नई दिल्ली: कर्नाटक में जारी सियासी संकट और राजनीतिक उठापटक दिन ब दिन गहराता जा रहा है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने बताया कांग्रेस पार्टी के विधायक रामलिंगा रेड्डी बंगलूरू में किसी गुप्त स्थान पर मीटिंग बुलाई है. दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने आज लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. कांग्रेस पार्टी का कहना है कि ‘कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है भाजपा.’
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए उन्होंने ब्रेकफास्ट मीटिंग बुलाई है जिसमें उन्होंने कांग्रेस पार्टी के विधायकों को निमंत्रण दिया है. इस मीटिंग में मौजूदा राजनीतिक स्थिति और उठापटक पर बात की जाएगी.
जी परमेश्वर ने यह भी कहा कि कर्नाटक की राजनीतिक में जो भी कुछ हो रहा है उसके पीछे भारतीय जनता पार्टी का हाथ है. हम समझ रहे हैं कि वह (भाजपा) क्या चाहती है. अगर जरूरत पड़ी तो हम सभी इस्तीफा दे सकते हैं. नौ बागी विधायकों के शनिवार के इस्तीफे के बाद इस संकट से निपटने के लिए नौ जुलाई को अपने सभी 78 विधायकों की बैठक बुलाई है. इससे पहले कांग्रेस के विधायक आनंद सिंह (विजयनगर) ने एक जुलाई को इस्तीफा दे दिया था, जिसे मिलाकर बागी विधायकों की संख्या 13 हो गई है.
इसी बीच एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी कांग्रेस पार्टी से विधायक रामलिंगा रेड्डी से मुलाकात करेंगे. समाचार एजेंसी ने सूत्रों का हवाला देते हुए लिखा है कि मीटिंग किसी गुप्त स्थान पर होगी. 13 महीने पुरानी कर्नाटक गठबंधन की सरकार में वैसे तो शुरुआत से ही हलचल बनी हुई ह लेकिन शनिवार को कांग्रेस और विधायक के इस्तीफे के बाद सरकार अल्पमत में आ गई है.
Karnataka Deputy CM G Parameshwara: I've called a breakfast meeting of all the Ministers belonging to Congress party, to discuss the present political developments & the fallout. We know what BJP is trying to do. If need be, all of us may resign & then accommodate the MLAs pic.twitter.com/zQKoJBzuqD
— ANI (@ANI) July 8, 2019
कांग्रेस प्रवक्ता रवि गौड़ा ने कहा, ‘कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता सिद्धारमैया ने सभी विधायकों को निर्देश दिया है कि वे मंगलवार (नौ जुलाई) को सुबह 9.30 बजे विधानसभा भवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में सभी मुद्दों पर चर्चा करें, जिसमें शनिवार को इस्तीफा देने वालों की चिंताएं भी शामिल हैं.’
सीएलपी बैठक आयोजित करने का निर्णय पार्टी की राज्य इकाई के नेताओं की बैठक में लिया गया, जिसमें सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री जी. परमेस्वरा, पार्टी की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष ईशर कंद्रे और पार्टी के कर्नाटक प्रभारी के.सी. वेणुगोपाल शामिल रहे.
गौड़ा ने कहा, ‘पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे वरिष्ठ पार्टी नेता भी बैठक में भाग लेंगे.’
विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार मंगलवार को ही विधायकों के त्याग-पत्रों पर गौर करेंगे. विधायकों ने कुमार की अनुपस्थिति में अपने इस्तीफे उनके निजी सचिव को सौंप दिए थे.
इनमें नौ कांग्रेस और तीन जनता दल (सेक्युलर) के विधायकों के इस्तीफे हैं.
पार्टी के एक सूत्र ने बताया, ‘चूंकि विद्रोही विधायक शनिवार को व्यक्तिगत रूप से इस्तीफा देने के लिए कुमार से मुलाकात नहीं कर पाए थे, इसलिए उन्होंने अपने त्याग-पत्रों में उल्लिखित कारणों को स्वीकार करने पर जोर देने के लिए उनसे मंगलवार को मिलने का समय मांगा है.’
पार्टी में मचे घमासान के बीच रविवार शाम बंगलूरू के एर पांचसितारा होटल में हुई अहम बैठक में जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा, उनके बेटे और राज्य के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर के अलावा कांग्रेस नेता शामिल हुए. कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बीच और कुछ विधायकों द्वारा सिद्धारमैया को सीएम बनाए जाने की शर्त पर पार्टी में वापस लौटने की खबरों के बीच जेडीएस को इससे आपत्ति नहीं है.
सीएम एचडी कुमारस्वामी के अमेरिका से वापस लौटने के बाद हुई इस बैठक से पहले मंत्री जीटी देवेगौड़ा ने कहा कि अगर समन्वय समिति सिद्धारमैया को सीएम बनाती है तो हमें आपत्ति नहीं है. माना जा रहा है कि कांग्रेस-जेडीएस के 12 विधायकों के इस्तीफे के बाद जारी राजनीतिक अस्थिरता को रोकने के लिए कुमारस्वामी इस्तीफा दे सकते हैं और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे या फिर सिद्धारमैया एक बार गठबंधन सरकार में नए मुख्यमंत्री बन सकते हैं.