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Monday, 14 October, 2024
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कालेश्वरम पर सेंट्रल पैनल की रिपोर्ट के बाद चुनावी राज्य तेलंगाना में विपक्ष ने BRS को घेरा

राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण ने मेडिगड्डा बैराज के खंभों के डूबने के लिए प्लानिंग, गुणवत्ता नियंत्रण कमियों को ज़िम्मेदार बताया है. जबकि भाजपा, कांग्रेस ने केसीआर पर हमला बोलते हए भ्रष्टाचार को मूल कारण बताया.

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हैदराबाद: तेलंगाना विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले, मेदिगड्डा बैराज खंभों के डूबने पर राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए) की एक तीखी रिपोर्ट ने राज्य की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार को परेशानी में डाल दिया है.

केंद्रीय पैनल ने 21 अक्टूबर को कुछ खंभों के डूबने के लिए प्लानिंग, डिज़ाइन, क्वालिटी कंट्रोल और ऑपरेशन-मेंटेनेंस को ज़िम्मेदार ठहराया, जो कि गोदावरी पर कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना (केएलआईपी) का हिस्सा थे.

के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार केएलआईपी – जिसे दुनिया की सबसे बड़ी मल्टी-स्टेज लिफ्ट सिंचाई परियोजना के रूप में जाना जाता है – को अपनी प्रमुख उपलब्धि के रूप में बताती है, और अक्सर इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं देने के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले केंद्र की आलोचना करती है.

Crack in pier no. 20 of 7th block of Medigadda Barrage | Source: NDSA report
मेदिगड्डा बैराज के 7वें ब्लॉक के पिलर नंबर 20 में दरार स्रोत: एनडीएसए रिपोर्ट

बुधवार को तेलंगाना सरकार को भेजी गई और शुक्रवार को सार्वजनिक की गई रिपोर्ट ने विपक्षी दलों कांग्रेस और भाजपा को बीआरएस पर नए सिरे से हमला करने का मौका दे दिया. यह सब ऐसे वक्त में हो रहा है जब बीआरएस तीसरी बार सत्ता में वापसी करने के लिए मतदाताओं से अपील कर रहा है.

कांग्रेस और भाजपा कालेश्वरम परियोजना को मुख्यमंत्री केसीआर द्वारा किए गए “भ्रष्टाचार” के प्रतीक के रूप में जनता के सामने पेश कर रहे हैं, जिसमें मनमाने ढंग से डिजाइन में बदलाव करने, घटिया काम और 1 लाख करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है.

तेलंगाना कांग्रेस ने शुक्रवार रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर कालेश्वरम परियोजना के फेल होने की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की, जबकि करीमनगर के सांसद और पूर्व तेलंगाना भाजपा प्रमुख बंदी संजय ने मांग की कि नुकसान की भरपाई केसीआर से की जानी चाहिए.

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को एक्स पर पोस्ट किया, “एक्सपोज़्ड! के चन्द्रशेखर राव के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार का भ्रष्टाचार निराशाजनक रूप से उजागर हो गया है. यह जानना डरावना है कि बीआरएस सरकार के लालच और भ्रष्टाचार के कारण लाखों लोगों की जान जोखिम में पड़ी और करदाताओं के करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ.”

गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दक्षिण तेलंगाना में चुनाव प्रचार करते हुए राज्य कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी के साथ बैराज का दौरा किया. गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, “मैंने बैराज का दौरा किया, जो तेलंगाना में भ्रष्टाचार से ग्रस्त कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई योजना का एक हिस्सा है. घटिया निर्माण के कारण कई खंभों में दरारें आ गई हैं और रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि खंभे डूब रहे हैं.”

राज्य में 30 नवंबर को चुनाव होने हैं, कालेश्वरम फिर से विपक्ष का फोकस बन गया क्योंकि 21 अक्टूबर को मेदिगड्डा (लक्ष्मी) बैराज के तीन ब्लॉकों में छह खंभे डूब गए. बैराज के ऊपर सड़क पर गड्ढे के दृश्य सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर वायरल हो गए और भाजपा, कांग्रेस ने बीआरएस पर अपना हमला तेज कर दिया.

केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना भाजपा प्रमुख किशन रेड्डी द्वारा जांच के लिए शेखावत को लिखे पत्र के बाद, एनडीएसए की एक टीम ने मेदिगड्डा का निरीक्षण किया और 23 से 25 अक्टूबर के बीच राज्य के सिंचाई अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकें कीं.

एनडीएसए के अध्यक्ष (अतिरिक्त प्रभार) संजय सिब्बल द्वारा विशेष मुख्य सचिव, सिंचाई और सीएडी विभाग, तेलंगाना, रजत कुमार को भेजी गई निरीक्षण रिपोर्ट को रेड्डी और संजय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शुक्रवार को साझा किया था.

