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Thursday, 25 April, 2024
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पंजाब सरकार की मुफ्त बिजली और राशन डिलीवरी जैसी योजना में केजरीवाल के IITian दोस्तों की है अहम भूमिका

दिल्ली में आप सरकार की फ्री वाईफाई हॉटस्पॉट, कोविड प्रबंधन और ईवी नीति को आगे बढ़ाने के लिए ऐप बनाने जैसी प्रमुख योजनाओं के पीछे गोपाल मोहन और जैस्मीन शाह का हाथ रहा है.

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चंडीगढ़: दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कुछ खास सहयोगी और सलाहकार पंजाब में नवगठित आम आदमी पार्टी सरकार के लिए महत्वपूर्ण नीतियों और योजनाओं को तैयार करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इन सलाहकारों में सबसे ऊपर गोपाल मोहन और जैस्मीन शाह का नाम है. ये दोनों केजरीवाल की ही तरह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से स्नातक हैं.

पंजाब सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि राज्य के सभी घरों में हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने और घर-घर राशन पहुंचाने जैसी योजनाओं में मोहन की अहम भूमिका रही हैं. जबकि शाह की टीम बड़े पैमाने पर परिवहन और सामाजिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में नीतियों का मसौदा तैयार करने के लिए रिसर्च में लगी हुई है.

जब से आप पंजाब में सत्ता में आई है, तब से उस पर आरोप लगते रहे हैं कि भगवंत मान दिल्ली में बैठी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के इशारों पर काम करते हैं. सरकार के सभी निर्णय दिल्ली से लिए जा रहे हैं. मान तो सिर्फ नाम के मुखिया हैं. हालांकि मुख्यमंत्री ने दिल्ली नेतृत्व द्वारा नियंत्रित होने के सभी आरोपों को एक सिरे से खारिज कर दिया है. लेकिन यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि वह दिल्ली में बैठे बड़े नेताओं से मदद मांगने में कभी नहीं हिचकिचाए. मंत्रियों और अधिकारियों को सहायता और सलाह के लिए दिल्ली भेजने के बारे में मुखर बने रहे है.

राष्ट्रीय राजधानी में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, साल 2015 से पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने के बाद से मोहन दिल्ली सरकार की कई प्रमुख योजनाओं को तैयार करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

पूरे शहर में सीसीटीवी लगाना, फ्री वाईफाई हॉटस्पॉट, कोविड -19 प्रबंधन के लिए मोबाइल एप बनाना और राशन की डोरस्टेप डिलीवरी इन सभी योजनाओं को बनाने और लागू करने के पीछे मोहन का खास योगदान रहा है. दिल्ली में ‘घर-घर राशन’ पहुंचाने की योजना केंद्र की अनुमति न मिल पाने के कारण लटकी पड़ी है. आप अपनी इस योजना को अब पंजाब में शुरू करने जा रही है. हाल ही में पंजाब सरकार ने इसकी घोषणा की थी.

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आप के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, ‘मोहन अरविंद केजरीवाल के मुख्य सलाहकारों में से एक हैं. इसमें कोई हैरानी नहीं है कि वह पंजाब में नई सरकार की मदद कर रहे हैं. जैसे-जैसे आप का दायरा बढ़ेगा, उनको मिलने वाली जिम्मेदारियों में भी इजाफा होता रहेगा.’

आईआईटी दिल्ली से स्नातक मोहन 2012 में ‘भ्रष्टाचार विरोधी सलाहकार’ के रूप में आप में शामिल हुए थे. वह 2015 से केजरीवाल के नीतिगत मामलों के सलाहकार हैं.

शाह आईआईटी मद्रास और अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं. वह दिल्ली के संवाद और विकास आयोग के उपाध्यक्ष हैं. शाह की अपनी एक टीम है और वह सीधे केजरीवाल को रिपोर्ट करते हैं. शाह काफी समय से दिल्ली के वित्त और परिवहन मंत्रालयों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

ऊपर उद्धृत दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कम से कम चार सालों से, शाह बजट और परिवहन नीतियों पर आप सरकार के सलाहकार रहे हैं. वह इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति और बस मार्ग सुव्यवस्थीकरण जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के लिए रूपरेखा तैयार करने में सरकार के खास लोगों में से एक हैं.


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पंजाब के अधिकारियों को दिल्ली में ‘ट्रेनिंग’, विपक्ष का हमला

पार्टी को 10 मार्च की मिली भारी जीत के एक दिन बाद पंजाब में नव निर्वाचित आप विधायकों के साथ अपनी पहली बातचीत में भगवंत मान ने कहा था कि उन्हें दिल्ली से सुझाव लेने में कोई गुरेज नहीं है. बाद में उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

23 मार्च को पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, बजट तैयार करने और पेश करने के प्रशिक्षण के लिए दिल्ली आए, तब उन्होंने दिल्ली विधानसभा के बाहर एक बातचीत में ये बात दिप्रिंट को बताई थी.

पार्टी उस समय विपक्ष के निशाने पर आ गई जब पंजाब सरकार के दो बड़े अधिकारियों ने केजरीवाल से 11 अप्रैल को दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की. पंजाब में विपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य की आप सरकार पर दिल्ली में पार्टी नेताओं का नियंत्रण है.

हालांकि, बाद में मान ने जोर देकर कहा कि उन्होंने ही अधिकारियों को ‘प्रशिक्षण’ के लिए दिल्ली भेजा था और फिर से ऐसा करने में उन्हें कोई संकोच नहीं होगा.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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