Challenge accepted, Virat! I will be sharing my own #FitnessChallenge video soon. @imVkohli #HumFitTohIndiaFit https://t.co/qdc1JabCYb
— Narendra Modi (@narendramodi) May 24, 2018
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विराट कोहली द्वारा एक फिटनेस चैलेंज दिया गया जो कोहली को राज्यवर्धन राठौर से मिला था। यह है #हमफिटतोइंडियाफिट (सभी मंत्रियों को देखें जिन्होंने इस चुनौती को अब तक स्वीकार किया है
@ManojTiwariMP, @jayantsinha, @KirenRijiju या पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी @Ra_THOR, सभी अपने अपने कार्यालयों में ‘सूर्यनमस्कार’ के अलग-अलग मन्त्रों का उच्चारण करते हुए फॉर्मल कपड़ों और जूतों में दिखाई दे रहे हैं, और सभी को @narendramodi द्वारा रिट्वीट किया गया है)।
इससे राहुल गाँधी को ताना मारने का एक बहाना मौक़ा मिल गया कि:
Dear PM,
Glad to see you accept the @imVkohli fitness challenge. Here’s one from me:
Reduce Fuel prices or the Congress will do a nationwide agitation and force you to do so.
I look forward to your response.#FuelChallenge
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 24, 2018
“प्रिय प्रधानमंत्री, आपके द्वारा @imVkohli का फिटनेस चैलेंज स्वीकार करते देख ख़ुशी हुई। मेरी भी तरफ से एक चैलेंज: ईंधन की कीमतें कम कीजिए नहीं तो कांग्रेस आपसे ऐसा करवाने के लिए राष्ट्रव्यापी आन्दोलन करेगी। मुझे आपकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा।”#FuelChallenge
राहुल आज कल उत्साहित हैं क्योंकि उन्होंने कर्नाटक में मोदी और अमित शाह की राजनीतिक चुनौती को शिकस्त दी है। इस सप्ताह की शुरुआत में दक्षिणी राज्य में हार के बाद प्रधानमंत्री ने एक चुप्पी बरकरार रखी है। पुतिन और उनके लिए रूसी शिल्पकारों द्वारा वाद्ययंत्र बजाना, पुतिन के साथ मेधावी बच्चों के एक विद्यालय की यात्रा करना, सोची के ब्लैक सी रिसॉर्ट पर उनके बोचरोव क्रीक ग्रीष्मकालीन निवास पर पुतिन के साथ नाव की सवारी करते हुए फोटोग्राफ में अभी बहुत कुछ हास्य शेष है। यहाँ देखें वीडियो…
इस सप्ताह की शुरुआत में एक दिन की रूस की सैर निश्चित रूप से प्रधानमंत्री के चेहरे पर मुस्कान वापस लायी है। सोची में बिताये अपने आठ घंटों में से साढ़े छः घंटे उन्होंने रुसी राष्ट्रपति के साथ बिताये। पुतिन ने ‘हिंदी रुसी भाई-भाई’ के अच्छे पुराने दिनों की यादों को ताजा करते हुए वास्तव में और लाक्षणिक रूप से प्रधानमंत्री का लीक से हटकर स्वागत किया। कई S-400 वायु रक्षा प्रणालियों के लिए रूस को 4.5 बिलियन डॉलर अदा करने के भारत के वादे के साथ दिल्ली किसी भी रंग का कारपेट मांग सकती थी और इसे ये मिला भी।
जब जेडी(एस) और कांग्रेस ने सरकार बनाई तब दोपहर में प्रधानमंत्री द्वारा कर्नाटक के नये मुख्यमंत्री @hd_kumaraswamy और उप मुख्यमंत्री @DrParameshwara को बधाई देते हुए एक एकलौता ट्वीट किया गया। चार वर्षों में यह पहली बार है जब भाजपा इस तरह की एक करीबी चुनावी लड़ाई हारी है। यह प्रधानमंत्री के करीबी सहयोगी और विश्वासी व्यक्ति भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से पूछने के लिए छोड़ दिया गया कि कांग्रेस किस बात का जश्न मना रही थी। शाह ने कहा कि “अनुच्छेद 356 का दुरूपयोग करके 50 से अधिक सरकारों को खारिज करने का इतिहास रखने वाली एक पार्टी को लोकतंत्र पर हमें ज्ञान देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।”
