नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम के लिए गिनती शुरू हो चुकी है. एग्जिट पोल के आंकड़े को माने तो राज्य में सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है. एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी का सत्ता से बाहर जाना तय है और कांग्रेस सत्ता में आ रही है. हालांकि, कुछ एग्जिट पोल में कांग्रेस के पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. लेकिन, अपनी जीत को आश्वस्त कांग्रेस पार्टी ने चुनाव परिणाम आने से पहले ही जश्न मनाना शुरू कर दिया है. आज सुबह से ही दिल्ली स्थित कांग्रेस के केंद्रीय मुख्यालय में ढोल नगाड़े बजने शुरू है. कई नेता पार्टी दफ्तर में आ चुके हैं. हवन-पूजन करवाया जा रहा है.
10 मई को हुआ था मतदान
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 10 मई को एक ही चरण में हुआ था. कर्नाटक में 73.19 प्रतिशत (3.88 करोड़) का रिकॉर्ड मतदान दर्ज किया गया है जो 1957 में मैसूर राज्य से अलग किए जाने के बाद सबसे अधिक मतदान बताया जा रहा है. भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के अनुसार, राज्य भर के 58,282 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ, जिसमें 5.23 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं. कर्नाटक में 224 विधानसभा क्षेत्रों में से 36 अनुसूचित जाति (एससी) और 15 अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं.
कर्नाटक में इस बार सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच रहा है. दोनों पार्टियों ने सत्ता में आने के लिए अपना पूरा जोर लगाया था.
मौजूदा भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता को बनाए रखने के लिए ‘डबल इंजन’ सरकार (केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी और राज्य में एक भाजपा सरकार), हिंदुत्व और लिंगायतों के बीच समर्थन – जो राज्य की आबादी का 17% है, के तख्तों पर टिकी हुई है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस थी. इसके ‘पांच वादे’ और आकर्षक ‘PayCM’ और ‘TroubleEngineSarkara’ कैंपेन ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं.
लेकिन कर्नाटक का पिछले 38 साल का रिकॉर्ड रहा है कि यहां किसी भी पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं हुई है.
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