मुंबई: मराठी अभिनेत्री केतकी चितले ने सितंबर 2021 में ट्रोलिंग पर 16 मिनट का वीडियो पॉडकास्ट डाला था. उसमें वह अपने फॉलोअर्स से कहती है: ‘ट्रोलिंग कानूनी रूप से एक अपराध है और लोग आप पर मुकदमा कर सकते हैं. आपको ऑनलाइन किसी व्यक्ति को धमकाने और ट्रोलिंग के लिए अदालत में घसीटा जा सकता है. और इसी के साथ, आज के लिए बस इतना ही thekelfiegirl.’
सोशल मीडिया पर अपने आपको thekelfiegirl के नाम से बुलाने वाली चितले इस पोडकास्ट के आठ महीने बाद खुद अदालतों के चक्कर लगा रही है. उसने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार को कथित रूप से ट्रोल करते हुए शुक्रवार को अपने फेसबुक पेज पर एक ‘अपमानजनक‘ कविता साझा की थी, जिसके चलते उसे अदालत में कई मामलों का सामना करना पड़ रहा है.
चितले ने नितिन भावे नाम के एक वकील की लिखी गई एक कविता को शेयर किया था जिसमें ‘80 साल के पवार’ का जिक्र है. उन्हें ‘मच्छर’ बताते हुए कहती है कि ये वह है जो ‘ब्राह्मणों से नफरत करता है’ और जिसके लिए ‘नरक प्रतीक्षा कर रहा है.’
रविवार को अपनी अदालत की सुनवाई के दौरान 29 साल की चितले बेफिक्र नजर आई. उसने अपने मामले में बहस करते हुए पोस्ट साझा करने के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया और अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बचाव किया. मराठी फिल्म और टेलीविजन उद्योग के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि वह हमेशा ऐसी ही रही है- बोल्ड, निडर और मुखर. विवाद से उसका नाता बना रहा है.
चितले 18 मई तक पुलिस हिरासत में है.
एनसीपी की फिल्म और संस्कृति प्रकोष्ठ की ठाणे इकाई की अध्यक्ष मराठी अभिनेत्री मेघा घाडगे ने अपने एक बयान में चितले की आलोचना की. पार्टी ने उनके इस बयान का वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने चितले को ‘अटेंशन सीकिंग गर्ल’ बताया.
घडघे ने कहा, ‘ऐसे व्यक्तित्व के बारे में इस तरह की टिप्पणी निश्चित रूप से मानसिक बीमारी का संकेत है. बच्चे, केतकी मैं आपको बता दूं, अगर आपको वास्तव में ऐसी समस्याएं हैं, तो आपको ‘मेडिटेशन’ की सख्त जरूरत है.’
एनसीपी के फिल्म और संस्कृति प्रकोष्ठ की महाराष्ट्र उप प्रमुख मराठी अभिनेत्री असावरी जोशी, ने उसी वीडियो बयान में कहा, ‘हर कोई सोशल मीडिया पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करता है, चाहे वह क्रोध हो, प्रेम हो, खुशी हो या फिर अपमान. लेकिन इसकी एक सीमा होनी चाहिए. लोग सोचते हैं कि वे सोशल मीडिया पर जो चाहें पोस्ट कर सकते हैं, यह गलत है…हमारी संस्कृति हमें ऐसा करना नहीं सिखाती.’
इस बीच भाजपा महाराष्ट्र की उपाध्यक्ष चित्रा वाघ, चितले के समर्थन में उतरती नजर आईं. उनके मुताबिक कानून सभी के लिए समान है और मराठी अभिनेत्री को ट्रोल करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.
वाघ ने ट्विटर पर लिखा, ‘केतकी चितले के खिलाफ अभद्र भाषा में खुलेआम गाली देने वालों और उसे जान से मारने की धमकी देने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई और मामले दर्ज किए जाने चाहिए.’
मीडिया में जिसे लेकर इतना बवाल मचा हुआ है आखिर वह केतकी चितले कौन है?
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‘Thekelfiegirl’ और उनके विवाद
चितले ने स्टार प्रवाह, ज़ी5 और सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले कुछ मराठी धारावाहिकों में अभिनय किया है. ‘तुझा माझा ब्रेकअप’, ‘अम्बत गोड़’ और ‘तुझ्या वचुन करमेना’ से लोग उन्हें जानते हैं.
सेट पर सहकर्मियों के साथ हुए झगड़ों के कारण उन्हें मराठी धारावाहिक ‘लक्ष्मी सदाव मंगलम’ से निकाल दिया गया था. उस समय चितले ने अपने निर्माता पर आरोप लगाया था कि उन्हें मिर्गी की बीमारी की वजह से बाहर का रास्ता दिखाया गया. जबकि निर्माताओं ने उनके इस आरोप को सिरे से नकार दिया था.
बचपन से न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित चितले सोशल मीडिया पर खुद को ‘एपिलेप्सी वॉरियर क्वीन’ कहती हैं. उसके मुताबिक वह इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाना चाहती हैं और अपने विचारों को लगभग एक करोड़ भारतीयों के साथ साझा करती हैं.
सोशल मीडिया पर अपने फॉलोअर्स का मजाक उड़ाना केतकी के लिए सहज है. उनके ये फॉलोअर्स जब उन तक अनचाही सलाह लेकर पहुंचते हैं तो वह उन्हें उनके गलत व्याकरण को लेकर झिड़क देती है. वह सोशल मीडिया पर हुई इस बातचीत को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर हैशटैग ‘मोरोन्सफोर फैन’ के साथ पोस्ट करती हैं.
लेकिन ‘वर्चुअल वर्ल्ड’ में चितले का यह ‘इंटरेक्शन’ उन्हें अनेक बार मुश्किलों में डाल चुका है.
ऐसी ही एक मामला 2019 का है, जब चितले ने मराठी की बजाय हिंदी में मिर्गी के लेकर एक वीडियो पोस्ट किया और भाषा के चयन को लेकर ट्रोलर्स के निशाने पर आ गई. तब उसने एक ट्रोल का जवाब देते हुए छत्रपति शिवाजी का जिक्र किया था. दो मराठा संगठनों ने केतकी के खिलाफ पुलिस मामला दर्ज कराया और कहा कि उसने इस मामले में अनावश्यक रूप से मराठा योद्धा राजा का नाम लेकर उनकी भावनाओं को आहत किया है.
बाद में वह महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मिलीं. उसने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने उस समय उन्हें ट्रोल किया था.
2020 में चितले के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया जा चुका है. उसने कहा था, बौद्ध हर साल 6 दिसंबर को डॉ बाबासाहेब आंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के नाम पर ‘मुफ्त में’ मुंबई की यात्रा करने के लिए चले आते हैं.
उसी साल चितले ने स्टैंड-अप कॉमेडियन एग्रीमा जोशुआ का समर्थन कर, मराठा संगठनों के गुस्से का सामना भी किया. इस कॉमेडियन को अरब सागर में प्रस्तावित शिवाजी स्मारक के बारे में मजाक बनाने के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी पड़ी थी. एक सोशल मीडिया पोस्ट में चितले ने कहा था कि शिवाजी का नाम सुनते ही कुछ लोग भड़क उठते हैं, ऐसे लोगों में मामले को समझ पाने के लिए बुद्धि की थोड़ी कमी होती है.
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