लेकिन यदि इन पिछले चार सालों में प्रधानमंत्री की प्रदर्शित महत्वाकांक्षाओं को देखा जाए, तो वह जल्द ही कर्नाटक से सबक सीख लेंगे। वह विपक्ष को एक होने से रोकने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे और 2019 में एकल-पुरुष-केन्द्रित शैली के चुनाव से अपना ध्यान हटायेंगे। यह मोदी के ही हित में है कि वह ‘मोदी बनाम अन्य’ के नज़रिए को आगे बढ़ाएं और विपक्ष को असंतुलित रखें जिससे विपक्ष अपनी खुद की क्षेत्रीय शक्तियों पर जोर न दे सके।
जैसे ही देश आम चुनावों के लिए उलटी गिनती शुरू करता है, अगले 12 महीनों में मोदी द्वारा फूट डालो राज करो वाली रणनीति लागू होने की सम्भावना है। भाजपा के प्रवक्ता बार बार पूछेंगे कि क्या राहुल गाँधी मोदी को चुनौती दे पाएंगे या, क्या संगठित विपक्ष का चेहरा शरद पवार या ममता बनर्जी या मायावती या अखिलेश यादव…..या कोई और होगा? मोदी के नेतृत्व में भाजपा विपक्ष को 1996, जब कुमारस्वामी के पिता देवगौड़ा मात्र 10 महीने के लिए प्रधानमंत्री बने थे, से भी ज्यादा थके हुए तथा और अधिक खंडित 2018-संस्करण के रूप में चित्रित करने की कोशिश करेगी।
सही समय पर सही कपड़ों के लिए प्रधानमंत्री का शौक जगजाहिर है। वुहान की तरह सोची में उन्होंने कसा हुआ चूड़ीदार कुर्ता पहन रखा था जो जवाहर लाल नेहरु को गर्व महसूस कराएगा। एक सप्ताह पहले, जैसा कि उन्होंने ब्लॉक चेन के महत्व और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस जैसे मुद्दों पर बात करते हुए जम्मू में शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाषण दिया था, उस समय प्रधानमंत्री ने लाल मखमल और सुनहरे किनारे वाली पोशाक व सुनहरे टेसल के साथ लाल मखमल की चौकोर टोपी पहन रखी थी जिसे ‘मोर्टारबोर्ड’ कहा जाता है।
ऐसा लगता है कि मोर्टारबोर्ड 14 वीं और 15 वीं सदी में रोमन कैथोलिक पादरी द्वारा पहने जाने वाली ‘बिरेट्टा’ टोपी पर आधारित है। यह यूरोप के महान मध्ययुगीन विश्वविद्यालयों में छात्रों और कलाकारों द्वारा पहनी जाती थी – इनमें से कई विश्वविद्यालयों के पास इमारतें नहीं थीं, इसलिए वे गर्माहट के लिए लम्बे गाउन और टोपियाँ पहन कर ठंडे चर्चों में मिलते थे।
यह आश्चर्यजनक होगा कि यदि प्रधानमंत्री को किसी ने बताया हो कि उनका गाउन और टोपी रोमन कैथोलिक पादरियों के पूर्वजों से सम्बंधित है। शुद्ध संयोगवश, दिल्ली के रोमन कैथोलिक धर्माध्यक्ष अनिल कूटो ने एक सार्वजनिक पत्र में इस हफ्ते राजधानी में सभी चर्चों से अपील की कि वह धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा करने वाले ‘उपद्रवी राजनीतिक वातावरण’ को शांत करने की आशा के साथ प्रार्थनाओं और उपवास का एक अभियान प्रारंभ करें।
भाजपा प्रवक्ता एन.सी. शायना और आरएसएस नेता राकेश सिन्हा की तीव्र प्रतिक्रिया के चलते कूटो तुरंत पीछे हट गये और कहा, “इसका मोदी सरकार से कोई लेना देना नहीं है।”
इस मुश्किल सप्ताह में समय निकाल के कुछ योग करना बेहतर है। नमो वेबसाइट www.narendramodi.in, पर इस हफ्ते दो योगासन हैं – पवनमुक्तासन और सेतुबंधासन।
Read in English: After Karnataka loss, Putin brings a smile to Modi’s face while Kohli leaves him sweating