नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख नीति आयोग की बैठक में आने से असमर्थता जताई है. केजरीवाल ने लिखा, “अगर देश के प्रधानमंत्री ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को मानने से मना करते हैं तो लोग फिर न्याय के लिए कहां जाएंगे ? प्रधानमंत्री जी, आप देश के पिता समान हैं. आप गैर बीजेपी सरकारों को काम करने दें, उनका काम रोकें नहीं. लोग आपके अध्यादेश से बहुत नाराज हैं. मेरे लिए कल की नीति आयोग की मीटिंग में शामिल होना संभव नहीं होगा.”
उन्होंने लिखा, “जब खुलेआम संविधान का मजाक बनाया जा रहा हो तो मीटिंग में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता.”
अगर देश के प्रधानमंत्री ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को मानने से मना करते हैं तो लोग फिर न्याय के लिए कहाँ जाएँगे ?
प्रधानमंत्री जी, आप देश के पिता समान हैं। आप ग़ैर बीजेपी सरकारों को काम करने दें, उनका काम रोकें नहीं
लोग आपके अध्यादेश से बहुत नाराज़ हैं। मेरे लिए कल की नीति आयोग… pic.twitter.com/LN3YtFnfDs
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 26, 2023
केजरीवाल ने आगे लिखा कि बीते 8 साल से दिल्लीवासियों की लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया, लेकिन सिर्फ 8 दिन में प्रधानमंत्री ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलट दिया.
उन्होंने लिखा, “आज अगर दिल्ली सरकार का कोई अधिकारी काम ना करे तो लोगों के द्वारा चुनी गई सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकती. इस तरह सरकार कैसे काम कर पाएगी. ये तो दिल्ली सरकार को बिल्कुल कमजोर बनाया जा रहा है. क्या यही देश का विजन है. क्या यही सहकारी संघवाद है.”
आखिर क्या है वजह
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की लड़ाई की वजह पावर को लेकर है. बीते 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेंगे. इसके बाद 20 मई को केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई और ये अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए. आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार के इसी अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं.
27 मई को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक होने वाली है. इसमें सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश के मुख्यमंत्री और उप राज्यपालों को आमंत्रित किया गया है. केजरीवाल ने इसी बैठक में जाने से असमर्थता जताई है.
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