वर्य वीडियो में कहती हैं कि ‘मेरा नाम क्या है इससे शायद फर्क नहीं पड़ता लेकिन मेरा सरनेम सेंगर है.’

वीडियो में ऐश्वर्य कहती हैं, ‘पिछले तीन साल से मेरे परिवार के साथ अन्याय पर अन्याय हो रहा है. मेरी मां संगीता सेंगर पिछले 15 वर्षों से उन्नाव में जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं. सक्रिय राजनीति का हिस्सा रही हैं. समझदारी और निष्ठा के साथ हर दायित्व निभाती आ रही हैं.’

‘आज एक महिला नेता उनकी योग्यता हर चीज को ताक पर रख दिया गया है.’

वह आगे देश से बड़ा सवाल करती हैं. ऐश्वर्य पूछती हैं, ‘इस देश में औरतों के लिए रिजर्वेशन तो कर दिए गए हैं लेकिन जब बात चुनाव की आती है तो उनके पति और पिता क्यों महत्वपूर्ण हो जाते हैं.’

‘क्या किसी औरत की योग्यता किसी की बहन, बेटी या पत्नी होने से कम हो जाती है. उसकी खुद की कोई योग्यता नहीं है.’
अपने मार्मिका वीडियो में ऐश्वर्या पूछती हैं कि ‘क्या मुझे और मेरी मां को सम्मान से जीने का कोई हक नहीं.’
आज बोल रही हूं क्योंकि आज अगर चुपचाप सह लिया तो शायद जमीर जिंदा रहना गंवारा न करे.

सोशल मीडिया पर अपना वीडियो पोस्ट करते हुए ऐश्वर्या ने हैशटैग #womeninpolitics भी लिखा है. यह भी लिखा है कि ‘ महिलाओं को क्यों उनके पुरुष के साथ रिश्ते तक ही सीमित रखा जाता है ?’

बता दें कि यूपी में पंचायत चुनाव आज से शुरू हो गया है. यहां चार चरण में चुनाव होने हैं. उन्नाव में तीसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना है. इसके नतीजे भी दो मई को आने हैं.

 संगीता रह चुकी हैं जिला पंचायत की अध्यक्ष 

यूपी में हो रहे पंचायत चुनाव के लिए पहले भारतीय जनता पार्टी से सजायाफ्ता पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर को टिकट दिया था लेकिन जैसे ही इस बाबत राजनीतिक पार्टियां आवाज उठाने लगीं पार्टी ने उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी.

संगीता को उन्नाव जिले में जिला पंचायत सदस्य चुनाव के लिए भाजपा की ओर से उम्मीदवार घोषित करने के चौथे दिन यह घटनाक्रम हुआ.

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘उन्नाव जिले के वार्ड नंबर 22 में संगीता सेंगर का टिकट रद्द किया जाता है.’

उन्होंने कहा, ‘ संगीता सेंगर भाजपा की अधिकृत उम्मीदवार नहीं रहेंगी और उन्नाव में पार्टी के जिलाध्यक्ष से शीघ्र ही वहां से तीन नाम भेजने का आग्रह किया गया है.’

गौरतलब है कि सिंह ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को जिला पंचायत सदस्य के अधिकृत उम्मीदवारों की जिले की सूची जारी की थी, जिसमें जिले के वार्ड संख्‍या 22 (फतेहपुर चौरासी तृतीय) से संगीता सेंगर को उम्मीदवार घोषित किया गया था.

संगीता पूर्व में जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं.

संगीता सेंगर को उम्मीदवार बनाये जाने पर भगवा पार्टी की आलोचना करते हुए समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा था, ‘भाजपा का दोहरा चरित्र है. एक तरफ भाजपा अपराधियों के खात्‍मे की बात करती है और दूसरी तरफ उनका महिमामंडन भी करती है. भाजपा के शासन में रहते अपराध खत्म नहीं हो सकता है.’

उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को उन्नाव जिले में 17 वर्षीय एक किशोरी से दुष्कर्म मामले में दोषी करार देते हुए दिल्‍ली की तीस हजारी अदालत ने 20 दिसंबर 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई है.

सेंगर को जिस समय यह सजा सुनाई गई थी, वह उन्नाव जिले के बांगरमऊ से भाजपा विधायक थे. सजा सुनाये जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी.

(प्रशांत श्रीवास्तव के इनपुट्स के साथ)


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1 टिप्पणी

  1. Giving platform to a politician who is symbol of corruption and hooliganism. Are you out of mind, The Print?

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