शनिवार को, किशन रेड्डी ने एक्स पर मेडिगड्डा बैराज का दौरा करते हुए एक मैसेज के साथ वीडियो पोस्ट किया.

हालांकि, तेलंगाना के सिंचाई अधिकारियों ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि मेडिगड्डा में दरार केएलआईपी की रिडिज़ाइनिंग – वाई एस राजशेखर रेड्डी सरकार द्वारा 2008-2009 में प्राणहिता-चेवेल्ला सुजला श्रावंती की परिकल्पना – की वजह से नहीं बल्कि रेत के कटाव से उत्पन्न हुआ था.


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क्या है परियोजना

तेलंगाना के तत्कालीन राज्यपाल ई.एस.एल. नरसिम्हन और केसीआर द्वारा जून 2019 में इसका उद्घाटन किया गया. उस वक्त उनके साथ आंध्र प्रदेश के सीएम वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी और महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे. उद्घाटन के साथ से ही कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना विवादों, कमियों और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गई है.

File photo of Telangana Governor E S L Narasimhan, CM K Chandrasekhar Rao with Maharashtra CM Devendra Fadnavis, Andhra Pradesh CM YS Jaganmohan Reddy and others at the inauguration of the Kaleshwaram Lift Irrigation Project | PTI
कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना के उद्घाटन पर तेलंगाना के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी और अन्य के साथ मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव की फाइल फोटो | पीटीआई

परियोजना का उद्देश्य सिंचाई के लिए 169 हजार मिलियन क्यूबिक फीट (टीएमसी), हैदराबाद की पेयजल जरूरतों के लिए 30 टीएमसी, औद्योगिक उपयोग के लिए 16 टीएमसी पानी प्रदान करना था.

जुलाई 2022 में, बाढ़ के पानी ने कन्नेपल्ली पंप हाउस में परियोजना के बड़े पैमाने पर बड़े मोटरों को जलमग्न कर दिया क्योंकि अतिरिक्त पानी बैराज में बह गया, जिससे राज्य सरकार को भारी नुकसान हुआ.

मेगिडड्डा की घटना के बाद तेलंगाना पुलिस ने हैदराबाद से करीब 250 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में बैराज के इलाके की घेराबंदी कर दी थी.

क्या कहती है NDSA की रिपोर्ट

एनडीएसए की रिपोर्ट के अनुसार: “मेडिगड्डा बैराज के एक ब्लॉक में खराबी की स्थिति बैराज की कार्यक्षमता पर इस तरह से प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है, कि वर्तमान स्थिति में इसे पूरी तरह से ठीक करने की ज़रूरत आ पड़ी है.”

क्षतिग्रस्त ब्लॉक को काम करने लायक बनाने के लिए इसकी संरचना को पूरी तरह से ठीक करना पड़ेगा, यह चेतावनी देते हुए कहा गया है कि “समानताओं को ध्यान में रखते हुए, बाकी के ब्लॉक्स के खराब होने की संभावना मौजूद है. इससे पूरे बैराज का को फिर से ठीक करना जरूरी हो जाएगा. वर्तमान स्थिति में जलाशय भरने से बैराज की सेहत खराब हो जाएगी और इसका सहारा नहीं लिया जाना चाहिए.

एनडीएसए ने परियोजना उपकरण डेटा, प्री-मॉनसून और पोस्ट मॉनसून निरीक्षण रिपोर्ट, पूर्णता रिपोर्ट, गुणवत्ता नियंत्रण रिपोर्ट, गेटों की स्थिति और अन्य इनपुट पर जानकारी जमा नहीं करने के लिए तेलंगाना सिंचाई विभाग को भी दोषी ठहराया है, जो कि विजिटिंग टीम ने मामले की गहराई से जांच के लिए मांगी थी.

बीआरएस के लिए मामला और भी जटिल हो गया है, बुधवार को सुंडिला (पार्वती) और अन्नाराम (सरस्वती) बैराज, जो केएलआईपी का भी हिस्सा हैं, में व्यापक रिसाव देखा गया.

एनडीएसए रिपोर्ट भी तेलंगाना सरकार से इन बैराजों की जांच करने के लिए कहती है. “कालेश्वरम परियोजना के तहत मेडिगड्डा के अपस्ट्रीम में निर्मित दो बैराज, अन्नाराम और सुंडीला बैराज, के डिजाइन और निर्माण पद्धतियां समान हैं, जिससे उनमें उनमें उसी तरह की परेशानी आने का खतरा है. अन्नाराम बैराज के निचले हिस्से में ब्वॉयलिंग के संकेत पहले से ही मौजूद हैं, जो कि दिखा रहा है कि इसमें खराबी आ सकती है. इस बैराजों की भी पाइपिंग/संकट की जांच की जानी चाहिए.”

(संपादनः शिव पाण्डेय)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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