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Thursday, 2 May, 2024
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KCR को दोनों सीटों पर मिलेगी कड़ी टक्कर, तेलंगाना कांग्रेस चीफ रेवंथ रेड्डी और पुराने साथी इटाला होंगे सामने

तेलंगाना सीएम और बीआरएस प्रमुख के सामने कड़ा मुकाबला है. उन्हें कामारेडी में रेवंथ रेड्डी और गजवेल में इटाला राजेंदर का सामना करना पड़ेगा. वहीं कांग्रेस ने सीपीआई के साथ समझौता कर लिया है जबकि सीपीआई (एम) ने अकेले चुनाव लड़ने की योजना बनाई है.

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हैदराबाद: तीसरी बार सीएम बनने की कोशिश में लगे भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के संस्थापक और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) दोनों विधानसभाओं, -कामारेडी और गजवेल- जहां से उन्होंने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है, में एक कड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं.

कांग्रेस ने सोमवार को घोषणा की कि उसके राज्य प्रमुख रेवैंथ रेड्डी कामरेडी में केसीआर के सामने लड़ेंगे.

वहीं गजवेल में, केसीआर कभी उनके सहायक रहे और पूर्व बीआरएस मंत्री इटाला राजेंदर के सामने कड़ी टक्कर मिलेगी. राजेंदर भाजपा के उम्मीदवार हैं. वह भाजपा की चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भी हैं.

बीआरएस सूत्रों के मुताबिक, सीएम 9 नवंबर को दोनों सीटों से अपने नामांकन दर्ज करेंगे.

खास बात यह है कि, रेड्डी और राजेंदर दोनों अपने अपने क्षेत्रोंं से भी चुनाव लड़ रहे हैं, जो कि उनका गढ़ है. जैसे – इटाला, गजवेल के अलावा हुजुराबाद से भी चुनाव लड़ रहे हैं जहां से उन्होंने कई बार चुनाव जीता है, जिसमें 2021 का उपचुनाव भी शामिल है जब वह बीजेपी कैंडीडेट थे. रेवंथ ने सोमवार को कोडंगल से अपना नामांकन पत्र दायर किया. इस सीट से उन्होंने दो बार (2009 और 2014) तेलुगु देश (टीडीपी) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता था लेकिन 2018 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में बीआरएस से हार गए थे.

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मलकाजगिरी से लोकसभा सांसद रेड्डी, 2017 में कांग्रेस में शामिल हुए थे और 2021 में तेलंगाना इकाई के प्रमुख बने.

तेलंगाना में 30 नवंबर को वोटिंग होनी है.


यह भी पढ़ेंः YSRTP नेता वाईएस शर्मिला तेलंगाना की रेस से हुईं बाहर, कहा- BRS के खिलाफ कांग्रेस का समर्थन करूंगी 


कांग्रेस और सीपीआई के बीच डील

तेलंगाना चुनावों के लिए कांग्रेस की तीसरी सूची सोमवार को जारी की गई जिसमें 16 कैंडीडेट्स के नाम थे. इसमें पार्टी द्वारा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के साथ एक पोल डील करने के बाद लोकल फीडबैक के आधार पर दो बदलाव किए गए थे.

वामपंथी पार्टी को खम्मम क्षेत्र में कोठगुडेम निर्वाचन क्षेत्र दिया गया है, इस वादे के साथ कि अगर तेलंगाना में कांग्रेस सत्ता में आती है तो इसे दो एमएलसी सीटें दी जाएंगी.

रेवंथ की उपस्थिति में सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव के नारायण ने हैदराबाद में की गई एक घोषणा में कहा, “हमारा उद्देश्य तेलंगाना को केसीआर राज से मुक्त करना है. के. कविता को बीआरएस और भाजपा के बीच एक समझौते के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया था.”

नारायण केसीआर की बेटी और बीआरएस पार्टी की विधायक कविता के दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में कथित रूप से भागीदारी और केंद्रीय जांच और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उसके बाद पूछताछ का उल्लेख कर रहे थे.

सीपीआई ग्रैंड एलायंस (प्रजा-कुटमी या पीपुल्स एलायंस) का हिस्सा था, जिसे कांग्रेस ने 2018 के राज्य चुनावों के लिए टीडीपी और तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) के साथ बनाया था. प्रोफेसर एम कोडंडारम के नेतृत्व में टीजेएस ने बिना किसी भी सेगमेंट में चुनाव लड़े बिना इस बार कांग्रेस को समर्थन दिया है.

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) या सीपीआई (एम) 2018 प्रजा-कुटमी का हिस्सा नहीं था. इस बार कांग्रेस के साथ असफल बातचीत के बाद, जिसने कथित तौर पर उसके सामने भी वही प्रस्ताव रखा था जो कि सीपीआई के सामने रखा था, सीपीआई (एम) ने रविवार को तेलंगाना के लिए 14 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची की घोषणा की.

2018 के तेलंगाना पोल में, दोनों वामपंथी पार्टियां एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हो सकी थीं.

टीडीपी चुनावों से बाहर है, जबकि वाईएस शर्मिला की पार्टी वाईएसआरटीपी ने कांग्रेस को समर्थन की घोषणा की है.

अधिक लोगों के भाजपा छोड़ने के उम्मीद

कांग्रेस द्वारा प्रचारित की जा रही कहानी कि भाजपा और बीआरएस के बीच एक “गुप्त समझ” है, भाजपा को परेशान कर रही है. खास कर ऐसे परिस्थिति में जब हाई कमान द्वारा जुलाई में करीम नगर से सांसद बंदी संजय को राज्य प्रमुख के पद से हटाने के बाद पार्टी को असंतोष और विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

2004 के चुनावों का स्पष्ट रूप से संदर्भ देते हुए इटाला राजेंदर ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, “अगर भाजपा और बीआरएस के बीच ऐसा कोई समझौता है तो मैं गजवेल में केसीआर से क्यों लड़ूंगा? यह बीआरएस ही थी जिसने अतीत में कांग्रेस के साथ समझौता किया था.”

मनुगोडे से विधायक कोमातिरेड्डि राजगोपाल रेड्डी ने पिछले महीने इस आरोप के बाद पार्टी छोड़ दी कि कविता के मामले में कोई एक्शन नहीं लिया गया. पूर्व सांसद जी विवेकानंद ने भी बीजेपी छोड़कर फिर से एक बार कांग्रेस ज्वाइन कर लिया.

राजगोपाल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और उन्हें मनुगोडे से ही उम्मीदवार घोषित किया गया है जिसे वह 2022 के उपचुनाव में बीआरएस से हार गए थे. विवेकानंद को सोमवार रात जारी कांग्रेस सूची में चेन्नूर (एससी आरक्षित) से टिकट दिया गया है.

पेडपल्ली से कांग्रेस सांसद रहे विवेकानंद, तेलंगाना भाजपा के 2023 पोल मैनिफेस्टो कमिटी के अध्यक्ष थे. वह बीआरएस के साथ भी बीच में जुड़े हुए थे.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कुछ और नेता आंतरिक संघर्ष से जूझ रही बीजेपी को छोड़ सकते हैं.

पार्टी नेतृत्व से नाराज़गी व्यक्त करने वाली “लेडी सुपरस्टार” से राजनेता बनीं एम विजयशांति, का नाम सोमवार को जारी भाजपा स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं दिखा. हालांकि, तेलंगाना बीजेपी के एक देर रात के बयान में कहा गया है कि यूनिट प्रमुख किशन रेड्डी ने विजयशांति को स्टार प्रचारक के रूप में शामिल किया है.

(संपादनः शिव पाण्डेय)

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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